Monday, July 14, 2025
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ऋषिकेश एम्स में दो चिकित्सकों पर अभद्रता का आरोप, हंगामा, नोटिस जारी

  • एनपीडीए के नेतृत्व में तमाम नर्सिंग आफिसर ने किया धरना प्रदर्शन

जनवाणी ब्यूरो |

ऋषिकेश: एम्स में महिला चिकित्सक के साथ नर्सिंग आफिसर के द्वारा छेड़छाड़ के आरोप में तीन दिन तक चली चिकित्सकों की हड़ताल और हंगामा थमने के बाद अब नर्सिंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट एसोसिएशन (एनपीडीए) ने शुक्रवार को मोर्चा खोल दिया। सभी लोग डीन एकेडमी कार्यालय के बाहर धरना देकर लगातार नारेबाजी करते रहे।

इनका कहना है कि पिछले दिनों प्रदर्शन के दौरान दो चिकित्सकों ने नर्सिंग आफिसर्स को भद्दी भद्दी गालियां दी। उनके स्वाभिमान को चुनौती देते हुए ठेस पहुंचाई। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। इतना ही नहीं आचार संहिता के चलते डाक्टरों ने एम्स के भीतर मार्च निकाला।

इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन तेज कर दिया जाएगा। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ वार्ता के बाद आरोपी दो चिकित्सकों को कारण बताओं नोटिस जारी कर दिया गया है। एम्स प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि अनुशासनहीनता जो भी करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

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एनपीडीए की ओर से अध्यक्ष संजीव कुमार जागीर और महासचिव दिनेश लुहार की ओर से एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह को बीते गुरुवार को पत्र देकर सारी बातों से अवगत कराया गया था। शुक्रवार की सुबह जो लोग ड्यूटी पर नहीं थे वह सभी डीन कार्यालय के बाहर आकर जम गए।

प्रदर्शन कर रहे इन लोगों ने यहां पर सभा की। शुक्रवार को कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह प्रदर्शन कर रहे इन लोगों के बीच पहुंची और उनकी बात को सुना। इस मामले में कार्यकारी निदेशक और एनपीडीए के पदाधिकारी के बीच वार्ता हुई। संबंधित बिंदुओं पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया।

इस मामले में हृदय एवं शल्य चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डा.अंशुमान दरबारी की ओर से विभाग के प्रसारित वीडियो के अनुसार आरोपी ठहराए गए दो चिकित्सक को नोटिस जारी कर तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया कि हमारे संज्ञान में आया है कि एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही है। जिसमें आपकी ओर से एम्स के संस्थागत सदस्यों के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया, जिसे संस्थान ने गंभीरता से लिया है।

एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने भी आदेश जारी कर अनुशासनहीनता करने वालों को स्पष्ट चेतावनी जारी की है। उन्होंने कहा कि संस्थान में कार्यरत सभी लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यम से कोई भी ऐसा बयान देने से बचें जो स्टाफ के व्यक्तियों के लिए अपमानजनक हो। एम्स संस्थान की प्रतिष्ठा और छवि को कोई भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश ना करें। ऐसा करने पर संबंधित के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

उधर नर्सिंग आफिसर्स की आल इंडिया फेडरेशन की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर पूरे मामले से अवगत कराया गया है और कार्रवाई की मांग की गई है। एनपीडीए ने शुक्रवार की शाम तक अपना धरना जारी रखा है।

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