- पीडब्ल्यूडी: मुख्यालय की नीतियां कहीं ‘बखेड़ा’ न करा दें
- कभी आफलाइन तो कभी आनलाइन एस्टीमेट मांगने से बढ़ीं दुश्वारियां
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कई अभियंता खुद अपने ही मुख्यालय की नीतियों से खफा हैं। कारण बताते हुए विभागीय अभियंताओं का आरोप है कि मुख्यालय द्वारा कभी आॅफ लाइन तो कभी आॅन लाइन एस्टीमेट मंगाए जाते हैं जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है और काम लटक जाते हैं। डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ इस पूरे मुद्दे पर बेहद खफा है और वो 11 अक्टूबर से अपना आंदोलन शुरू कर सकते हैं।
पीडब्ल्यूडी सूत्रों के अनुसार 30 सितम्बर को पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर्स की मुख्यालय के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई थी। इसमें विभिन्न परियोजनाओं पर मंथन हुआ था। पीडब्ल्यूडी सूत्रों के अनुसार इस वीडियो कान्फें्रस में मौखिक निर्देश दिए गए थे कि मुख्यालय पर आॅफ लाइन एस्टीमेट चार अक्टूबर तक उपलब्ध करा दिए जाएं। जबकि इससे पूर्व आॅनलाइन एस्टीमेट एस्टीमेटर के माध्यम से प्रेषित किए जाने निर्देश दिए गए थे।
इंजीनियर्स का आरोप है कि इसे लेकर ही अवर अभियंताओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। जिस कारण मुख्यालय को भेजे जाने वाले एस्टीमेट में कई परेशानियां आ रही हैं। इन सब परेशानियों का जिक्र डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ ने पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर (मेरठ क्षेत्र) को एक पत्र भेजकर भी कर दिया है। संघ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उनकी इन परेशानियों का हल न किया गया तो वो 11 अक्टूबर से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर भी जा सकते हैं।
ये होगी आंदोलन की रूपरेखा
पीडब्ल्ूयडी अभियंताओं के अनुसार यदि उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं किया गया तो 11 अक्टूबर से आन्दोलन शुरु कर दिया जाएगा। इस दिन धरना दिया जाएगा। इसके बाद भी यदि मांगे न मानी गर्इं तो 18 अक्टूबर को मंडल मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा। 26 अक्टूबर तक यदि समस्याओं का समाधान न हुआ तो फिर 27 अक्टूबर को प्रमुख अभियंता (विभागाध्यक्ष) कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।
चीफ को भेजे ज्ञापन में इन परेशानियों का है जिक्र
- कभी आॅन लाइन तो कभी आॅफ लाइन एस्टीमेट मांगे जाने से कार्य प्रभावित होता है तथा मानसिक परेशानी बढ़ती है।
- उच्चाधिकारी अल्प समय में एस्टीमेट मुख्यालय भेजने का दबाव अवर अभियंताओं पर डालते हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क प्रॉब्लम के चलते मुख्यालय द्वारा होने वाला साइट निरीक्षण संभव नहीं है।
- मेरठ एनसीआर में है, जिस कारण त्योहारी सीजन में एनजीटी द्वारा सिविल कार्यों पर बैन के चलते कार्य देर से पूरे हो पाते हैं।