Wednesday, January 15, 2025
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सिर्फ कागज़ों में डाक्टरों से गुलज़ार है फलावदा का सरकारी अस्पताल

  • सदन में उठा मामला, विभाग ने दिखाई डाक्टरों की तैनाती

तनवीर अंसारी |

फलावदा: कस्बे में करोड़ों की लागत से बना सरकारी अस्पताल तमाम सुविधाओं के बावजूद विभागीय उपेक्षा के चलते चिकित्सकों के लिए तरस रहा है। मामला सदन में गूंजने की भनक लगने पर कागज़ों में डाक्टरों की तैनाती दिखाकर आंकड़ेबाजी का खेल खेला जा रहा है।

कस्बे में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए गए है। पीएचसी से सीएचसी में अपग्रेड हुए इस अस्पताल में तीस बैड की व्यवस्था की गई है।डॉक्टर के निवास हेतु आधुनिक आवास की बने हुए हैं। अस्पताल में पैथोलॉजी लैब, प्रसव, दंत रोग, रेबीज, शुगर, सर्प दंश जैसी समस्याओं के इलाज की सुविधा सहित रोगी और तमाम दवाइयां भी उपलब्ध हैं। अस्पताल में मयस्सर नहीं है तो सिर्फ डाक्टर।

हालांकि स्वास्थ्य केंद्र पर कागज़ों में कई डाक्टर और फार्मासिस्ट नियुक्त हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में विसंगति को लेकर कई दिन पूर्व क्षेत्रीय विधायक अतुल प्रधान ने सत्र के दौरान यह मामला विधान सभा में उठाया। सूत्र बताते हैं कि फजीहत से बचने की खातिर स्वास्थ्य विभाग ने गत 18 जुलाई को ही भूडबराल से डा. सचिन यादव और सरूरपुर खुर्द से डा. प्रशांत सोलंकी का फलावदा ट्रांसफर दिखा दिया।

कागज़ों में उनकी तैनाती हो गई, लेकिन दोनों डाक्टरों ने दो सप्ताह बाद भी अस्पताल में अपनी आमद दर्ज नही की। ज्वाइनिंग के अभाव में मरीज डाक्टरों की बाट देखते आ रहे हैं। बताया गया है कि पूर्व में तैनात दो फार्मेसिस्ट तनख्वाह तो फलावदा से ले रहे हैं लेकिन, उनकी सेवाएं अन्यत्र चल रही हैं। फलावदा का अस्पताल विभागीय उपेक्षा का शिकार चल रहा है।

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