- दो वार्डों का दौरा करने पर सामने आई गंदगी की समस्या
- करीब 15 हजार की आबादी झेल रही बद से बदतर हालात
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कहनें को तो छावनी क्षेत्र में सबकुछ अच्छा है, यहां रहनें वाली जनता को हर वह सुविधा मिल रही है जो आमतौर पर एक स्वस्थ माहौल में रहनें के लिए जरूरी है। कैंट बोर्ड प्रशासन लाख दावे करता है कि उसके इलाके में कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसके उलट छावनी क्षेत्र में हालात बद से बदतर हैं। लोग इलाकों में फैली गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं। नालियों में गंदा पानी भरा है।
बीमारियां पनप रहीं है, सड़कों की स्थिति बदहाल है। बदबू की वजह से यहां से निकलना दुश्वार है, लेकिन छावनी परिषद् के अधिकारियों को यह नजर नहीं आता। यह हालात केवल दो वार्डों का दौरा करनें पर सामने आए हैं। जबकि बाकि वार्डों में भी स्थिति कुछ इसी तरह की है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है छावनी परिषद् अपने क्षेत्र में रहनें वाली जनता के स्वास्थ्य के प्रति कितना सचेत है।
वार्ड-3 के हालात विकट
इस वार्ड में रहनें वाली आबादी की संख्सा करीब 15 हजार हैं, लेकिन किन परिस्थिति में यहां पर लोग अपनें परिवारों के साथ रह रहें है यह मौके पर जाकर ही पता चल रहा है। वार्ड-3 में रहनें वाले लोगों ने आॅन रिकार्ड तो कुछ नहीं बताया लेकिन पहचान छिपानें की शर्त पर यहां के हालातों की जानकारी दी। स्थानीय लोगों का कहना है यहां हर तरफ गंदगी का अंबार लगा हैं। नालियां चौक हैं और इनमें जमा गंदा पानी महिनों से क्षेत्र की सड़कों पर बह रहा है।
बदबू की वजह से जीना मुहाल है, सांस लेनें में भी परेशानी हो रही है। मच्छरों की वजह से होनें वाली बीमारियों से लोग ग्रस्त हैं, बुखार के मरीजों की संख्या भी अच्छी-खासी है, लेकिन छावनी के अधिकारियों को इससे कोई सरोकार नहीं है। स्थानीय पार्षद जिनका अब कार्यकाल समाप्त हो चुका है। उन्होंने भी कभी अपने क्षेत्र में रहने वाली जनता को इस समस्या से निजात दिलानें की कोशिश नहीं की।
वार्ड-5 के हालात
यहां रहनें वाली जनता भी पिछले कई महिनों से नर्कीय जीवन जीनें को मजबूर है। रविंद्र कुमार ने बताया कि गंदगी की वजह से मच्छर पनप रहें हैं, लोग बीमार हो रहें है, उनके परिवार में ही इस समय दो लोग बुखार से ग्रस्त हैं। बेटे व उनकी पत्नी ने छावनी परिषद् के अधिकारियों को हालातों से अवगत कराया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आज भी हालात जस के तस बनें हुए हैं। अधिकारी सिर्फ आश्वास ही दे रहें है, लेकिन समस्या का समाधान करनें के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहें है।
वार्ड-5 में रहनें वाले लियाकत ने बताया हालात बेहद दुश्वार हैं। लोग बीमार हो रहें है, हर समय उनकी सांसों पर संकट मंडरा रहा है, लेकिन कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने इस ओर से आंखें मूंद रखी है। सड़कों पर गंदा पानी भरा होनें की वजह से बदबू फैली हुई है। करीब दो माह से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन हालात नहीं सुधर रहें। दुकानों के सामनें पानी भरा रहने की वजह से ग्राहक नहीं आ रहें है। कब अधिकारियों की नींद टूटेगी पता नहीं।
स्थानीय निवासी शाहिद अहमद का कहना है कई बार छावनी के अधिकारियों से मिले है। उनका कहना है इस समय रैपिड रेल का कार्य जारी है उसी की वजह से यहां पानी जमा है। रैपिड रेल प्रोजेक्ट के अधिकारी इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहें हैं। कैंट अधिकारी कई बार रैपिड रेल प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को पत्र लिख चुके है, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने जरूरी इस समस्या को देखते हुए एक बार सफाई कराई थी, लेकिन हालात फिर बिगड़ गए है।
स्थानीय युवा सुधांशु सिंघल का कहना है क्षेत्र में फैली गंदगी की वजह से घरों से निकलना भी दुश्वार हो गया है। घरों में आने वाला पीने का पानी भी दूषित है। कई बार छावनी के अधिकारियों से शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। कैंट बोर्ड के अधिकारी मौके पर आते हैं, लेकिन खानापूर्ती करके चले जाते हैं। अब साफ पीने का पानी भी न मिले तो इससे ज्यादा खराब हालात और क्या हो सकते हैं। रैपिड रेल के अधिकारियों को आम जनता की बदहाली पर जरूरी कदम उठाने चाहिए। इस तरह तो यहां रहना बेहद मुश्किल हैं पता नहीं कब तक इसी तरह गंदगी के बीच रहना होगा।