Friday, July 18, 2025
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सूदखोर से परेशान आपरेटर ने की आत्महत्या

  • बेटे ने लिया था कर्ज, मौके से मिला सुसाइड नोट
  • पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम को भेजा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ/परतापुर: जनपद में अगर कोई सूदखोर के जाल में फंस गया तो उसका जिंदा रहना मुश्किल है। सूदखोरों का ब्याज इतनी तेजी से बढ़ता है कि पीड़ित चुका नहीं पाता। इस पर सूदखोर पीड़ित का उत्पीड़न करना शुरू कर देते हैं। कर्ज न चुका पाने पर जमीन और जेवरात तक बेचने का दबाव बनाते हैं। इस परेशानी से ऊबकर पीड़ित आत्महत्या को मजबूर हो जाता है। मौत के बाद भी उसे कर्ज से छुटकारा मिल पाता है।

जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे जिससे सूदखोरों का धंधा तेजी से फल फूल रहा है। सूदखोर बिना लाइसेंस के सूद पर रुपये देते है। गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे अवैध रूप से तब तक ब्याज वसूल करते हैं। जब तक मूलधन पूरा अदा नहीं होता। जानकारी के अभाव में अक्सर लोग इन सूदखोरों के चक्कर में पड़कर जमीन अथवा जेवरात आदि गिरवीं रखकर रकम तो ले लेते हैं,

लेकिन ली गई रकम से अधिक ब्याज चुकाने के बाद भी मूलधन बकाया रह जाता है। कुछ तो अपना सब कुछ बेचकर पैसा अदा करते है तो कुछ सूदखोर से परेशान होकर जान दे देते हैं। बीती रात उद्योगपुरम स्थित एक पीवीसी पाइप फैक्ट्री के आपरेटर ने सूदखोर से परेशान होकर पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली।

घटना के समय प्रेम शाही घर में अकेला था। उसकी पत्नी आशा अपने 25 वर्षीय बेटे सागर शाही के साथ दो महीने से मायके गोरखपुर गई थी। गुरुवार सुबह फैक्ट्री मालिक की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा भरने के बाद शव को मोर्चरी भेज दिया। मृतक की जेब से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें सूदखोर पर परेशान करने का आरोप लगाया है।

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उद्योगपुरम स्थित ओम सार्इं पाइप फैक्ट्री में पिछले 10 वर्षों से प्रेम कुमार शाही निवासी नेपाल आपरेटर के पद पर कार्य कर रहा था। प्रेम कुमार को फैक्ट्री मालिक मूलचंद ने फैक्ट्री में ही कमरा दिया हुआ था। प्रेम कुमार का परिवार दो माह पूर्व गोरखपुर चला गया था। प्रेम कुमार की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा था कि मेरे बेटे सागर ने किसी सूदखोर से ब्याज पर पैसा लिया था,

रकम से ज्यादा ब्याज देने के बाद भी सूदखोर रकम की मांग करता रहा, कई बार धमकी भी दी। पैसा न चुकाने से परेशान होकर में आत्महत्या कर रहा हूं। पुलिस का कहना है कि प्रेम शाही के परिजनों को सूचना दे दी है। मोबाइल से सूदखोर की तलाश की जाएगी। दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी, जांच जारी है।

सुसाइड नोट में मालिक को भगवान बताया

प्रेम कुमार शाही ने सुसाइड नोट में फैक्ट्री मालिक मूलचंद रस्तोगी को भगवान बताते हुए लिखा कि उन्होंने उसकी काफी मदद की पर सूदखोरों की रकम चुकाने में असमर्थ रहा। घटना के बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी के लिए भिजवा दिया और प्रेम शाही की पत्नी को घटना की जानकारी दी।

इंस्पेक्टर रामफल सिंह का कहना है कि इस संबंध में अभी मृतक के परिवार की ओर से तहरीर नहीं मिली है। यदि तहरीर मिलती है तो जांच कर मामले की कार्रवाई की जाएगी। वहीं, सुसाइड नोट में सूदखोर का नाम नहीं दिया गया है। गोरखपुर से बेटे के आने के बाद ही कोई कार्रवाई की जाएगी।

10 प्रतिशत ब्याज ने कर दिया मजबूर

प्रेम शाही ने सुसाइड नोट में लिखा है कि कोई भी जिंदगी में कर्ज न ले, क्योंकि सूदखोर सही नहीं होते हैं। 10 प्रतिशत के ब्याज पर बेटे को कर्ज दिया जो चुका न पाने के कारण मेरी मौत का कारण बन रहा है। उसने लिखा कि बेटे को बिना वजह फंसाया गया। सुसाइड नोट में प्रेम की हताशा साफ झलक रही थी और कांपते हाथों से लिखे गए आखिरी खत में उसने लिखा कि गल्तियां सबसे होती है, अगर बेटे ने कर्ज लिया तो 10 प्रतिशत ब्याज क्यों लगा दिया?

17 हजार की नौकरी पर था प्रेम शाही

पीवीसी पाइप फैक्ट्री में प्रेम शाही को 17 हजार रुपये वेतन मिलता था। इसके अलावा फैक्ट्री की तरफ से आवास, पानी और बिजली भी था। प्रेम की जिंदगी शानदार ढंग से गुजर रही थी और फैक्ट्री मालिक के प्रति काफी वफादार था। सुसाइड नोट में उसने साफ लिखा है कि फैक्ट्री मालिक का मौत में कोई दोष नहीं है। उसने साफतौर पर सूदखोर को अपना गुनहगार माना है।

सूदखोरों से परेशान पहले भी लोग दे चुके जान

  • 19 सितंबर 2022 को देहलीगेट कोटला मंडी निवासी सफी अंसारी लेडीज शूट बेचने का काम करते थे। सफी अंसारी ने लिसाड़ी गेट के इस्लामाबाद निवासी सूदखोर से पांच साल पहले छह लाख रुपये ब्याज पर लिए थे। ब्याज के साथ असल रकम भी सूदखोर को किश्तों में लौटा दी थी। इसके बाद भी सूदखोर ने 15 लाख बकाया निकाल दिए और देने के लिए लगातार दबाव बना रहा था। सूदखोर के उत्पीड़न से तंग आकर सफी अंसारी ने सल्फास खा लिया था।
  • 17 जुलाई 2022 को खरखौदा थाना क्षेत्र के लोहिया नगर निवासी 50 वर्षीय रहीश लिसाड़ी गेट स्थित श्याम नगर में राकिब के आॅक्सीजन प्लांट में काम करते थे। रहीश ने प्लांट के अंदर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के सात बच्चे हैं। बच्चों की शादी करने लिए रहीश ने कर्ज लिया था। तभी से सूदखोर परेशान कर रहे थे।
  • 11 फरवरी 2022 को राजीव सिंह न्यू मोहनपुरी का रहने वाला था और उसकी इनवर्टर और बैटरी की दुकान पीएल शर्मा रोड पर स्थित थी। कोरोना में व्यापार डाउन होने के कारण कारोबार में काफी नुकसान हुआ और उन्होंने ब्याज पर सूदखोरों से रुपया लिया, लेकिन ज्यादा ब्याज होने के कारण पूरी रकम लौटने के बाद भी लगातार सूदखोर परेशान कर रहे थे। जब ज्यादा परेशान हुए तो उन्होंने कुटी चौराहे पर खुद को गोली मार ली थी।
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