- ट्रैफिक पुलिस एवं निगम के अधिकतर वाहनों से नंबर प्लेट तक गायब
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जहां हर रोज सैकड़ों की संख्या में चालान कटते हैं। जिसमें टैÑफिक पुलिस के साथ ही निगम कार्यालय में आनलाइन चालान आईटीएमएस के अंतर्गत काटे जाते हैं, लेकिन यदि आप निगम या फिर ट्रैफिक पुलिस में हैं तो आपका चालान हरगिज नहीं कटेगा। जो ट्रैफिक पुलिस वाहनों के चालान काटने में जुटी है।
यदि उनके वाहनों की ही जांच हो जाये तो उनके पास जो वाहन हैं। उनके कागज भी आधे-अधूरे ही मिलेंगे। इतना ही नहीं सबसे महत्वपूर्ण वाहन पर नंबर पलेट का होना होता है। उस पर भी नंबर पूरे नहीं मिलेंगे। दूसरी तरफ यदि आप निगम में हैं तो भी आपका चालान नहीं कटेगा।
शहर में सैकड़ों की संख्या में ट्रैफिक पुलिस कर्मी यातायात व्यवस्था सुचारु कराने के साथ ही वाहनों की चेकिंग भी करते हैं। ताकि कोई संदिग्ध व्यक्ति चोरी का वाहन तो नहीं लिए हुए साथ ही सड़क हादसे से बचने को हेलमेट आदि लगाए हुए है या नहीं, लेकिन यातायात पुलिस चेकिंग अभियान के दौरान दोहरे मापदंड अपनाती है। जिसमें यदि किसी पुलिस कर्मी के वाहन के कागज अधूरे हैं या बिना नंबर की बाइक लिए हुए हैं
तो ऐसे वाहनों का शायद चालान नहीं कटेगा। शनिवार को ऐसे कई वाहनों को देखा। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के कार्यालय में आॅनलाइन चालान काटे जाते हैं। जिसमें जिन वाहनों पर नंबर पलेट नहीं होती ऐसे वाहनों का चालान नहीं काटा जाता। जिसमें यह मामला ट्रैफिक पुलिस के पाले में डालकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। महानगर में हजारों की संख्या में ऐसे वाहन चल रहे हैं,
जोकि बिना नंबर पलेट के चल रहे हैं। जिसमें ऐसे में निगम के चल रहे वाहनों की संख्या अधिक हैं। जिन वाहनों में कूड़ा ढोया जाता है, वह डिपो से कैसे चलाए जा रहे हैं, वह जवाब निगम के किसी अधिकारी पर नहीं हैं। वहीं, ट्रैफिक पुलिस भी ऐसे वाहनों को चिन्हित कर चालान नहीं काटती।
वहीं निगम के द्वारा आईटीएमएस के अंतर्गत जो आॅनलाइन चालान काटे जाते हैं,वह भी नहीं काटे जाते। ऐसे वाहनों पर निगम एवं ट्रैफिक पुलिस दोनो ही मेहरबान रहती हैं। शायद योगी सरकार में निगम एवं ट्रैफिक पुलिस में यदि आप हैं तो शायद आपका चालान नहीं कटेगा।