Thursday, May 8, 2025
- Advertisement -

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया होली चौक तालाब

  • 12 वर्षों से नहीं हुई तालाब की सफाई, घास-फूस उगे, जिम्मेदार भी नहीं करा सके तालाब कब्जामुक्त

जनवाणी संवाददाता |

परीक्षितगढ़: सुप्रीम कोर्ट ने तालाबों के जीर्णोद्धार पर कड़ा रुख अपनाया हुआ है। आदेश के बावजूद तालाबों से अवैध कब्जा नहीं हट रहे हैं और तालाबों का अस्तित्व खतरे में है, लेकिन जिम्मेदार मुंह फेरे हुए हैं। अगर अभी नहीं चेते तो आने वाले समय में पानी के लिए तरसना पड़ सकता है। तालाबों को जीवित करने के लिए सामाजिक संस्थाएं व सुप्रीम कोर्ट गंभीर बना हुआ है।

गांव चितमाना शेरपुर में होली वाला चौक तालाब पर भूमाफियाओं ने अवैध कब्जा कर इमारतें खड़ी कर दी है और तालाब में गंदगी का भारी अंबार लगा हुआ है। ग्रामीण तहसील पर शिकायत करने के बाद भी अधिकारियों ने कब्जा हटवाना तो दूर मौके पर जाकर भी नहीं देख है।

सालभर पानी से लबालब रहने वाले तालाबों में पानी की जगह बेशुमार गंदगी व कूड़े के ढेर में तब्दील होने लगे हैं तथा तालाब के अंदर बडेÞ-बडेÞ पेड़ भी उग आये हैं। जिसमें जहरीले जीव जंतुओं का बसेरा बना हुआ है। इतना ही नहीं शौचालय का पानी भी तालाबों में पहुंच रहा है। जिससे जलाशय का जीवन खतरे में है। तालाबों के सौंदर्यीकरण को ग्राम प्रधान से लेकर ग्राम विकास अधिकारी और लेखपाल तक सभी जिम्मेदार है। जल संचय के लिए सरकार के अधिकारी-पदाधिकारी संवेदनशीलता की बात तो जरूर करते हैं।

इसे लेकर तालाबों की खुदाई की प्रक्रिया भी कई जगहों पर चल रही है, लेकिन प्राचीन तालाबों के समाप्त होते वजूद की ओर किसी का ध्यान नहीं है। सैकड़ों एकड़ भूमि को सिचित करने वाला यह जलस्त्रोत अब अपना अस्तित्व बचाने की जदोजहद करता नजर आ रहा है। यदि निकट भविष्य में इसका कोई तारणधार नहीं मिला तो यह अपना वजूद पूरी तरह खो देगा। लोग इसके लिए सरकार के साथ-साथ प्रकृति को भी कोसते नजर आते हैं, लेकिन इसके रखरखाव की ओर किसी का ध्यान नहीं है।

लगातार गिर रहा जलस्तर

तालाबों के अस्तित्व मिटने से जहां जलाशय व वनजीव के जीवन पर भी खतरा मंडरा रहा है। वहीं, आने वाले समय में इंसान भी पानी के लिए जद्दोजहद करने को मजबूर होगा। जल का स्तर काफी हद तक गिर चुका है। लोग पानी को बर्बाद करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं।

वर्षों से नहीं हुई तालाब की साफ-सफाई

तालाबों में स्वच्छ जल की जगह तालाबों की सूरत डरावनी हो चुकी है। सफाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली जाती है। अधिकांश तालाबों की तो वर्षों से ही साफ-सफाई नहीं हुई होगी। जिसके चलते तालाबों पर लोग जाने से भी डरने लगे हैं। एक समय था, जब गांव के लोग तालाब के समीप बैठकर कुछ पल बिताते थे।

तालाबों का कुनबा मिटा रहे भूमाफिया

क्षेत्र में अनेक तालाब थे सभी तालाब पानी से लबालब रहते थे, लेकिन भूमाफियों ने तालाबों की भूमि पर भी अवैध कब्जा कर निर्माण कर लिया है। ऐसा नहीं अधिकारियों को पता नहीं जाचं पैमाइश तक ही रहकर सिमट गई है। जिस के चलते तालाबों पर अवैध कब्जों के मामले में प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई के नाम पर हाथ पीछे किए हुए है।

सौंदर्यीकरण की आस में तालाब

कभी पानी से लबालब रहने वाले तालाबों का नसीब भी सूख गया है। तालाब के पानी से खेतों की सिंचाई भी की जाती थी। लोगों ने अपने फायदे के लिए इससे भी नहीं बख्शा, जो बचे हैं, वह अपने अस्तित्व को समाप्त होते देख रहे हैं।

तालाबों पर किया दबंगों ने कब्जा

इस बारे में ग्राम प्रधान बबली ने बताया कि गांव के सभी तालाबों पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है। तालाबों की दुर्दशा निंदनीय है। तालाबों के सौंदर्यीकरण के लिए अधिकारियों से मांग की गई है, लेकिन समस्या का समाधान होने के बजाय जस की तस बनी हुई है।

मामला संज्ञान में नहीं है

इस संबंध में लेखपाल शिवम कुमार ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। अगर ऐसा है तो जांच कर उक्त लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कब्जाधारियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

इस संबंध में एसडीएम अखिलेश यादव ने बताया कि गांव चितमाना शेरपुर में तालाबों पर हो रहे अतिक्रमण के मामले में लेखपाल को जांच करने के लिए निर्देश देते हुए जांचकर रिपोर्ट मिलने पर कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर, जानिए क्यों पीएम मोदी ने इस सैन्य अभियान को दिया ये नाम?

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

Opration Sindoor पर PM Modi ने की सुरक्षाबलों की सराहना, Cabinet Meeting में लिया ये फैसला

जनवाणी ब्यूरो |नई दिल्ली: भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान...
spot_imgspot_img