Wednesday, June 18, 2025
- Advertisement -

50 साल बाद भैयादूज पर बन रहा खास संयोग

  • शुभ मुहूर्त में ही करें बहन भाई को तिलक
  • बहनें करतीं हैं अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भैयादूज का त्योहार मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया, भाऊ बीज, भतरु द्वितीया आदि नामों से जाना जाता है। इस साल भैयादूज का त्योहार आज मनाया जा रहा है।

23 17

इस दिन बहनें अपने भाइयों को घर पर आमंत्रित करती हैं, उनका तिलक करती हैं और उन्हें भोजन कराती है। बदले में भाई बहनों को उपहार देते है। ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल ने बताया कि इस साल भैयादूज पर सर्वार्थ सिद्धि समेत तीन शुभ योग बन रहे है।

भैयादूज मुहूर्त

पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का प्रारंभ 26 अक्टूबर दिन बुधवार को रात 9 बजकर 12 मिनट से हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 27 अक्टूबर गुरुवार को शाम 7 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर भैयादूज का त्योहार 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

भैयादूज तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त

27 अक्टूबर को भैयादूज के अवसर पर भाइयों को तिलक करने का शुभ समय दोपहर 1 बजकर 9 मिनट से दोपहर 3 बजकर 41 मिनट तक है। इस दिन करीब 2 घंटे 32 मिनट तक शुभ समय है।

भैयादूज पर बने तीन शुभ योग

इस साल भैयादूज पर सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है, जो दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से अगले दिन 28 अक्टूबर शुक्रवार को सुबह 6 बजकर 30 मिनट तक है। इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते है।

22 18

वहीं, भैयादूज के प्रात:काल से लेकर सुबह 7 बजकर 27 मिनट तक आयुष्मान योग बना है। उसके बाद से सौभाग्य योग का प्रारंभ हो जाएगा। सौभाग्य योग अगले दिन प्रात: 4 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। ये तीनों ही योग मांगलि?क कार्यों के लिए शुभ फलदायी होते है।

भैयादूज का महत्व

पौराणिक कथाओं के अनुसार, अपनी बहन यमुना के निवेदन पर यमराज कार्तिक शुक्ल द्वितीया को उनके घर गए थे। तब भाई को देखकर यमुना अत्यंत ही प्रसन्न हुई थी। उन्होंने स्वागत सत्कार करने के बाद यमराज को भोजन कराया, जिससे वे प्रसन्न हुए और विदा लेते समय यम ने यमुना से वरदान मांगने को कहा। तब यमुना ने कहा कि आप हर साल इस दिन मेरे घर आएंगे।

इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा, तिलक लगवाएगा, भोजन ग्रहण करेगा, उसे यम के भय से मुक्ति मिलेगी। उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा। तब यमराज ने यमुना को यह वरदान दिया। तब ये भैयादूज या यम द्वितीया का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन यम की पूजा करने और यमुना नदी में स्नान करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
3
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Job: Punjab & Sind Bank में रिलेशनशिप मैनेजर पदों पर भर्ती, आज है आवेदन का अंतिम दिन, जल्द करें Apply

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...
spot_imgspot_img