- प्रतिमा स्थलों की रंगाई पुताई तो दूर साफ-सफाई तक नहीं कराई अफसरों ने
- प्रशासन के बड़े अफसरों के बंगलों की रंगाई-पुताई और सजावट पर भारी भरकम रकम खर्च
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: देश की आजादी के लिये अपने प्राणों का बलिदान देने वाले महान भारत माता के महान सपूतों की प्रतिमा स्थलों की रंगाई-पुताई व सजावट तो दूर की बात रही प्रशासन वहां सफाई आदि की व्यवस्था भी कराना भूल गया। आमतौर पर गणतंत्र दिवस से कई दिन पहले शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के प्रतिमा स्थल की साफ-सफाई व रंगाई-पुताई का काम शुरू करा दिया जाता है, लेकिन इस बार पूर्व संध्या तक यह काम शुरू नहीं कराया गया। इसके उलट प्रशासन के आला अफसरों के बंगलों की रंगाई पुताई व सजावट के नाम पर भारी भरकम रकम खर्च की जा रही है।
आमतौर पर गणतंत्र दिवस के मौके पर स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों की प्रतिमा स्थलों की साफ सफाई कार्य शुरू करा दिया जाता है, लेकिन इस पर गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या तक भी यह कार्य शुरू नहीं हो पाया है, जबकि प्रशासिन अधिकारियों के बंगले खूब अच्छी तरह से सजा दिये गये हैं। कलक्ट्रेट के पास स्थित कमिश्नरी पार्क में लगी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर धूल जमी है, लेकिन उसे साफ नहीं किया गया है। इसके पास ही स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर फूल मालाएं अभी तक चढ़ी हैं जोकि उनकी जयंती के मौके पर चढ़ाई गई थी। प्रतिमा स्थल पर गंदगी पसरी पड़ी है।
धूल से ढकी प्रतिमा
इंदिरा चौक स्थित पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रतिमा का हाल तो बद से बदतर है। यहां प्रतिमा पर सूखी मालाएं चढ़ी हैं और प्रतिमा पूरी तरह से धूल में ढकी है। प्रतिमा स्थल पर लगा पत्थर टूट चुका है। इसके बावजूद यहां कोई कार्य नहीं कराया गया है।
राष्ट्रपिता को भी भूले
नौचंदी मैदान में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का भी कुछ ऐसा ही हाल है। प्रतिमा का हाथ भी टूटा हुआ है और उसकी पुताई छूट चुकी है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से इसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इसके साथ ही नौचंदी मैदान में लगी भारत माता की प्रतिमा का का भी कुछ यही हाल है। गणतंत्र दिवस को एक दिन बचा है, लेकिन इन प्रतिमाओं की देखरेख करने वाला कोई नहीं है।
शहीद भी नहीं रहे याद
साकेत चौराहे के पास स्थित शहीद धन सिंह कोतवाल और मेजर मनोज तलवार की प्रतिमा के पास भी गंदगी फैली पड़ी है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया है। इसके अलावा पास ही स्थित स्वतंत्रता सेनानी पंडित बुलाकीदास की प्रतिमा है जिस पर सूखे फूलों की माला चढ़ी और प्रतिमा धूल से अटी पड़ी है। वहीं कलक्ट्रेट के पास स्थित स्वतंत्रता सेनानी मुसद्दी लाल की प्रतिमा का भी कुछ यही हाल है।
अफसरों के बंगलों की हुई रंगाई-पुताई
वहीं प्रशासन की बात करें तो उसकी ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर बंगलों की रंगाई-पुताई और सजावट पर भारी भरकम रकम खर्च की गई है, लेकिन शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों की प्रतिमा स्थलों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है।