जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना दलित छात्रों की स्कालरशिप के लिये 59 हजार करोड़ के बजट से मैट्रिक पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिये स्कालरशिप मिलेगी। इसमें केन्द्र व राज्य सरकार की भागेदारी होगी। भारतीय जनता पार्टी मेरठ महानगर ने होटल ओलिविया में एक प्रेस वार्ता आयोजित की।
जिसमें अनुसूचित जाति के पुरकाजी से विधायक प्रमोद कुमार उटवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनुसूचित जाति के छात्रों की छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप)में 59 हजार करोड़ का बजट देकर युवाओं के विकास को बल दिया है। यह सरकार दलित बच्चों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप देगी।
इस पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना से अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए शैक्षिक पहुंच और भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा सुनिश्चित करें। दलितों को शैक्षिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए यह एक बड़ा फैसला है।
सरकार ने कहा कि लाभार्थी छात्रों को छात्रवृत्ति अब डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। मौजूदा समय में केंद्र सरकार इस पैसे को राज्यों और शैक्षणिक संस्थानों को देती थी और फिर छात्रों को मिलती थी। इस दौरान बहुतायत में गड़बड़ी होती थी।
विधायक ने बताया कि छात्रवृत्ति का 60 फीसदी हिस्सा केंद्र देगी। अब छात्रवृति के पैसे का 60 फीसदी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकारें देंगी। पहले इस योजना के तहत सरकार राज्यों को हर साल औसतन 11 सौ करोड़ की मदद देती थी, लेकिन अब हर साल छह हजार करोड़ दी जाएगी।
इस स्कीम के तहत सरकार दलित छात्रों को 10वीं के बाद 11वीं और 12वीं यानी पोस्ट मैट्रिक की पढ़ाई के लिए छात्रवृति देती है। इस मौके पर महानगर अध्यक्ष मुकेश सिंघल, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष हरेंद्र जाटव, महानगर के महामंत्री व अनुसूचित मोर्चा के अध्यक्ष राजकुमार सोनकर,महामंत्री महेश बाली, अरविंद गुप्ता मारवाड़ी, जिला महामंत्री भवर सिंह तोमर, अनुसूचित मोर्चा के क्षेत्रीय मंत्री डा. रविप्रकाश, मीडिया प्रभारी अमित शर्मा, श्याम लोमश, अरुण मंचल आदि मौजूद रहे।
पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष ने दी योजनाओं की जानकारी
राज्य पिछड़ा आयोग के उपाध्यक्ष हीरा ठाकुर ने विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत गरीबों व बेरोजगारों को मिलने वाली मदद के बारे में जानकारी दी। हीरा ठाकुर नें बताया कि पिछड़ा वर्ग के लोगों के लिए जो पक्के घर की योजना है उसमें 54 लाख लोगों की जांच के बाद 32 लाख लोग सही पाए गए। परिवार के मुखिया की मानकों के अनुरूप जांच की गई जिसमें उनके आधारकार्ड व अन्य कागजातों की जांच सही पाई गई।
आने वाले दो वर्षो में सभी को आवास उपलब्ध कराएं जानें का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री आवास योजना में सभी लाभार्थियों को चिन्हित कर लिया गया है। जो बच गए है उनके लिए फिर से पोर्टल खोला जाएगा और उनके रजिस्ट्रेशन कराएं जाएंगे। सस्ते गल्लें की दुकानों को लेकर जो अनियमितताएं है उनको भी दूर किया जा रहा है।
सरकारी योजनाओं द्वारा जरूरतमंदों को लाभ देनें की कवायत जारी है। सरकार द्वारा समय-समय पर इन योजनाओं को लेकर समीक्षा की जाती है। देखना होगा कि सरकार द्वारा ऐसे लाभार्थियों को कब तक योजनाओं का लाभ मिलेगा जो पीछे रह गए है।