- कचहरी परिसर के बाहर अवैध रूप से चल रही पार्किंग
- सड़क पर वाहन खड़े कर काटी जाती है पर्ची, घंटों लग रहा जाम
- मेरठ कालेज के सामने भी की जा रही अवैध पार्किंग, लगा जाम
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर वर्तमान में जाम की समस्या से जूझ रहा है। पूरा-पूरा दिन जाम में लोग फंसे रहते हैं। शहर का कोई रोड ऐसा नहीं है, जो जाम से मुक्त हो। मंगलवार को ‘जनवाणी’ ने शहर के विभिन्न स्थानों पर जाम की तस्वीरों में कैमरे में कैद किया। जाम से हर जगह लोग घंटों तक से जूझते दिखाई दिए और यही नहीं ट्रैफिक पुलिस भी बेबस दिखी। ट्रैफिक पुलिस के पास भी इस जाम से जनता को मुक्ति दिलाने का कोई प्लान नहीं है।
ऐसा तब है जब करोड़ों रुपये सरकार ट्रैफिक पुलिस पर खर्च कर रही है और ट्रैफिक के उपकरण थी खरीदे जा रहे हैं। फिर भी जाम से जनता को मुक्ति नहीं मिल पा रही है। आखिर इस जाम के लिए जवाब दे कौन है? क्या इस जाम से जनता को मुक्ति मिल पाएगी? चार दिन पहले एडीजी ट्रैफिक ज्योति नारायण मेरठ आए थे। उन्होंने दावा किया था शहर के ट्रैफिक की तस्वीर अवश्य बदलेगी, लेकिन तस्वीर तो नहीं बदली जाम और ज्यादा लगने लगा। ट्रैफिक पुलिस कर्मियों की भी लापरवाही कम जिम्मेदार नहीं है। दरअसल, ट्रैफिक के आला पुलिस अफसरों के पास भी कोई ठोस प्लान ट्रैफिक जाम को लेकर तैयार नहीं किया गया, जिसके कारण जनता हर रोज जाम से जूझती रहती है घंटों।
हाइवे पर लगने लगा जाम
एनएच-58 से लेकर रुड़की रोड तक जाम ही जाम की समस्या से हाइवे से गुजरने वाले यात्री जूझ रहे हैं। मेरठ में रैपिड रेल का कार्य चल रहा है। जिसके कारण जगह-जगह जाम की भयंकर स्थिति बनी हुई है। इस जाम के लगने से जहां इसमें फंसने के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। वहीं, इस जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए अभी तक कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए गए हैं।
सुबह से लेकर शाम तक मेरठ शहर में जाम की स्थिति बनी हुई है। जाम के कारण लोग अपना जरूरी काम भी नहीं कर पा रहे हैं। जिसके चलते लोगों को परेशानी खड़ी हो रही है। स्कूल जाने वाले स्कूली बच्चे भी समय से स्कूल नही पहुंच रहे हैं। क्योंकि इस जाम के झाम में फंसने के कारण लोगों परेशानी में दिखाई दिए हैं। रुड़की रोड पर जगह-जगह यह कार्य प्रगति पर है। जिसके चलते दिन निकलते ही यहां जाम शुरू हो जाता है।
देहात के रास्तों पर भी लगने लगा जाम
देहात क्षेत्र के रास्तों पर भी जाम लगा रहने लगा है। इन रास्तों से बड़े वाहन होकर गुजरने लगे हैं। जिसके चलते यहां भी जाम लगा रहने लगा। लावड़-सोफीपुर मार्ग पर बड़े वाहनों के गुजरने से यहां आए दिन जाम लगा रहने लगा। जिसके चलते लोगों को इन रास्तों पर भी परेशानी होने लगी है।
जाम से त्रस्त है शहर की जनता
पिछले चार दिन से घंटाघर, अहमद रोड, जलीकोठी एवं दिल्ली रोड पर यातायात जाम से लोगों को जूझना पड़ रहा है, लेकिन अभी तक यातायात की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं आया। मंगलवार सुबह जलीकोठी पीर तिराहे पर जाम लगने से यातायात बंगलिया मार्ग से गुजरना पड़ा। वहीं, केसरगंज दिल्ली रोड पर रेलवे रोड चौराहे से महताब सिनेमा तक जाम लगने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
यही हालत नगर निगम मार्ग की रही यहां भी लम्बा जाम लगजाने के कारण लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। जाम का मुख्य कारण अहमद रोड पर सीवर लाइन की सफाई है जो पिछले चार दिन से जारी है। बड़े वाहनों को यहां से गुजरने नहीं दिया जा रहा है जिस कारण दिल्ली रोड पर यातायात अधिक होने से जाम लग रहा है। पुलिस द्वारा अभी तक लोगों को राहत दिलाने के लिये यातायात की व्यवस्था को नहीं सुधार सकी है।
अंदर वाहन ले जाने की मनाही, बाहर सड़क पर पार्किंग
शहर में जगह जगज अनाधिकृत पार्किंग के कारण शहर जाम हो चुका है। जहां देखों वहां सड़कों पर वाहन खड़े कर दिये जाते हैं जिससे स्थिति खराब हो जाती है और सड़कों पर वाहन निकलने तक की जगह नहीं बचती। कचहरी परिसर के बाहर मेरठ कालेज के सामने यही हाल है। यहां कचहरी परिसर में वाहन घुसने नहीं दिये जाते और सड़क पर वाहनों को अवैध रूप से पार्क कराया जा रहा है जिससे यहां दिनभर जाम लगा रहता है लेकिन कोई इस विषय में कुछ कहने को तैयार नहीं है।
कचहरी परिसर की आत करें तो यहां जिलाधिकारी समेत तमाम आलाधिकारियों के कार्यालय हैं। बावजूद इसके यहां कचहरी के आस पास हमेशा जाम लगा रहता है। जाम का सबसे बड़ा कारण यहां अनाधिकृत रूप से हो रही पार्किंग है। यहां पार्किंग संचालक कचहरी के मुख्यद्वार के पास और मेरठ कालेज की दीवार के बराबर में वाहनों को पार्क कराता है। बकायदा वह पर्ची तक लोगों को काटकर देता है।
यहां अवैध रूप से पार्किंग चल रही है, लेकिन कोई इसे रोकने वाला नही हैं। पार्किंग संचालक वाहनों को सड़क पर ही खड़ा करा देते हैं और सड़के के दोनों ओर सड़कों पर वाहन खड़े होने के कारण यहां मुख्य मार्ग पर कोई जगह नहीं बचती, जिस कारण यहां रोजाना जाम लग रहा है। जाम के कारण कई घंटे तक लोग यहां फंसे रहते हैं, लेकिन अधिकारी इस ओर से आंखे मूंदे हैं कोई कुछ करने को तैयार नहीं है।
कमिश्नरी पार्क के पास सड़कों पर खड़े होते हैं वाहन
वाहनों के सड़कों पर खड़े होने का सिलसिला कमिश्नरी पार्क से शुरू हो जाता है। यहां पार्क के चारों ओर वाहन चालक अपने वाहनों को खड़ा कर अपने कार्य से चले जाते हैं और वाहन सड़क पर ही खड़े रहते हैं। जिस कारण यहां जाम लगता है। कचहरी के पास तो पार्किंग संचालक ही वाहनों को खड़ा कर यहां पर्ची काटता है।
न जाने कब शुरू होंगी नगर निगम की पार्किंग?
नगर निगम की ओर से भी शहर को जाममुक्त कराये जाने की योजना बनाई जा रही है। जिसे लेकर मल्टीलेवल पार्किंग का प्लान तैयार किया जा रहा है। जबकि शहर के व्यापारी बरसों से पार्किंग की समस्या का समाधान करने की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन आज तक शहर में पार्किंग की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। अगर शहर में दो-तीन जगहों पर मल्टीलेवल पार्किंग बन जाये तो वाहन सड़कों पर न खड़े हों और लोगों को जाम में न फंसना पड़े।
आबादी 26 लाख, 345 पुलिसकर्मियों पर यातायात का जिम्मा
पुलिस के रिकॉर्ड में भले ही शहर में यातायात पुलिस की व्यवस्था माकूल हो, लेकिन जमीनी हकीकत में ऐसा नहीं है। शहर की 26 लाख की आबादी पर 345 पुलिस कर्मी तैनात हैं। जिसमे से कुछ पुलिसकर्मी आॅफिस के कार्य पर रहते है और कुछ अवकाश पर रहते है।
ऐसे स्थिति उस समय विस्फोटक हो जाती है, जब शहर में किसी वीआईपी के आने, धरने प्रदर्शन या रैली का कार्यक्रम होता है या फिर स्कूलों की छुट्टी के दौरान शहर में रह तरफ जाम ही जाम दिखाई देता है। शहर में ट्रैफिक में फंसने वाले तो हर रोज परेशानी झेलते ही हैं, कभी-कभी एंबुलेंस भी जाम में फंस जाती हैं। ऐसे में मरीजों की जिंदगी भी दांव पर लग जाती है।
शहर में जाम के 40 प्वाइंट
शहर में यातायात पुलिस ने जाम के 40 प्वाइंट बनाएं है। जहां पर हर समय ट्रैफिक पुलिसकर्मी को मौजूद रहना पड़ता है। इसके लिए एसपी ट्रैफिक के अलावा 345 ट्रैफिक पुलिसकर्मियों का स्टाफ ही है, लेकिन शहर की बढ़ती आबादी के लिहाज से यह नाकाफी है।
रविवार को एनएच-58 पर लगता है जाम
शहर ही नहीं जाम की चपेट में एनएच-58 भी रहता है। प्रत्येक रविवार की शाम को तो एनएच-58 पर जाम के हालात ऐसे होते है कि खड़ौली चौराहे पर कई किमी लंबा जाम लग जाता है और वाहन धीरे-धीरे रेंगते रहते है। खड़ौली चौराहे पर पुलिस की मौजूदगी नहीं रहने पर सड़क किनारे वाहन खड़े रहते है और बाइक सवार डिवाईडर से सड़क पार करते है। जिस कारण शाम होते ही ट्रैफिक प्रभावित होने लगता है।
करोड़ों खर्च करने के बाद भी हालात जस के तस
यातायात पुलिस के बेड़े में हर सुविधा होने के बाद भी शहर के लोगों को प्रतिदिन जाम से जूझना पड़ रहा है। यही नहीं सरकार ट्रैफिक पुलिस पर प्रतिमाह करोड़ों रुपये खर्च करती है, इसके बावजूद यातायात व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चल रही है। यदि बात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के संसाधनों की करें तो इनके पास प्रयाप्त सुविधाएं है, लेकिन फिर भी आमजन को जाम से निजात दिलाने में ट्रैफिक पुलिस नाकाम साबित हो रही है।
ट्रैफिक बैडे में इतने पुलिसकर्मी है तैनात
यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए एसपी ट्रैफिक के अलावा एक सीओ, तीन टीआई, 26 टीएसआई, होमगार्ड 100, एचसीपी 76, सिपाही 120 और पीआरडी के 20 जवान शामिल है। इसी के साथ ट्रैफिक बेडे में 25 एंजल्स, 25 ट्रामो और चार क्रेन शामिल है। इसके बावजूद शहर की यातायात व्यवस्था जस की तस है।