- किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में होगी मरीज के सैम्पल की जांच
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जानलेवा बीमारी मंकी पॉक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठल द्वारा पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी आॅफ इंटरनेशनल कंसर्न घोषित करने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में अलर्ट जारी कर दिया है। बुखार के साथ रैश होने वाले रोगी, जो दूसरे देशों से यात्रा करके आए हों, उन्हें आसोलेट कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ऐसे मरीजों के सैम्पल जांच के लिए किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय में भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
मंकी पॉक्स मुख्यत: मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के उष्ण कटिबंधीय वर्षा वनों में पाया जाना वाला एक वायरल जूनोटिक रोग है, कभी कभार अन्य भोगोलिक क्षेत्रों में भी यह रोग पाया जाता है। जिसे 14 अगस्त को डब्लूएचओ ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी आॅफ इंटरनेशनल कंसर्न घोषित किया है। मंकी पॉक्स का वायरस उक्त रोग से संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए कपड़ों, बिस्तर, तौलिए, इलेक्ट्रानिक वस्तुए तथा अनय सतहों पर कुछ समय तक बना रहता है।
यह रोग पशुओं अथवा अनय संक्रमित मनुष्य से संचारित हो सकत है। इस रोग का वायरस ब्रोकन स्किन, श्वसन पथ या श्लश्मिका झिल्लियों आंखों, नाक, या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। संक्रमित जानवर के कटने या खरोंच मारने से भी मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसलिए ऐसे रोगी, जिन्हें बुखार के साथ शरीर पर रैश हों और वे दूसरे देशों से यात्रा करके आए हों, तो उनको आईसोलेशन की प्रक्रिया में रखा जाएगा
और उनके सैम्पल की जांच लखनऊ स्थित किंग जार्ज मेडिकल विश्वविद्यालय की राज्य संदर्भन प्रयोगशाला डिपार्टमेंट आॅफ माइक्रोबायोलॉजी विभाग में होगी। सीएमअो डा. अशोक कटारिया ने जिले के सभी मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल, सभी सीएचसी, पीएचसी, हेल्थ पोस्ट को निर्देश दिए कि वे मंकी पॉक्स के मरीजों की जानकारी तुरंत राज्य सर्विलांस इकाई को दें।