नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन स्वागत है। बस दो दिन बाद क्रिसमस का पर्व आने वाला है। क्रिसमस के पर्व पर प्रभु ईसा का जन्मदिन सद्भाव व प्रेम के साथ पूरी दुनिया में मनाया जाता है। वैसे तो ये ईसाई धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, लेकिन समय के साथ इसे हर धर्म और वर्ग के लोग बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।
क्रिसमस के दिन लोग एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं और केक काटकर क्रिसमस का आनंद उठाते हैं। इस त्योहार में केक और गिफ्ट के अलावा एक और चीज का विशेष महत्व होता है, वह है क्रिसमस ट्री।
हर साल क्रिसमस के पर्व पर लोग घर में क्रिसमस ट्री लगाते हैं। रंग-बिरंगी रोशनी और खिलौनों से इसे सजाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि क्रिसमस पर्व के दौरान क्रिसमस ट्री का इतना ज्यादा महत्व क्यों होता है? चलिए जानते है।
क्रिसमस ट्री का इतिहास
क्रिसमस ट्री को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। एक मान्यता के अनुसार, 16वीं सदी के ईसाई धर्म के सुधारक मार्टिन लूथर ने शुरू की थी। कहा जाता है कि मार्टिन लूथर 24 दिसंबर की शाम को एक बर्फीले जंगल से जा रहे थे, जहां उन्होंने एक सदाबहार के पेड़ को देखा।
पेड़ की डालियां चांद की रोशनी से चमक रही थीं। इसके बाद मार्टिन लूथर ने अपने घर पर भी सदाबहार का पेड लगाया और इसे छोटे- छोटे कैंडल से सजाया। इसके बाद बाद उन्होंने जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन के सम्मान में भी सदाबहार के पेड़ को सजाया और इस पेड़ को कैंडल की रोशनी से प्रकाशित किया।
क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा जर्मनी में शुरू हुई
क्रिसमस ट्री से जुड़ी एक कहानी 722 ईसवी की भी है। कहा जाता है कि सबसे पहले क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा जर्मनी में शुरू हुई। एक बार जर्मनी के सेंट बोनिफेस को पता चला कि कुछ लोग एक विशाल ओक ट्री के नीचे एक बच्चे की कुर्बानी देंगे। इस बात की जानकारी मिलते ही सेंट बोनिफेस ने बच्चे को बचाने के लिए ओक ट्री को काट दिया।
उसी ओक ट्री की जड़ के पास एक फर ट्री या सनोबर का पेड़ उग गया। लोग इस पेड़ को चमत्कारिक मानने लगे। सेंट बोनिफेस ने लोगों को बताया कि यह एक पवित्र दैवीय वृक्ष है और इसकी डालियां स्वर्ग की ओर संकेत करती हैं। मान्यता है कि तब से लोग हर साल जीसस के जन्मदिन पर उस पवित्र वृक्ष को सजाने लगे।
क्रिसमस ट्री का महत्व
प्राचीन काल से ही क्रिसमस ट्री को जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता है। इसे ईश्वर की ओर से दिए जाने वाले लंबे जीवन के आशीर्वाद के रूप में देखा जाता रहा है। मान्यता थी कि इसे सजाने से घर के बच्चों की आयु लम्बी होती है। इसी वजह से हर साल क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री को सजाया जाने लगा।