Tuesday, May 6, 2025
- Advertisement -

गुड फैट और बैड फैट के बार में जानें

Sehat 2

फैट्स तो सभी के शरीर में होते हैं कुछ अच्छे और कुछ बुरे। अक्सर मोटे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे कम फैट्स वाला भोजन करें, फिर भी बहुत से लोग कम फैट्स लेकर भी वजन कम नहीं कर पाते। इसका कारण क्या होता है? इसका कारण होता है फैट्स को कम कर अक्सर लोग आसानी से हजम होने वाले काबोर्हाइडे्रटस की ओर मुड़ जाते हैं जो शुगर और हाई कैलोरी होने के कारण वजन पर प्रभाव नहीं पड? देते। इसका अर्थ है अगर वजन कम करना है तो कम कैलोरी का भोजन करें और खाने में बैड फैट के स्थान पर गुड फैट का सेवन करें।

अधिकतर लोगों में भ्रम होता है कि ज्यादातर फैट वजन बढ़ाने और अन्य बीमारियों के लिए माने जाते हैं जबकि कुछ फैट्स तो शरीर के लिए आवश्यक भी हैं। बस अंतर है यह जानने का कि जो फैट्स हम लेते हैं वे गुड हैं या बैड। गुड फैट्स प्राकृतिक रूप से बनते हैं और बैड फैट्स रासायनिक प्रक्रियाओं द्वारा बनते हैं। गुड फैट्स त्वचा, बालों, शरीर की मोबिलिटी, फर्टिलिटी के लिए लाभदायक हैं और बैड फैट्स हृदय और अन्य बड़ी बीमारियों का कारण बनते हैं। बैड फैट्स हमें चिप्स, बिस्किट, फ्राइड और प्रोसेस्ड फूड से मिलते हैं। इसका अर्थ है इनका सेवन कम से कम करना चाहिए।

कितना फैट लें

फैट कितनी मात्रा में लें, यह व्यक्तिगत लाइफस्टाइल, वजन, उम्र और सेहत पर निर्भर करता है। एक व्यक्ति को फैट औसतन अपनी कुल कैलोरी का 20 से 35 प्रतिशत लेना चाहिए, उसमें सेचुरेटेड फैट 10 प्रतिशत और ट्रांस फैट पूरी कैलरी का 1 प्रतिशत लेना चाहिए।

सबसे उत्तम है मोनो सेचुरेटेड और पॉली अनसेचुरेटेड फैट्स का सेवन किया जाए। हमें अपने भोजन में उन खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जिनमें हमें ट्रांस फैट्स कम मिलें और मोनोअनसेचुरेटेड और पालीअनसेचुरेटेड फैटस अधिक मिलें।

कहां से प्राप्त करें गुड फैट्स

शाकाहारी लोगों को टोफू, सोयाबीन, राजमा, आलिव आॅयल, नट्स, सीड्स, पीनट बटर, सरसों का तेल अपने खाद्य पदार्थों में शामिल करना चाहिए। मांसाहारी लोगों को फिश का सेवन अधिक करना चाहिए। मीट का सेवन करें पर सीमित मात्रा में।
गुड फैट्स के लाभ

शरीर के भीतरी अंग भी गुड फैट्स के रहते सुरक्षित रहते हैं, क्योंकि कुछ फैट्स हमारे शरीर के रोगप्रतिरोधक सिस्टम को हैल्दी बनाते हैं और मेटाबॉलिज्म प्रोसेस में भी काफी मदद मिलती है।

आंखों की रोशनी बरकरार रखने हेतु गुड फैट की आवश्यकता रहती है।

गुड फैटी एसिड्स से शरीर के सेल्स लचीले बनते हैं जिससे शरीर को मोड़ा जा सकता है।

लर्निंग एबिलिटी, याददाश्त बनाए रखने और दिमागी रूप से चुस्त रहने में भी हैल्दी फैट्स उपयुक्त होते हैं हमारे दिमाग का 60 प्रतिशत हिस्सा हैल्दी फैट्स से बनता है। गर्भावस्था में महिलाओं को गुड फैट्स पर विशेष ध्यान देना चाहिए क्योंकि बच्चे के दिमाग के विकास में इनका अहम रोल होता है।

गुड फैट्स से नर्व्स को सुरक्षा और इंसुलेशन मिलती है। हमारे फूड में जो फैट होता है वह हमारी पाचन क्रिया को स्लो कर देता है ताकि हमारे खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता को जज्ब करने के लिए शरीर को अधिक समय मिल सके।

फैट्स से हमारे शरीर का एनर्जी लेवल बना रहता है।

लंग्स को भी सेचुरेटेड फैट्स की जरूरत होती है। ये लंग्स को बेकार होने से बचाते हैं।

कुछ विशेष फैट्स हार्टबीट को रेग्युलर रिदम देते हैं। हमारे हार्ट को जितनी एनर्जी चाहिए, उसका 60 प्रतिशत गुड फैट्स के बर्न होने से मिलता है।

janwani address 3

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

UP Cabinet Meeting में बड़े फैसले,पार्किंग नियम लागू, ट्रांसफर नीति में भी बदलाव

जनवाणी ब्यूरो |यूपी: आज मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार...

Bijnor News: MR की संदिग्ध मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका,पुलिस ने शव को पीएम के लिए भेजा

जनवाणी संवाददाता |किरतपुर: थाना किरतपुर क्षेत्र के जीवन सराय...
spot_imgspot_img