Sunday, June 1, 2025
- Advertisement -

दिल्ली में किसानों ने केंद्र सरकार के विरूद्ध किया बड़ा ऐलान, 26 को मनेगा विरोध दिवस

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (एआईकेकेएमएस) के आह्वान पर सोमवार को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में हजारों किसानों की आवाज गूंजी। इस दौरान किसानों की मांगों के प्रति केंद्र सरकार के ढुलमुल रवैये से नाराज अखिल भारतीय किसान महापंचायत ने पूरे देश में आंदोलन करने का ऐलान किया।

इस दौरान किसान नेताओं ने बताया कि आगामी 17 नवंबर को लाला लाजपत राय की बरसी पर किसान पूरे देश में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे। इसके बाद 26 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ मिलकर विरोध दिवस आयोजित किया जाएगा। फरवरी 2025 में किसान सभी प्रदेशों की राजधानियों में राजभवनों के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे।

एआईकेकेएमएस द्वारा बुलाई गई महापंचायत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, ओडिशा, कर्नाटक, केरल और पश्चिम बंगाल जैसे 21 राज्यों के हजारों किसानों और खेत मजदूरों ने शिरकत की। महापंचायत में किसान संगठन के नेता जयकरण माण्डौठी द्वारा पेश मुख्य प्रस्ताव में एमएसपी का कानून बनाने और कृषि उपज की सरकारी खरीद सी2+50 प्रतिशत एमएसपी पर करने, बिजली बिल 2023 को निरस्त करने और स्मार्ट मीटर योजना को वापस लेने, कृषि उपयोगी चीजों को सस्ता करने, जीएम बीजों पर रोक लगाने, ग्रामीण गरीबों को पूरे साल रोजगार और पर्याप्त मजदूरी देने, किसानों को ऋण मुक्त करने, पेंशन देने और सिंघु व टिकरी बॉर्डरों पर किसान शहीद स्मारक बनाने आदि मांगों पर सशक्त आंदोलन तेज करने का संकल्प सर्वसम्मति से पारित किया गया।

एक अन्य प्रस्ताव पारित कर असम की ब्रह्मपुत्र नदी घाटी में हर साल बाढ़ से होने वाली भीषण तबाही को रोकने की मांग की गई। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा देश में चार लेबर कोड पर रोक लगाने की मांग का समर्थन किया गया।

एआईकेकेएमएस के महासचिव शंकर घोष ने अपने उद्घाटन भाषण में केंद्र की फासीवादी भाजपा सरकार की एकाधिकार पूंजीपति परस्त व किसान -विरोधी नीतियों को किसानों की पीड़ा और कष्टों के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इनके खिलाफ तत्काल एक शक्तिशाली किसान आंदोलन खड़ा करने पर जोर दिया।

मुख्य वक्ता के रूप में किसान नेता एवं एआईकेकेएमएस के अध्यक्ष सत्यवान ने भाजपा सरकार की कृषि नीतियों का पर्दाफाश किया। सत्यवान ने कहा कि आज के दौर में किसानों का जीवन बद से बदतर हुआ है। उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले साझे किसान आंदोलनों की आवश्यकता पर जोर दिया। किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन गरीबों को कर्ज से मुक्ति प्रदान की जाए। साठ वर्ष की आयु होने पर इन वर्गों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाए।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के अन्य प्रमुख नेता बलबीर सिंह राजेवाल, जोगिंदर सिंह उग्राहां और प्रेम सिंह गहलावत ने भी किसान महापंचायत को संबोधित किया। किसान नेता अशोक ढवले का लिखित संदेश पढ़कर सुनाया गया। किसान महापंचायत के अध्यक्ष रघुनाथ दास ने किसान आंदोलन के शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए किसानों से आगे आने की अपील की।

spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Jyeshtha Ganga Snan 2025: तैयारियों से ज्यादा भरोसा ‘जुगाड़’ पर! गंगा स्नान से पहले ही गंदगी में डूबा शुकतीर्थ

जनवाणी संवाददातामोरना: तीर्थनगरी शुकतीर्थ में आस्था का महाकुंभ कहे...

Saharanpur News: देवी अहिल्याबाई होल्कर न्यायप्रिय शासक थी : प्रह्लाद पटेल

जनवाणी संवाददाता सहारनपुर: मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद...
spot_imgspot_img