- कोरोना आर्थिक मंदी पर व्यापारियों की राहत पैकेज की मांग
दिनेश गहलोत |
शामली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वादा किया है कि एक फरवरी को ऐसा बजट पेश करेंगे। देश में कोरोना संकट से लगे आर्थिक झटके के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किए जाने वाले बजट को लेकर उद्यमियों, नौकरीपेशा, किसान, व्यापारियों और गृहणियों को बहुत आशाएं है।
व्यापारियों को मिले आर्थिक राहत पैकेज: गर्ग
उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम दास गर्ग का कहना है कि कोरोना संकट काल में व्यापारियों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है। केंद्रीय बजट में आर्थिक राहत पैकेज के माध्यम से उनके 3 माह के बिजली के बिल माफ किए जाए। व्यापारियों का बैंकों का ब्याज तथा ईएमआई 3 माह की माफ हो। एक जनवरी से जीएसटी में लागू किए गए प्रावधान वापस हो। इनकम टैक्स में राहत दी जाए। पेट्रोल और डीजल के दामों पर अंकुश लगाया जाए। छोटे बड़े सभी व्यापारियों के लिए पेंशन योजना लागू हो।
लघु-मघ्यम उद्योगों को मिले विशेष पैकेज: मित्तल
इंडियन इंडस्ट्रीयल एसोसिएशन चैप्टर शामली के चेयरमैन अशोक मित्तल का कहना है कि कोरोना काल में उद्योगिक इकाईयां बुरी तरह से प्रभावित हुई है। लघु और मध्यम उद्योग बंदी के कगार पर है। उन्होंने कहा कि लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए केंद्रीय बजट मेंं विशेष राहत पैकेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने आयकर की छूट को बढ़ा कर पांच लाख रुपये किए जाने की मांग की।
आयकर सीमा बढ़कर हो सकती है 3 से 4 लाख: मिश्रा
टैक्सेसशन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आयकर अधिवक्ता राजेश मिश्रा का कहना है कि सोमवार को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट में आयकर में टैक्स छूट की सीमा बढकर 3-4 लाख रुपये होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि वेतन पर स्टेंडर्ड छूट भी बढ़ सकती है। धारा 80-सी, 80-डी व एनपीएस में 80-सीसीडी (1-बी) के तहत छूट की सीमा भी बढ़ सकती है।
सस्ती शिक्षा मुहैया कराने का रखें ख्याल: गर्ग
हिंदू महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डा. मंजू गर्ग का कहना है कि वित्तमंत्री बजट में बालिकाओं के लिए सस्ती शिक्षा मुहैया कराने का ख्याल रखें, ताकि मध्यम वर्ग के परिवार भी बच्चियोंं को सस्ती उच्च शिक्षा दिला सके। महिलाओं के लिए बैंकों से स्वरोजगार के लिए विशेष अनुदान मिलना चाहिए। जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि आयकर में भी छूट बढ़ाई जानी चाहिए।
खाद्यान्न की कीमतों में की जाए कमी: कविता
शहर के नया बाजार निवासी गृहणी कविता सुलानिया का कहना है कि रसोई में प्रयोग होने वाले खाद्यान्न, मसाले, तेल आदि के दामों को नियंत्रित कर सस्ते किए जाए और रसोई गैस की सब्सिडी में वृद्धि की जाए। उन्होंने कहा कि आम लोगों की आय को ध्यान में रख कर बजट पेश किए जाए। शिक्षा और स्वास्थ्य को सेस से राहत प्रदान की जानी चाहिए।
बजट में किसानों को मिलेगा सिर्फ छलावा : मलिक
किसान नेता अनिल मलिक का कहना है कि केंद्रीय बजट में किसानों को केवल छलावा मिलेगा। किसानों को सरकार से किसान आर्थिक सुधार की कोई आशा नहीं है। किसान आंदोलन में किसान दिल्ली में आंदोलनरत है। आंदोलन में बडी संख्या में किसानों की मौत हो चुकी है। लेकिन प्रधानमंत्री को किसानों की मौत पर संवेदना व्यक्त करने का भी समय नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को बजट से कोई सार्थक आशा नहीं है।