Monday, January 20, 2025
- Advertisement -

दुनिया भर में सस्ता पेट्रोल, देश में कट रही सलीके से जेब

  • सात साल पहले क्रूड आयल 108.45 प्रति बैरल तब पेट्रोल 71.28 प्रति लीटर
  • अब क्रूड आयल 44.83 डालर प्रति बैरल और पेट्रोल पहुंच गया 82 रुपये

जनवाणी संवाददाता|

मेरठ: पेट्रोल के दाम लगातार रिकॉर्ड बना रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें कम होने के बाद भी सरकार पेट्रोल के दाम कम नहीं कर रही है।

कच्चा तेल सस्ता होने के बाद भी पेट्रोल महंगा है। आम आदमी की जेब की परवाह किए बिना तेल कंपनियां मुनाफा जुटाने में लगी हैं। अर्थशास्त्री मानते हैं कि कीमतें गिरने से भारत का तेल इम्पोर्ट बिल नीचे आएगा।

कोरोना वायरस का संकट और उसे रोकने के लिए अमेरिका समेत के कई देशों में लागू लॉकडाउन ने दुनिया की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया है।

उद्योग-धंधे बंद हुए तो तेल की डिमांड अब अप्रत्याशित स्तर पर गिर गयी है। भारतीय अर्थशास्त्री मानते हैं कि कीमतें गिरने से भारत का तेल इम्पोर्ट बिल नीचे आएगा, विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

तेल सस्ता होने से भारत का फॉरेन एक्सचेंज आउटगो कम होगा और रुपया की मजबूती हो सकती है जो कोरोना वायरस संकट की वजह से कमजोर हुआ है।

साथ ही, सरकार तेल पदार्थों पर टैक्स बढ़ाकर जो आर्थिक नुकसान हो रहा है, उसकी कुछ भरपाई कर सकती है। साफ है अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का ये सिलसिला जारी रहा तो भारत का कच्चे तेल के आयात पर होने वाला खर्च कम होगा।

इससे भारत में पेट्रोल और डीजल सस्ता होने की एक उम्मीद भी बनती है, लेकिन सरकार जिस तरह से टैक्स बढ़ाती जा रही है। उससे पेट्रोल की कीमतों में गिरवाट की संभावना नजर नहीं आ रही है।

कोरोना वायरस के हिंदुस्तान में सक्रिय होने से पहले यानि एक मार्च को पेट्रोल की कीमत 71.89 प्रति लीटर तक पहुंच गई थी। संपूर्ण लॉकडाउन लागू होने के बाद कीमतें जून के पहले सप्ताह तक कीमतें स्थिर रही।

जब देश में अनलॉक शुरू हुआ तो डीजल के दाम एकबारगी बढ़ने लगे, लेकिन पेट्रोल तब भी लगभग खामोश था। अप्रैल में पेट्रोल की कीमत न्यूनतम 71.66 प्रति लीटर और अधिकतम 71.89 प्रति लीटर तक गई थी। मई माह में पेट्रोल की कीमतें अधिकतम 73.91 प्रति लीटर और न्यूनतम 71.33 प्रति लीटर तक आ गई थी।

जून के महीने में पेट्रोल की कीमतें एक बारगी बढ़नी शुरू हुई और उस महीने अधिकतम 80.86 प्रति लीटर तक बिका, जबकि महीने की शुरूआत 73.75 प्रति लीटर से हुई थी।

जुलाई में तेल कंपनियों में लगभग रोज दाम बढ़ाने शुरू किये, जिस कारण महीने में अधिकतम 80.94 रुपये तक बिका। इसी तरह अगस्त माह में रोज 10 पैसे बढ़ाये गए। अगस्त में रविवार को 82.02 प्रति लीटर तक पहुंच गया। हैरानी की बात यह है कि अगस्त 2013 में जब क्रूड आयल 108.45 प्रति बैरल था तब पेट्रोल 71.28 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था।

अब क्रूड आयल का इंटरनेशनल रेट 44.83 डालर प्रति बैरल है, तब पेट्रोल 82 रुपये लीटर बिक रहा है। कच्चा तेल 2013 के मुकाबले 63.62 डालर प्रति बैरल सस्ता बिक रहा है, लेकिन तेल कंपनियां मुनाफा कमाने के लिये दाम कम करने को तैयार नहीं है। ऐसे में 2013 के हिसाब से पेट्रोल का दाम 41.10 पैसे प्रति लीटर होना चाहिये।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

काल को कोई जीत नहीं सकता

किसी कवि ने समय के बारे में क्या खूब...

अंतरात्मा की आवाज अनसुनी न करें

संजय कुमार सुमन क्या हम उपजाऊ मिट्टी के जैसे बनना...

अपनी बुराइयां

एक महात्मा बहुत ज्ञानी और अंतमुर्खी थे। अपनी साधना...

शिक्षा का प्रसार : दावे और हकीकत

पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में...
spot_imgspot_img

2 COMMENTS

Comments are closed.