- सेटिंग के चलते रुकने के बाद फिर शुरू हो जाते हैं अवैध निर्माण
- दर्जनों जगह अवैध निर्माण का बोलबाला
जनवाणी संवाददाता |
हस्तिनापुर: महाभारत कालीन तीर्थ नगरी में प्रशासन की मौन स्वीकृति के चलते अवैध निर्माण करने वालों के हौसले बुलंद हैं। नगर में एक-दो जगह नहीं, दर्जनों जगह सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण हो रहे हैं। जानकारी के बाद जिन अवैध निर्माण और कब्जों को कुछ दिन अधिशासी अधिकारी ने मौके पर रुकवाया, लेकिन सेटिंग होने के बाद फिर से निर्माण चालू हो गया। चर्चा है कि नगर पंचायत और प्रशासनिक अधिकारियों ने मोटा खेलकर निर्माण शुरू करा दिया है।
प्रदेश सरकार भूमाफियाओं शिकंजा कसने के लिए आये दिन नये-नये आदेश जारी करती है, लेकिन सभी आदेश हस्तिनापुर की ऐतिहासिक भूमि पर धराशायी हो जाते हैं। ट्रिपल इंजन सरकार ने हाल ही में हस्तिनापुर में सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमाने वालो की सुची तैयार करने के निर्देश प्रशासन को दिये थे, लेकिन ये आदेश भी हस्तिनापुर में धराशायी होते नजर आ रहे हैं। हस्तिनापुर नगर में जीआईसी के पास करोड़ों रुपये की सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया जा रहा था। कुछ दिन पूर्व प्रशासनिक अधिकारियों ने निर्माण रुकवा दिया था।
इस मामले में कस्बा हस्तिनापुर कस्बा निवासी नूर मोहम्मद ने प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत की थी, लेकिन शिकायत पर कार्रवाई तो दूर, भूमि पर भूमाफिया ने निर्माण शुरू कर अवैध कब्जा करना शुरू कर दिया है। यह तो एक बानिगी भर है। मॉडल स्कूल के पास भी अवैध कब्जा किया जा रहा है। सरस्वती शिशु मंदिर के पास अवैध कॉलोनी का गेट सरकारी जमीन में बना दिया गया है। इसके अलावा बहुत सी सरकारी जमीनों पर कब्जे का खेल चल रहा है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी जान बूझकर आंखें मूंदे हुए हैं
और प्रशासन की मौन स्वीकृती के चलते धड़ल्ले से सरकारी जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है। वहीं, इस संबंध में ईओ नगर पंचायत राजीव जैन ने कहा कि उन्होंने स्वयं निर्माण रुकवाया था, लेकिन फिर से निर्माण शुरू होने की जानकारी उन्हें नहीं है। उधर, इस संबंध में डीएम दीपक मीणा ने कहा कि वह मामले की जानकारी कर एसडीएम को दें। यदि फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है तो दोबारा से अवगत कराएं। एसडीएम अखिलेश यादव के फोन पर संपर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो पाया।