जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने शनिवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के परिणाम जारी किए। बैंक की ओर से बताया गया कि पिछले वर्ष की समान अवधि से उसका शुद्ध लाभ 62.27 प्रतिशत बढ़कर 8,432 करोड़ रुपये हो गया। इसके साथ ही 2021-22 की तीसरी तिमाही में सरकार द्वारा संचालित ऋणदाता का लाभ अब तक का सबसे अधिक तिमाही लाभ है।
ब्याज से आय 6.48 फीसदी बढ़ी
2021-22 की तीसरी तिमाही में बैंक का परिचालन लाभ सालाना आधार पर 6.86 प्रतिशत बढ़कर 18,522 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की तीसरी तिमाही में 17,333 करोड़ रुपये रहा था। इसके साथ ही एसबीआई की शुद्ध ब्याज आय सालाना आधार पर 6.48 फीसदी बढ़ी है। वहीं सकल एनपीए अनुपात 4.50 प्रतिशत रहा, जो वर्ष-दर-वर्ष 94 बीपीएस कम है, जबकि शुद्ध एनपीए अनुपात 1.34 प्रतिशत वर्ष-दर-वर्ष 47 बीपीएस कम है। हालांकि, समायोजित आधार पर, सकल एनपीए अनुपात में सालाना आधार पर 27 बीपीएस की गिरावट आई है, जबकि शुद्ध एनपीए अनुपात में सालाना आधार पर 11 बीपीएस की वृद्धि हुई है। एसबीआई की ओर से बताया गया कि बैंक की कुल जमा राशि सालाना आधार पर 8.83 प्रतिशत बढ़ी। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान बचत बैंक जमा में 10.30 प्रतिशत, जबकि चालू खाता जमा में 7.89 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
पेटीएम की हालत में कोई सुधार नहीं
देश की सबसे चर्चित ऑनलाइन पेमेंट सेवा प्रदान करने वाली कंपनी पेटीएम शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद से खराब प्रदर्शन कर रहा है। अब एक और बुरी खबर आई है। 31 दिसंबर को खत्म हुई तिमाही में भी पेटीएम का घाटा बढ़कर 778 करोड़ रुपये हो गया है। शुक्रवार को पेटीएम का शेयर 0.89 फीसदी बढ़कर 952.90 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था। इसका आईपीओ इश्यू प्राइज 2150 रुपये का था, जो पहले ही दिन डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ और गिरते-गिरते उसकी कीमत आधे से भी कम रह गई है।