- पटरी निर्माण के लिए पेड़ काटने की प्रक्रिया शुरू, पेड़ी के नंबर और नाम के लिए पहुंची टीम
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: गंगनहर के दाई हो बनने वाली पटरी का कार्य धरातल पर उतरने लगा है। सड़क निर्माण के लिए पटरी से पेड़ों के कटान की तैयारी तेज हो गई है। लोक निर्माण विभाग व वन विभाग की टीम ने पेड़ों की निशानदेही के सथ उनकी नपाई शुरू कर दी है। मंगलवार को टीम ने पटरी पर पहुंच कर पेड़ों पर नंबर डालने के साथ ही उनकी नपाई की। माना जा रहा है कि बहुत जल्द पेड़ों का कटान शुरू हो जाएगा। उसके तुरंत बाद सड़क निर्माण का काम अमल में लाया जाएगा। यानी एक साल के भीतर पटरी की सूरत बदलने वाली है।
बता दें कि वर्ष 2008 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगनहर की दाई पटरी का निर्माण कराने की घोषणा की थी। जिसका अनुमानित बजट करीब 700 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। घोषणा के बाद से पटरी निर्माण के लिए कागजी कार्रवाई चल रही थी। तमाम विभागों की कागजी कार्रवाई को पूरा होने में करीब पांच साल लग गए। मगर अब समय के साथ यह प्रोजेक्ट धरातल पर उतरा नजर आ रहा है।
मुरादनगर से लेकर मंगलूर तक पटरी का निर्माण होना है। जिसमें यूपी के गाजियाबाद, मेरठ व मुजफ्फरनगर का क्षेत्र शामिल है। पटरी निर्माण के लिए सबसे पहली चुनौती यहां खड़े पुराने और विशाल पेड़ हैं। कम से कम पेड़ कटान के उद्देश्य से प्रोजेक्ट पर काम आगे बढ़ा। इसके बाद भी करीब 1.12 लाख पेड़ इस पटरी के निर्माण के लिए कटने हैं। जिसके लिए कार्रवाई आगे बढ़नी शुरू हो गई है।
पेड़ों के कटान के लिए उनकी निशानदेही, नंबर और नपाई का कार्य शुरू हो गया है। मंगलवार को भी वन विभाग की टीम पेड़ो ंपर नंबर डालने के साथ ही उनकी नपाई करने के लिए पहुंची। क्योंकि पेड़ों के कटान के लिए टेंडर जारी होना है। आगामी 19 फरवरी तक टेंडर की प्रक्रिया पूरी होना तय किया गया है। जिसके बाद पेड़ों का कटान भी शुरू हो जाएगा।
वैसे तो पटरी निर्माण के लिए छह माह का समय रखा गया है। मगर माना जा रहा है कि इसी साल सड़क बनकर तैयार हो जाएगी। यानी बहुत जल्द इस पटरी के दिन सुधरने वाले हैं। इस संबंध में वन रेंजर कुलदीप सिंह का कहना है कि पेड़ों के कटान के लिए प्रक्रिया चल रही है। लोक निर्माण विभाग व वन विभाग मिलकर इस प्रक्रिया में लगा हुआ है।