हर साल ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अगर स्ट्रोक के लक्षणों को समय रहते पहचान कर 4 से 6 घंटे के अंदर मरीज को अस्पताल पहुंचाते हैं तो इसके खतरे को बहुत हद तक रोका जा सकता है। दरअसल स्ट्रोक एक ऐसी न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जो देश में मौत की दूसरी बड़ी वजह बनती जा रही है।
इसे ब्रेन अटैक के नाम से भी पहचाना जाता है। आंकड़ों पर नजर डालें तो ये कहा जा सकता है कि आज के समय में स्ट्रोक बहुत आम समस्या बन गई है। हर साल ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। तो चलिए सबसे पहले जानते हैं स्ट्रोक के लक्षण, कारण और बचाव करने के तरीकों के बारे में।
स्ट्रोक के लक्षण
- आपके चेहरे के एक तरफ या एक हाथ या पैर में अचानक कमजोरी या सुन्नता
- लॉस ऑफ विजन, स्ट्रेंथ, बैलेंस, सेंसेशन, स्पीच या स्पीच को समझने में परेशानी का नुकसान। ये लक्षण समय के साथ और बढ़ सकते हैं।
- अचानक मंद दृष्टि, विशेष रूप से एक आंख में।
- बैलेंस बिगड़ना, कभी-कभी उल्टी, मतली, बुखार, हिचकी, या निगलने में परेशानी होना
- बिना किसी कारण के अचानक और गंभीर सिरदर्द होना
- बेहोश हो जाना
स्ट्रो के लक्षणों को कैसे पहचानें?
कई बार ऐसी स्थिति बन जाती है कि आपके अगल-बगल में ही किसी को स्ट्रोक आ रहा होता है और आपको पता नहीं चलता है। लेकिन अगर आपको ऐसा लग रहा है कि किसी को आपके आसपास स्ट्रोक आ रहा है तो उनसे बातचीत कर नीचे दिए हुए चार सवाल पूछें। इसे फास्ट टेक्निक भी कहा जाता है।
- व्यक्ति को मुस्कुराने के लिए कहें। नोटिस करें कि क्या उनका चेहरा झुकता है।
- दूसरी स्टेप में उसे अपने हाथ उठाने के लिए कहें। देंखे कि क्या वो अपने हाथ उठा पा रहा है। कहीं उसका हाथ शिथिल तो नहीं पड़ रहा है।
- तीसरी स्टेप में मरीज को कुछ पढ़ने के लिए दें। देंखे कि क्या वो पढ़ पा रहा है? कुछ आसान से शब्द बोलने के लिए कहें।
- स्ट्रोक के समय टाइम बहुत जरूरी होता है। इसलिए यदि ऊपर वाले सभी सवालों के जवाब ना में है तो तुरंत एंबुलेंस को कॉल कर दें।
- इन टिप्स की मदद से आप किसी को ब्रेन स्ट्रोक से बचा सकते है।