Friday, December 27, 2024
- Advertisement -

सूदखोरों से परेशान युवक ने दे दी जान

  • छीन लेते थे सेलरी भी, कार्रवाई की मांग को कोतवाली पहुंचे परिजन, सूदखोरों के खिलाफ दी तहरीर

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: जनपद में अगर कोई सूदखोर के जाल में फंस गया तो उसका जिंदा रहना मुश्किल है। सूदखोरों का ब्याज इतनी तेजी से बढ़ता है कि पीड़ित चुका नहीं पाता। इस पर सूदखोर पीड़ित का उत्पीड़न करना शुरू कर देते हैं। बैंक से रुपये निकालने के बाद कर्ज न चुका पाने पर जमीन और जेवरात तक बेचने का दबाव बनाते हैं। इस परेशानी से ऊबकर पीड़ित आत्महत्या को मजबूर हो जाता है। मौत के बाद भी उसे कर्ज से छुटकारा मिल पाता है।

रकम लेने के बाद ब्याज तेजी से बढ़ जाता है। जानकारी के बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिससे सूदखोरों का धंधा तेजी से फल फूल रहा है। सूदखोर बिना लाइसेंस के सूद पर रुपये देते है। गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे अवैध रूप से तब तक ब्याज वसूल करते हैं। जब तक मूलधन पूरा अदा नहीं होता। जानकारी के अभाव में अक्सर लोग इन सूदखोरों के चक्कर में पड़कर जमीन अथवा जेवरात आदि गिरवीं रखकर रकम तो ले लेते हैं,

04 21

लेकिन ली गई रकम से अधिक ब्याज चुकाने के बाद भी मूलधन बकाया रह जाता है। कुछ तो अपना सब कुछ बेचकर पैसा अदा करते है तो कुछ सूदखोर से परेशान होकर जान दे देते हैं। सूदखोरों का मकड़जाल पैर जमाता जा रहा है। भले ही सूबे की सरकार और पुलिस महकमें के बड़े अधिकारी सूदखोरों पर सख्त कार्रवाई करने का दम भरते हो, लेकिन आज भी पुलिस थानों में सूदखोरों की पैरवी खुलकर की जा रही है। सूदखोरों के ऊंचे रसूख ऐसे हैं कि गरीब और पीड़ित परिवार सहित आत्महत्या करने को आमादा है।

ऐसा ही एक मामला सरधना खाकरोबान मोहल्ला में सामने आया है। सरधना में सूदखोरों से परेशान नगर पालिका के एक सफाई कर्मचारी ने जहरीला पदार्थ खा लिया। जिससे उपचार के दौरान अस्पताल में युवक की मौत हो गई। युवक की मौत से उसके परिजनों में कोहराम मच गया। बुधवार को कार्रवाई की मांग को लेकर मृतक पक्ष के लोग कोतवाली पहुंचे। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ तहरीर देते हुए पुलिस से रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। इंस्पेक्टर ने उन्हें जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

खाकरोबान मोहल्ला निवासी करन पुत्र मंगलसैन नगर पालिका में सफाईकर्मी था। परिजनों ने पुलिस को बताया कि कुछ समय पहले उसने बस्ती के ही तीन लोगों से रुपये उधार लिए थे। वह तय समय के अनुसार आरोपियों को पैसे अदा कर रहा था। मगर इसके बाद भी आरोपी युवक को परेशान कर रहे थे। आरोप है कि हर महीने मिलने वाला उसका वेतन भी छीन लेते। विरोध करने पर आरोपी उसे हत्या करने की धमकी देते थे। दो दिन पूर्व भी आरोपियों ने उससे वेतन के पैसे छीन लिए।

05 20

उत्पीड़न से परेशान युवक ने आत्महत्या करने के लिए जहरीला पदार्थ खा लिया। बदहवास हालत में घर पहुंचे युवक ने परिजनों को मामले से अवगत कराया गया। आनन-फानन में परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई। युवक की मौत से उसके परिजनों में कोहराम मच गया। मृतक पक्ष ने कोतावली में आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। बुधवार को कार्रवाई की मांग को लेकर मृतक पक्ष के लोग कोतवाली पहुंचे। इंस्पेक्टर ने उन्हें जांच कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

सूदखोर कैसे बिछाते हैं जाल?

सूदखोर अक्सर मजबूर लोगों की ताक में रहते हैं। जब किसी को पैसे की बेहद जरूरत पड़ती है तो वह सूदखोर के पास जाता है। शुरू में पांच टका ब्याज तय होता है, लेकिन जब ब्याज की रकम वक्त पर नहीं चुकाई गई तो यही ब्याज 30 टका तक पहुंच जाता है।

आत्महत्या की वजह

पैसे देने से पहले अक्सर सूदखोर ब्लैंक चेक पर साइन करवा लेते हैं। कई बार वह जमीन भी लिखवा लेते हैं। वक्त पर पैसे न आने पर सूदखोर सामाजिक बेइज्जती करने की धमकी देते हैं। चेक बाउंस होने पर जेल भिजवाने की धमकी देते हैं। अक्सर दबंगों से कर्जदार को धमकाया भी जाता है। ऐसे में कर्ज लेने वाले शख्स को आत्महत्या ही एक रास्ता नजर आता है।

नियमों के विपरीत कर रहें सूदखोरी का धंधा

गरीब व्यक्ति मजबूरी में सूदखोरों से कर्ज तो ले लेते हैं, लेकिन भारी भरकम ब्याज सहित कर्ज चुकाना इन कर्जदारों के लिए चुनौती बन जाता हैं। इसके बाद इन लोगों को मानसिक परेशानी व सूदखोरों की प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है। 15 से 20 प्रतिशत तक ब्याज वसूली करने वाले सूदखोरों की कोई जांच ना होने से प्रशासन की उपेक्षा के नतीजन शहर में दर्जनभर से अधिक सूदखोर बिना किसी पंजीयन के सूदखोरी में पनप चुके हैं। जिनके पास पैसा लेन-देन करने का कोई लाइसेंस तक मौजूद नहीं है।

एक बार कर्ज उठा जाल में फंस जाता है कर्जदार

सूत्र बताते हैं कि नगर में सूदखोर बगैर कोई पंजीयन व लाइसेंस के धड़ल्ले से अपना कार्य कर रहे हैं। पैसा लेन-देन के वक्त ये लोग मौके की नजाकत को भांपते हुए जरूरतमंद लोगों को पैसा दे देते हैं और इसके बाद पेनाल्टी व 10 से भी ज्यादा गुना तक ब्याज लगाकर परिवादी को अपने जाल में फंसा लेते हैं। जिसको परिवादी चुका नहीं पाता और ये लोग कच्चे-पक्के समझौते के आधार पर परिवादी की संपत्ति पर नजर गढ़ा लेते हैं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

करुणाहीन ममता: बच्ची को ईख के खेत में छोड़ गई बेरहम मां

जन्म देते ही कलियुगी मां दिल पर पत्थर...

भाजपा नेता के रिश्तेदार की अपहरण के बाद निर्मम हत्या

धारदार हथियारों से काटने के बाद शव गंगनहर...

उम्रकैद कराने में बुलंदशहर से मेरठ पीछे

एक साल में मेरठ में 38 मामलों में...

मोबाइल लेने से मना करने पर छात्र ने की आत्महत्या

चलती ट्रेन के आगे कूदकर दी जान, परिवार...
spot_imgspot_img