- केंद्रीय नेतृत्व के आह्वान पर 2012 में भाजपा नेताओं ने रोकी थी रेल
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: जनपद में केन्द्र सरकार की नीतियों के विरोध में भाजपा किसान मोर्चा के आह्वान पर 2012 में रेल रोककर किये गए प्रदर्शन के मामले में कोर्ट सुनवाई पूरी कर कोर्ट ने फैसला सुना दिया। इस मामले में कोर्ट ने प्रदेश के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल सहित 8 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। हांलाकि 4 आरोपियों की अपराध स्वीकारोक्ति के बाद कोर्ट उन पर 500-500 रुपए का जुर्माना कर चुकी है।
बता दें कि दिसंबर 2012 में कांग्रेस की तत्कालीन केन्द्रीय सरकार के विरुद्ध भाजपा किसान मोर्चा ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किया था। उसी दिन रेलवे स्टेशन पहुंचकर सैंकड़ो भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने रेल रोकी थी। जिस पर आरपीएफ ने विभिन्न धाराओं के तहत मौजूदा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल, पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, शामली भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष पवन तरार, पूर्व जिलाध्यक्ष यशपाल पंवार, भाजपा युवा नेता वैभव त्यागी, सुनील तायल सहित 12 भाजपा नेताओं के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था।
राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल सहित भाजपा के 8 नेताओं के विरुद्ध रेल रोकने के आरोप में दर्ज मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट जज मयंक जायसवाल के समक्ष चली। मामले में पूर्व विधायक उमेश मलिक के अधिवक्ता श्यामवीर राठी ने बताया कि सुनवाई पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाया। उन्होंने बताया कि कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल सहित सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया।