- कई बिन्दुओं पर चर्चा कर दर्ज कराई आपत्तियां
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रस्तावित सर्किल रेट को लेकर कैंट विधायक ने डीएम से मुलाकात की और कई बिन्दुओं पर चर्चा करते हुए अपनी आपत्तियां दर्ज कराई। कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने डीएम दीपक मीणा से कहा कि उपनिबंधकों द्वारा अधिकतम क्षेत्रों में 20 प्रतिशत अथवा उससे अधिक की वृद्धि प्रस्तावित की गयी थी।
जोकि अनुचित है, क्योंकि पिछले लगभग 2-3 वर्षों से मेरठ सहित पूरा विश्व कोरोना महामारी से हुये दुष्प्रभावों तथा इस महामारी के कारण व्यापारिक हानि से जूझ रहा है। सीधा प्रभाव रियल एस्टेट व्यापार पर भी पढ़ा है। जिस कारण आमजन भूमि/प्लाट का कर बनाना करने में असमर्थ हो जायेगा। अत: समस्त जनपद में किसी भी क्षेत्र में किसी भी भूमि का सर्किल रेट 10 प्रतिशत से अधिक किसी भी परिस्थिति में ना बढ़ाया जाये। प्रस्तावित औद्योगिक दरों में भी बेतहाशा वृद्धि प्रस्तावित की गई है।
औद्योगिक दरे भी 10 प्रतिशत तक ही सीमित रखी जाये तथा औद्योगिक दरे उसे क्षेत्र के लिये प्रस्तावति आवासीय दूरों को 75 प्रतिशत ही रखी जाये तथा औद्योगिक बैनामों के लिये जीएसटी की बाध्यता न रखी जाये। सेगमेन्ट की दरे पहले से ही काफी अधिक है। फिर भी अधिकतम 10 प्रतिशत की वृद्धि की किया जाना उचित होगा।
उपनिबंधक तृतीय की सूची में कौशिक विहार कालोनी दर्शाई गई है। जबकि वर्तमान में कौशिक विहार कालोनी समाप्त हो चुकी है। मान सरोवर गार्डन का सर्किल रेट दोगना कर दिया गया है, जोकि अनुचित है। रैपिड रेल परियोजना का कार्य जहां चल रहा है। वहां पर कृषि भूमि में 1 से 2 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
जबकि वहां पर वास्तविकता में कीमत बढ़ी है। अत: यहां स्थित भूमि की दरो में भी 10 प्रतिशत दर की वृद्धि किया जाना उचित होगा तथा ग्राम में औद्योगिक क्षेत्रों का तथा अन्य औद्योगिक क्षेत्रों का सर्किल रेट भी 10 प्रतिशत ही वृद्धि किया जाना चाहिए जो आवासीय दर का 75 प्रतिशत से अधिक ना हो।
प्रस्तावित सर्किल रेट सूची का अवलोकन करने पर ज्ञात होता है कि उपरोक्त सर्किल रेट मात्र रियल एस्टेटस व्यापारियों द्वारा विकसित किये गये व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स व भवनों को ध्यान में रखकर तथा कुछ कालोनियों में हो रही तुलनात्मक ज्यादा बिक्री को आधार बनाते हुए तथा मकान बेचना व खरीदने को मात्र व्यवसाय के रूप में देखकर प्रस्तावित किये गये हैं।