जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित वेदांत सत्संग आश्रम में आध्यात्म के साथ चिकित्सकों का संयुक्त सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें गीता व उपनिषदों के निरंतर चिंतन के साथ मन को शांत रखने के बारे में बताया गया।
आपको बताते चलें इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी अभयानंद सरस्वती ने चिकित्सकों व शिष्यों को अपने आशीर्वचन से सुशोभित किया और कहा कि आध्यात्म और चिकित्सा एक ही हैं उन्हें ने आगे कहा आध्यात्म भी एक तरह की चिकित्सा है जो मनुष्य के मन, मस्तिक, चिंतन को स्वस्थ बनाने में अहम रोल निभाता है।
मन अगर स्वस्थ है खुश है तो आत्मा और शरीर के सभी रोग अपने आप खत्म हो जाते हैं, मानव का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है ,स्वास्थ्य के क्षेत्र में मन को स्वस्थ करने की बात महामंडलेश्वर की और शरीर को स्वस्थ बनाया रखने पर बलात्कार दिया। अभयानंद सरस्वती ने पाश्चात्य सभ्यता को युवाओं में हावी होने पर कहा कि पाश्चात्य सभ्यता के अच्छे विचारों को ग्रहण करें बुरे विचारों को त्याग दें यही सनातन धर्म के उत्थान का सबसे बड़ा मूल मंत्र है।