- आयुष विभाग के डीओ ने दी जानकारी, कहा-तुरंत कराएं इलाज
जनवाणी ब्यूरो |
सहारनपुर: ब्लैक फंगस के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, वह चिंता का विषय है। बहरहाल, इससे निपटने के लिए अब आयुष मंत्रालय ने भी कमर कस ली है। हालांकि, यह कोई नई बीमारी नहीं है। आयुर्वेद में भी इसका उपचार उपलब्ध है।
क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डॉक्टर रामकृपाल (आयुष विभाग) ने बताया कि ब्लैक फंगस के उपचार के लिए आयुष मंत्रालय की ओर से गाइड लाइन जारी की गई है। थोड़ी सावधानी रखें और आयुर्वेदिक उपचार लें तो ब्लैक फंगस ठीक हो जाता है। सबसे पहली जरूरत इस बात ये है कि ब्लैक फंगस को लेकर बुहत पैनिक न हों, तुंरत चिकित्सक से संपर्क करें।
डॉक्टर रामकृपाल ने बताया कि आयुष मंत्रायल ने ब्लैक फंगस के लक्षण वाले उपचाराचाधीनों को संशमनी बटी, निशामालकी और सुदर्शन घनवटी देने के निर्देश दिए हैं।
संशमनी वटी और निशामालकी बटी सुबह और रात को एक-एक गोली और सुदर्शन वटी की सुबह एक व रात में दो गोली लें। बेहतर हो कि आयुर्वेद चिकित्सक से संपर्क कर दवा की मात्रा और लेने का तरीका जान लें। इसके अलावा चिकित्सक द्वारा बताई गई सावधानी भी कड़ाई के साथ अपनाएं। डॉक्टर रामकृपाल ने बताया कि कोविड के उपचार के दौरान अधिक स्टेराइड इस्तेमाल करने वाले इन तीनों आयुर्वेदक दवाओं का प्रयोग करेंगे तो इससे ब्लैक फंगस से बचाव हो सकेगा।
इसके अलावा लक्षण वाले उपचाराधीन भी इन दवाओं का प्रयोग करें। दवाओं के साथ त्रिफला और हल्दी उबालकर कुल्ला करने से भी लाभ मिलता है। आयुर्वेद चिकित्सा में दवाओं का सही अनुपात और सही समयावधि का ध्यान रखना बडा जरूरी है। कई दवाओं का अनुपात उपचाराधीन के वजन से तय किया जाता है इसलिए चिकित्सक के निर्देशन में ही दवाएं लें।
डॉक्टर रामकृपाल ने बतााय कि दवा लेने के लिए अलावा पीने कि लिए गुनगुने पानी का ही इस्तेमाल करें। हल्का और सुपाच्य भोजन करें। ध्यान रहे कि भोजन हल्का गर्म और ताजा हो। फ्रीज में रखा भोजन लेने से बचें। ताजे फल खाएं। घर से बाहर निकलें तो मास्क लगाकर निकले। हवादार कमरे में रहें और दिन दो बार भाप लें। शुगर की जांच कराते रहें।