सुभाष शिरढोनकर
महाराष्ट्र सरकार के साथ पंगा लेने के कारण फिल्म एक्ट्रेस कंगना काफी वक्त से लगातार सुर्खियों में हैं। कोल माफिया से जुड़ी कहानी पर आधारित ‘धाकड़’ की शूटिंग के सिलसिले में इन दिनों कंगना, मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में हैं। फिल्म को भोपाल के आसपास शूट किया जाना है। कंगना ने मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से औपचारिक मुलाकात की। इस अवसर पर चौहान ने कंगना को एक सच्ची देशभक्त कहकर उन्हें सम्मानित किया। कंगना की फिल्म ‘धाकड़’ को इसी साल के आखिर तक रिलीज करने की योजना है। प्रस्तुत हैं कंगना के साथ की गई बातचीत के मुख्य अंश…
आप राष्ट्रीय मुद्दों पर प्रमुखता से बात करती रही हैं। इन दिनों जब हर कोई किसान आंदोलन के पक्ष में नजर आ रहा है, आप इसका जमकर विरोध कर रही हैं?
-मैं हमेशा से कहती आ रही हूं, कि मेरे दिल को जो सच्चा लगता है, उसे कहने से मैं कभी पीछे नहीं रहूंगी लेकिन शायद मेरी इस आदत की वजह से ज्यादातर लोग मेरे खिलाफ हैं, लेकिन मुझे किसी की परवाह नहीं। मैं किसी दूसरे के प्रति जवाबदार न होकर सिर्फ खुद के प्रति वफादार बनी रहना चाहती हूं। किसानों की जो समस्याएं और जो मांगे हैं, मैं उनका समर्थन करती हूं लेकिन यह बात किसी से छिपी नहीं है कि इस आंदोलन के पीछे कई राजनैतिक शक्तियां अपनी अपनी रोटियां सेंकने में लगी हुई हैं और मैं बस उनके खिलाफ हूं।
लेकिन हर बात का लगातार विरोध करने से सिर्फ आपका ही तो नुकसान हो रहा है?
-नफा-नुकसान की मैंने कभी परवाह नहीं की। यदि करती तब शायद मैं भी भीड़ में दूसरे लोगों से एक होती। मैंने किसी की परवाह किए बगैर आरक्षण का विरोध किया, जिसके कारण ज्यादातर दलित मुझसे नफरत करने लगे। ‘मणिकर्णिका’ की रिलीज के दौरान मैंने करणी सेना के साथ पंगा लिया, इसलिए राजपूतों ने मुझे धमकी दी। यदि किसी को लगता है कि यह दुनिया सिर्फ उसी के कारण चल रही है तो वह शख्स मेरे निशने पर आ जाता है। उसके बाद चाहे मेरा कुछ भी हो जाएं लेकिन मैं उसे बिलकुल भी बख्शने के मूड में नहीं रहती।
लेकिन मुस्लिमों के खिलाफ आपको कभी बोलते नहीं देखा गया। क्या आप उनसे डरती है ?
-कंगना भगवान को छोडकर किसी से नहीं डरती। यदि बात गलत हो तो मैं इस्लामवादियों का विरोध भी कर सकती हूं। मैं खालिस्तानियों से भी लड़ाई लड़ चुकी हूं इसलिए सिख भी मेरे खिलाफ हैं। तापसी पन्नू मामले में सारी की सारी सिख कौम मेरे खिलाफ उठ खड़ी हुई थी।
पिछले कुछ वक्त से जिस तरह के आपके क्रिया कलाप रहे हैं, यदि उन पर नजर डाली जाए तो ऐसा लगता है कि आप यह सारा खेल सिर्फ पॉलिटिक्स में आने के लिए खेल रही हैं?
-मुझे मेरी तारीफ करने वालों से ज्यादा आलोचना करने वाले लोग पसंद आते हैं। मेरे चाहने वाले अक्सर मुझे आगाह करते हुए एक बहुत अच्छी बात कहते हैं कि कोई भी राजनैतिक दल मेरे जैसी वोट काटने वाली लडकी को अपनी पार्टी में शामिल करना पसंद नहीं करेगा। इसका सीधा सा अर्थ है कि मुझे कोई भी राजनैतिक पार्टी पसंद नहीं करती इसलिए पॉलिटिक्स में जाने का तो सवाल ही नहीं उठता। जिसे आप खेल कह रहे हैं, वह दरअसल सिर्फ और सिर्फ खुद को मेरे संतुष्ट करने का एक तरीका है।
लेकिन खुद को संतुष्ट करने के चक्कर में आप जिस तरह दूसरों को असंतुष्ट करती जा रही हैं, उसके कारण अक्सर आपके स्वस्थ मनो-मस्तिष्क पर सवाल उत्रए जाते रहे हैं?
-मेरे बारे में ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि मैं ऐसा क्यों करती हूं? कुछ लोगों को मेरी मेंटल पोजिशन को लेकर शंकाएं भी होती हैं लेकिन क्या करूं? कंगना जैसी है वैसी है ! वह कैमरा आॅन होते ही बेहतरीन एक्टिंग तो कर सकती है लेकिन आउट आॅफ कैमरा उसे एक्टिंग बिलकुल नहीं आती।
लेकिन एक अच्छा एक्टर उसे कहा जाता है जो ‘आॅन स्क्र ीन’ और ‘आॅफ स्क्रीन’ अपने हर किरदार को खूबसूरती के साथ निभा सके। आप भी तो अपनी रियल लाइफ जिंदगी के किरदार को दूसरों की तरह बेहतरीन तरीके से निभा सकती हैं?
-एक्टिंग की दुनिया से बहुत दूर, अंतरआत्मा की मेरी अपनी एक अलग दुनिया है। उसके प्रति मैं कहीं ज्यादा जवाबदार हूं। फिल्मों में एक्टिंग चाहे जैसी कर लूं चल जाएगा लेकिन यदि असल जीवन में एक्टिंग करूंगी तो अपनी अंतर आत्मा को क्या जवाब दूंगी? हर रोज सोने से पहले मेरी अंतर आत्मा मुझसे कई तरह की सवाल करती है जिनके जवाब मुझे पूरी ईमानदारी के साथ देने होते हैं।