- गाजियाबाद में हुए सड़क हादसे के बाद चालकों के स्वास्थ्य और बसों की फिटनेस पर ज्यादा फोकस
- परिवहन निगम में 50 की उम्र पार कर चुके गाड़ी चालकों के हाथ में रोडवेज बसों का स्टेयरिंग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: परिवहन निगम के मेरठ रीजन क्षेत्र में रोडवेज की बसों पर तैनात अधिकतर बस चालक जोकि 50-55 वर्ष की उम्र को पार कर चुके हैं। वहीं अधिकतर बसों की फिटनेस भी रामभरोसे हैं। जिसमें जनवाणी ने पूर्व में भी कई बार बसों में यात्रियों के द्वारा धक्का माकर उन्हें दूर तक धकेलकर ले जाने का समाचार प्रकाशित किया।
वहीं, दूसरी तरफ गाजियाबाद में हुए सड़क हादसे के दौरान गाड़ी चालक के अस्वस्थ्य होने या फिर उसकी लापरवाही से यह हादसा हुआ। उसको लेकर फिलहाल लखनऊ से आई परिवहन निगम की टेक्निकल टीम जांच में जुटी है। गाजियाबाद मेंं गुरुवार को हुए सड़क हादसे के दौरान 20 से अधिक यात्री घायल हो गए।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर गुरुवार को हुए रोडवेज बस के बडेÞ सड़क हादसे के बाद परिवहन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा है। जिसमें मुख्य रूप से बस चालक के स्वास्थ्य एवं बसों की फिटनेस को लेकर अधिकारियों के द्वारा समीक्षा शुरू कर दी गई है, ताकि दोबारा से इस तरह का कोई बडा सड़क हादसा न हो। इस मामले में परिवहन निगम के रीजन के आरएम एवं अन्य अधिकारी इसको लेकर मंथन कर रहे हैं,कि भविष्य में इस तरह की कोई घटना न हो सके।
गाड़ी चालक को हार्ट अटैक आने को लेकर प्रथम दृष्टता यह सड़क हादसा होना बताया जा रहा है। परिवहन निगम के रीजन मेरठ परिक्षेत्र में करीब 170 गाड़ी चालक नियमित हैं। जबकि 815 संविदा कर्मी गाड़ी चालक बसों का संचालन कर रहे हैं। परिवहन निगम के अधिकारियों का कहना है कि वैसे तो समय-समय पर गाड़ी चालक के नेत्र एवं स्वास्थ्य की जांच कराई जाती है, लेकिन छह महीने में एक बार व वर्ष में दो बार प्रत्येक गाड़ी चालक के स्वास्थ्य की जांच कराई जाती थी।
जिसमें नेत्र, लीवर एवं पूरे शरीर का चेकअप होता है। वहीं बसों का स्टेयरिंग एवं लाइट मुख्य रूप से जांच होती है, ताकि कोई सड़क हादसा न हो। फिलहाल प्रथम दृष्टता टेक्निकल जांच में तकनीक रूप से बस ठीक बताई जा रही है। गाड़ी चालक के अस्वस्थ्य होने या अन्य कारण से यह सड़क हादसा हुआ वह तो गाड़ी चालक की डाक्टरी रिपोर्ट के बाद ही कहा जा सकता है। फिलहाल इस मामले में मेरठ रीजन परिक्षेत्र के अधिकारी से लेकर लखनऊ तक के अधिकारी मामले की जांच में जुटे हैं।
हादसे की जांच को लखनऊ से गाजियाबाद पहुंची टीम
गाजियाबाद क्षेत्र में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे पर जो सड़क हादसा हुआ। उसको लेकर परिवहन निगम के मेरठ रीजन परिक्षेत्र से लेकर लखनऊ तक के अधिकारियों में हड़कंप मचा है। हादसा बस में खराबी के कारण हुआ या फिर गाड़ी चालक के अस्वस्थ्य होने या उसकी लापरवाही से यह हादसा हुआ। इस मामले में परिवहन निगम की तरफ से विभिन्न पहलुओं पर जांच कराई जा रही है। इस मामले में परिवहन निगम से कार्यालय अधीक्षक अनिता वर्मा व आरएम केके शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की टेक्निकल जांच चल रही है।
जांच के बाद टीम के अधिकारी इस पूरे मामले में जानकारी दें सकते हैं। इस दौरान आरएम केके शर्मा ने बताया कि सड़क हादसा रोकने के लिए जहां एक तरफ बसों की प्रतिदिन टेक्निकल जांच होती है। जिसमें मुख्य रूप से स्टेरिंग एवं लाइटों को चेक कराया जाता है। वहीं, गाड़ी डिपो से जब बाहर निकलती है तो गाड़ी चालक ने कोई नशा आदि तो नहीं किया। वहीं बीच रास्ते पर जब होटल आदि पर खाना खाने के लिए बस रोकी जाती है। उस दौरान चालक ने कोई नशा तो नहीं किया वह जांच कराई जाती है।
ताकि चालक की लापरवाही से कोई हादसा न हो सके। वहीं उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में हुए सड़क हादसे की जांच गाजियाबाद के आरएम एवं लखनऊ से आई टीम कर रही है। वहीं चालक के अस्वस्थ्य होने या फिर उसकी लापरवाही से यह हादसा हुआ उसके लिए डाक्टरी रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। प्रथम दृष्टता मामला बस में टेक्निकल खराबी के कारण नहीं बल्कि चालक का बताया जा रहा है। जिसमें चालक से कारण कुछ भी रहा हो।
बीच रास्ते में खराब हो जाती हैं परिवहन निगम की बसें
मेरठ-गाजियाबाद में हुए सड़क हादसे के बाद परिवहन निगम के अधिकारी प्रथम दृष्टता जांच के बाद बस की फिटनेस एवं टेक्निकल आधार पर ठीक होना बता रहे हैं। जिसमें गाड़ी चालक के अस्वस्थ्य होने या फिर उसकी अन्य लापरवाही से हादसा हुआ उसके स्वास्थ्य की जांच रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले की जानकारी देने की बात कर रहे हैं, लेकिन यदि देखा जाये तो अक्षर रोडवेज व परिवहन विभाग की कुछ अनुबंधित बसें खराब होकर बीच रास्ते में खड़ी होती देखी गई।
जिसमें पूर्व में जनवाणी द्वारा फोटो समेत कई बार इस संबंध में समाचार भी प्रमुखता से प्रकाशित किया गया, लेकिन उसके बावजूद परिवहन निगम के अधिकारी बसों की फिटनेस को सही बता रहे हैं। वह तो टेक्निकल जांच के बाद ही पता चलेगा कि हादसे का मुख्य कारण क्या रहा?
पूरे मामले की जांच गाजियाबाद के आरएम एवं लखनऊ से आई टीम कर रही है। प्रथम दृष्टता मामला बस की फिटनेस का नहीं, बल्कि चालक के अस्वस्थ या अन्य लापरवाही से हुआ है। उसकी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। -केके शर्मा, आरएम, परिवहन निगम मेरठ।