Monday, August 11, 2025
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बंकरों में रहने को मजबूर छात्र, चारों तरफ रूसी सैनिक

  • बागपत जनपद से भी कई छात्र व व्यापारी यूके्रेन में फंसे
  • परिजन लगातार कर रहे संपर्क, परिजनों को सता रही बच्चों की चिंता
  • इंटरनेट कर रहा डिस्टर्ब, परिजनों से टूट रहा है संपर्क

मुख्य संवाददाता  |

बागपत: हर तरफ दहशत का माहौल है, रूसी सैनिक चारों तरफ घूम रहे हैं, धमाकों से धरती दहल रही है, छिपने के लिए ठिकानों की तलाश की जा रही है। यह माहौल यूक्रेन का है। रूसी हमले के बाद वहां के हालात बेहद खराब हो गए हैं और वहां फंसे भारतीयों की चिंता में उनके अभि भावकों की आंखों में आंसू है।

हालांकि छात्रों का दावा है कि आम नागरिकों को रूसी सेना कुछ नहीं कह रही है, वह सिर्फ सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही है, लेकिन बमबारी के बीच वह अपने आप को सुरक्षित करने में भी लगे हैं। बागपत जनपद से छात्र-छात्राएं व व्यापारी यूक्रेन में फंसे हुए हैं।

परिजन भी लगातार संपर्क कर उनका कुशलक्षेम जान रहे हैं। एमबीबीएस की छात्रा ने बताया कि फ्लैट से बंकर में शिफ्ट हो गए हैं, ताकि वह सुरक्षित रह सके। फ्लैट पर बमबारी होने का खतरा हो गया था। उधर, परिजन थोड़ी-थोड़ी देर में संपर्क कर स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं।

बागपत निवासी रालोद नेता ओमबीर ढाका की बेटी अनुष्का ढाका यूके्रन के ओडेशा में है। वहां वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। रातभर अनुष्का के परिजन यहां सो नहीं पाए और बेटी की चिंता सताती रही। परिजन थोड़ी-थोड़ी देर में बिटिया से संपर्क कर रहे हैं और वहां की स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं। परिजन उसका हौसला भी बढ़ा रहे हैं।

परिजनों को भी उम्मीद है कि उनकी बेटी जल्द लौटेगी। इसके अलावा देखा जाए तो परिजनों की धड़कनें लगातार बढ़ रही है। अनुष्का ढाका ने बताया कि वह अपनी तीन सहेलियों व अन्य दोस्तों के साथ एक दोस्त के फ्लैट पर शिफ्ट हो गए थे, लेकिन वहां से महज 500 मीटर की दूरी पर ब्लास्ट होने के बाद वहां से भी शिफ्ट हो गए हैं। वह बंकर में शिफ्ट हो गए हैं। बंकरों में छिपकर रहना पड़ रहा है। अन्य छात्र भी बंकरों में शिफ्ट हो गए हैं। अनुष्का ने बताया कि बंकरों में ही खाने की व्यवस्था करनी पड़ रही है।

हालात बेहद खराब है, इतना जरूर है कि आम नागरिकों को रूसी सैनिक कुछ नहीं कह रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बमबारी से उनकी चिंता बढ़ रही है। अनुष्का ने बताया कि पोलैंड के रास्ते वह नहीं आ सकते हैं। वह जिस जगह रूके हुए हैं वहां से पोलैंड जाने की कोई व्यवस्था नहीं हो सकती। पूरा विपरीत दिशा में है। बताया कि पूरा इलाका रूसी सैनिकों ने घेर रखा है। कीव पर अधिक हमले किए जा रहे हैं।

वहीं ज्यादा नुकसान है। वहां किसी से कांटेक्ट भी नहीं हो पा रहा है। अनुष्का ने बताया कि जब भी धमाका होता है तो उनकी धड़कनें बढ़ जाती हैं और उन्हें पल-पल चिंता हो रही है। उधर, अनुष्का के पिता ओमबीर ढाका, माता डॉ. संजय ढाका व भाई अंश ढाका भी लगातार संपर्क कर रहे हैं।

इंटरनेट डिस्टर्ब होने से बढ़ी परेशानी

अनुष्का ढाका ने बताया कि यहां लगातार बमबारी से सब कुछ डिस्टर्ब हो गया है। इंटरनेट सेवा भी डिस्टर्ब हो रही है, जिस कारण परिजनों से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। इधर, परिजन भी लगातार संपर्क करने के प्रयास में लगे रहते हैं। संपर्क नहीं होने से परिजनों की चिंता की लकीरें बढ़ जाती हैं।

कई बार चिंता हो जाती है कि क्यों संपर्क नहीं हो पा रहा है? अनुष्का के पिता ओमबीर ढाका ने बताया कि फोन नहीं मिलने से उनकी धड़कनें बढ़ने लगती हैं। बेटी की चिंता सताने लगती है। जब फोन पर बात होती है तो कुछ राहत मिलती है।

सरकार से है उम्मीद

रालोद नेता ओमबीर ढाका ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार ने भी अब हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। केंद्र सरकार आश्वासन दे रही है कि जल्द ही वहां फंसे छात्रों व अन्य नागरिकों को निकाला जाएगा।

इससे उन्हें भी उम्मीद जग रही है कि उनकी बेटी भी लौटेगी। सरकार को जल्द ही कुछ ठोस कदम उठाने होंगे और छात्रों व अन्य को वहां से सुरक्षित निकालना होगा। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार को इस ओर कदम उठाना चाहिए था, लेकिन ढिलाई की गई।

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