- फोटो खिंचते ही गृहकर विभाग के रिश्वत के कथित आरोपी इंस्पेक्टर ने लगा दी नगर निगम से दौड़
- मैं अवकाश पर गया था, लौट आया हूं, मेरे खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ, मुझे जानकारी नहीं: जितेंद्र अग्रवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम के गृहकर विभाग के जिस इंस्पेक्टर जितेंद्र अग्रवाल के खिलाफ रिश्वत लेने के मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत हुआ था, उसे इतने बड़े हाईप्रोफाइल मामले की जानकारी ही नहीं है। सोमवार को निगम में कार्यालय में ड्यूटी के दौरान जब उनसे जनवाणी संवाददाता ने जानकारी की तो यह सब बाते, जितेंद्र अग्रवाल ने कही।
जिसके बाद संवाददाता ने उसकी फोटो को कैमरे में कैद किया तो वह भाग खड़ा हुआ। जिसके बाद एंटी करप्शन की टीम से संपर्क किया तो उनके द्वारा गोलमोल जवाब दिया गया। जिसमें जितेंद्र अग्रवाल के इस पूरे हाईप्रोफाइल मामले में सिस्टम पर सवाल उठना लाजिमी है।
नगर निगम के गृहकर विभाग में कार्यरत इंस्पेक्टर जितेंद्र अग्रवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनिमय के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ। इस हाईप्रोफाइल मामले में निगम के ही गृहकर विभाग के कर्मचारी मुन्नवर को पांच हजार की रिश्वत लेने के मामले में एंटी करनेप्शन की टीम ने रंगे हाथ पकडा। जिसमें मुन्नवर ने दर्ज मुकदमें के दौरान पुलिस को बयान दिया कि उसने इंस्पेक्टर जितेंद्र अग्रवाल के कहने पर ही जफर से रुपये थामें थे।
जबकि इंस्पेक्टर मौके से फरार होने में कामयाब रहा था। पुलिस ने मुन्नवर के खिलाफ लिखापढ़ी कर चालान कर उसे जेल भेज दिया था। कुछ दिनों तक तो एंटी करप्शन टीम ने आरोपी इंस्पेक्टर की तलाश में दबिश दी, लेकिन बाद में आरोपी इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी का मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब आरोपी इंस्पेक्टर ने निगम में फिर से ड्यूटी शुरू कर दी। जिसमें जनवाणी ने उनके ऊपर लगा भ्रष्टाचार का आरोप गलत था या सही।
उन्हें एंटी करप्शन टीम से जांच में क्लीन चिट मिली या फिर वह कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे लेने के बाद ड्यूटी पर लौटे, उनसे जब सवाल किए तो उसने कहा कि मेरे खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ मुझे जानकारी नहीं हैं। मैं तो अवकाश पर गया था, वापस लौट आया हूं। फिर दर्ज मुकदमे से नाम निकले या फिर कोर्ट से गिरफ्तारी का स्टे लेने का क्या मामला?
जैसे ही जनवाणी संवाददाता ने निगम कार्यालय में उसके कुर्सी पर बैठकर कामकाज करने के दौरान की फोटो को कैमरे में कैद किया तो इसी बीच उसके द्वारा मामले की जानकारी नहीं होने के मजबूती से बात करने के दावे की हवा निकल गई। वह कैमरे में फोटो खिंचते ही कार्यालय से भाग खड़ा हुआ और यह कहते निकल गया कि वह अब कार्यालय में नहीं बल्कि फील्ड में कार्य करता है, वह फिल्ड में जा रहा है। इस पूरे मामले की जानकारी के लिए संवाददाता ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क साधा और इंस्पेक्टर अशोक कुमार से बात की।
जिस पर उन्होंने बताया कि मामले की विवेचना चल रही है। उनके द्वारा उनसे संपर्क के लिए सीयूजी नंबर दिया गया। उक्त सरकारी सीयूजी नंबर पर संपर्क किया तो उन्होंने कॉल रिसीव कर बताया कि मामले की विवेचना चल रही है, अभी आरोपी इंस्पेक्टर जितेंद्र अग्रवाल का नाम नहीं निकल सका है। विवेचना जारी है, इस मामले की विवेचना एसआई विजय प्रताप कर रहे हैं। संवाददाता ने विजय प्रताप का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराने को कहा तो उनके द्वारा एसआई का मोबाइल नंबर उपलब्ध करा दिया गया।
संवाददाता ने सरकारी सीयूजी नंबर पर जानकारी देने वाले एंटी करप्शन टीम के अधिकारी का नाम पूछा तो उन्होंने नाम न बताते हुए फोन कट कर दिया। जिसके बाद उक्त मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो उक्त नंबर पर कॉल रिसीव करने वाले ने खुद का नाम विजय प्रताप एंटी करप्शन टीम से होना बताया। जब उनसे जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त मामले की विवेचना वह कर रहे हैं, जब पूछा गया कि जितेंद्र अग्रवाल को कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे मिला है या फिर विवेचना में उसका नाम प्रथम किया गया।
क्योंकि जितेंद्र अग्रवाल निगम में ड्यूटी कर रहा है, बस संवाददाता की इतनी बात सुनते ही उन्होंने आगे जानकारी देने से पल्ला झाड़ते हुए इतना कहा कि यह बाते फोन पर नहीं कार्यालय में आकर करिए। तो जिस मामले में जितेंद्र अग्रवाल के अधीनस्थ कर्मचारी को जेल भेज दिया गया। जिसमें मुख्य आरोपी के रूप में एंटी करप्शन टीम के द्वारा जितेंद्र अग्रवाल का नाम शामिल किया गया। अब वह ड्यूटी करने के साथ मामले की जानकारी से इंकार कर रहा है, साथ ही एंटी करप्शन टीम के अधिकारी भी गोलमोल जवाब दे रहे हैं तो यह सिस्टम पर बड़ा सवाल नहीं तो क्या है।
उक्त मामले की विवेचना जारी है, जो मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया है, उस पर संपर्क करिए, वहीं से पूरे मामले की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। -अशोक कुमार, इंस्पेक्टर, एंटी करप्शन
इस मामले की विवेचना मेरे द्वारा की जा रही है, पूरे मामले की जानकारी चाहिए तो फोन पर नहीं कार्यालय में आकर ली जा सकती है। -विजय प्रताप, एसआई, एंटी करप्शन टीम
मेरे खिलाफ कोई भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज हुआ, मुझे जानकारी नहीं, मैं अवकाश पर गया था, वापस ड्यूटी पर लौट आया हूं। -जितेंद्र अग्रवाल, आरोपी इंस्पेक्टर, गृहकर विभाग