- चार सदस्यीय जांच समिति की टीम ने सौंपी डीएम को अपनी रिपोर्ट
- रिपोर्ट के आधार पर सीएमओ ने किया हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसिल
- आवास विकास ने 77 हॉस्पिटलों को किया चिह्नित
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आवास विकास के इंजीनियर जल्द ही एल ब्लॉक स्थित कैपिटल हॉस्पिटल में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई कर सकते हैं। जिससे हॉस्पिटल संचालकों में खलबली मची हुई है। आवास विकास इंजीनियर एसपी सिंह का कहना है कि जांच में सामने आया है कि हॉस्पिटल अवैध बना हुआ है। जल्द ही हॉस्पिटल पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एल ब्लॉक स्थित शास्त्रीनगर कैपिटल हॉस्पिटल में पांच दिसंबर को लिफ्ट गिरने से सैन्यकर्मी अंकुश मावी की पत्नी करिश्मा हूण की मौत हो गई थी।
परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया। नौचंदी थाने में संचालक समेत कई लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया। स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटल को सील कर दिया था। डीएम ने चार सदस्यीय टीम बनाई। जिसमें सिटी मजिस्टेट अनिल कुमार, डिप्टी सीएमओ महेश चंद्रा, सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार, संयुक्त विद्युत सुरक्षा निदेशक पुलकित कुमार रहे। जांच समिति ने हॉस्पिटल प्रबंधन की गलती मानी। जांच समिति को जांच में मिला था कि हॉस्पिटल का नक्शा, सीसीटीवी कैमरा, सुरक्षा के इंतजाम नहीं थे।
जांच रिपोर्ट के आधार पर सीएमओ ने बीते सोमवार को हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसिल कर दिया। नोटिस देकर 26 बिंदुओं पर हॉस्पिटल से जवाब मांगा है। वहीं, आवास विकास इंजीनियरों का कहना है कि आवासीय भवन में कैपिटल हॉस्पिटल का संचालन हो रहा है। हॉस्पिटल संचालक को नोटिस जारी कर दिया गया है।
आवासीय भवनों में चल रहे हॉस्पिटलों पर होगी कार्रवाई
शास्त्री नगर में आवास विकास इंजीनियरों ने आवासीय भवन में बने हुए 70 नर्सिंग होम को चिह्नित किया है। जो आवासीय भवनों में चल रहे हैं। उन्होंने सभी को नोटिस जारी किया है। नोटिस मिलते ही हॉस्पिटल संचालकों में खलबली मची हुई है। आवास विकास इंजीनियर एसपी सिंह का कहना है कि आवासीय भवनों में कामर्शियल का इस्तेमाल करने वाले सभी भवनों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।
एक साल में 150 सड़क हादसे, 34 की मौत
मेरठ: ओवरलोड वाहनों को लेकर बरती जा रही लापरवाही के चलते एक साल में 250 हादसों में 34 की मौत हो चुकी है। टोल टैक्स बचाने के चक्कर में हो रही दुर्घटनाओं को रोकने की मांग को लेकर सरधना विधानसभा से सपा विधायक अतुल प्रधान संभागीय परिवहन निगम के आरटीओ से मिले। इस दौरान उन्होंने एक ज्ञापन सौंपते हुए आरोप लगाया कि सरधना-दौराला-लावड़ मसूरी मार्ग से निरंतर मार्ग की क्षमता से अधिक भार के वाहनों का आगामन हो रहा है। मार्ग की मांग की क्षमता अत्याधिक भारी वाहनों की नहीं है।
किन्तु आपके विभाग की मिलीभगत के कारण एवं टोल फीस बचाने के लिये इस मार्ग का प्रयोग हो रहा है। जिसके कारण एक वर्ष के अंदर लगभग 150 से ज्यादा दुर्घटना हो गयी है। जिसमें लगभग 34 लोगों की मौत हो गयी है। इन सबका जिम्मेदार परिवहन विभाग है। उन्होंने कहा कि विभाग की मिलीभगत से क्षेत्र के प्रयोग वाले मार्ग पर अधिक क्षमता के लंबी दूरी के वाहन चल रहे हैं। हाल ही कस्बा लावड़ में एक पत्रकार की मौत इन्ही भारी वाहनों के कारण हो गई थी। निरन्तर वाहनों का आवागमन जारी है।
इसलिए जल्द से जल्द सरधना-दौराला मार्ग, दौराला-लावड़-मसूरी मार्ग एंव लावड़-सोफीपुर मार्ग से अनाधिकृत रूप से चल रहे भार से अधिक क्षमता के वाहनों पर रोक लगाते हुए उन दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जाये जिनके संरक्षण में यह कार्य चल रहा है और आम जन को जान गंवानी पड़ रही है। इस अवसर पर आरटीओ राजकुमार ने उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द ओवरलोड वाहनों को रुकवाया जाएगा।
आरटीओ में दिया जाएगा अनिश्चितकालीन धरना
विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि आरटीओ राजकुमार ने उन्हें सोमवार तक का आश्वासन दिया है। अगर सोमवार तक ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई नहीं की तो वह आरटीओ कार्यालय पर ही अनिश्चितकालीन धरना देंगे। इससे पहले वह निजी हॉस्पिटलों के खिलाफ अभियान चलाकर कमिश्नरी पार्क में कई दिन तक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ चुके हैं।