- एसएसपी और डीएम सहित तमाम अफसरों की फौज मेरठ-करनाल हाइवे पर डटी
जनवाणी टीम |
मेरठ/सरूरपुर/सरधना: प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा के पिता के निधन पर शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम को लेकर मेरठ का पुलिस और प्रशासनिक अमला तीन घंटे सड़कों पर डटा रहा। बिजली बंबा बाइपास से लेकर हापुड़ रोड और हाइवे 235 पर आरएएफ और पुलिस अधिकारियों का जमावड़ा लगा रहा।
सूचना मिली थी कि मुख्यमंत्री गाजियाबाद हिंडन में उतर कर खराब मौसम के कारण सड़क मार्ग से शामली जाएंगे। शाम पांच बजे के बाद जब अधिकारियों को जानकारी हुई कि मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से नहीं आएंगे तब जाकर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गाजियाबाद से गंगनहर पटरी होते हुए मेरठ-करनाल हाइवे होकर शामली पहुंचने की खबर ने पुलिस-प्रशासन को कई घंटे तक छुकाए रखा। हालांकि बाद में सीएम के हेलीकॉप्टर द्वारा शामली पहुंचने और वापस जाने के बाद पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली। इस दौरान एसएसपी अजय साहनी से लेकर जिलाधिकारी के. बालाजी तक तमाम अफसर हाइवे पर बॉर्डर तक डटे रहे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रविवार को कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा के यहां हेलीकॉप्टर द्वारा जाना था, लेकिन मौसम खराबी के चलते अचानक कार्यक्रम बदल गया और पर सूचना फ्लैश हुई कि मुख्यमंत्री गाजियाबाद से कार द्वारा गंगनहर पटरी होते हुए नानू नहर से होकर मेरठ-करनाल होते हुए शामली पहुंचेंगे।
इसके बाद जानी से लेकर रोहटा गंगनहर पुल तक पुलिस की नाकेबंदी लगा दी गई, खुद एसएसपी अजय साहनी, जिलाधिकारी के. बालाजी, एसपी देहात केशव कुमार मिश्रा, एडीएम प्रशासन व एसडीएम सरधना तक नानू पुलिस लेकर भूनी चौराहा व हिंडन पुल बॉर्डर तक पर कड़ाके की ठंड के बावजूद डटे रहे।
यही नहीं एसपी ट्रैफिक व डायल 112 पुलिस रोड को खाली कराकर ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू करने में लगी रही। इसे लेकर लगभग दो बजे से लेकर शाम के पांच बजे तक अफसरों की हाइवे पर भागदौड़ लगी रही, हालांकि लगभग पांच बजे सूचना आने के बाद अफसरों ने राहत की सांस ली कि मुख्यमंत्री पर्सनल किसी स्पेशल हेलीकॉप्टर से शामली से ही उड़ गए हैं।
इसके बाद जिलाधिकारी एसएसपी सभी तमाम अफसरों ने राहत की सांस ली और वापस लौटे। करनाल हाइवे पर कई घंटे तक अफरा-तफरी और भारी पुलिस बल आदि को लेकर ट्रैफिक संचालन में पुलिस-प्रशासन को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। वहीं लोगों में हड़कंप मचा रहा। बाद में पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली। सीएम का काफिला जाम में न फंसे, इसके लिए पुलिस अधिकारियों ने पूरे जोर लगा दिए। नानू गंगनहर पुल पर कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गई।
एसपी देहात व सीओ भी दिनभर पुल पर मुस्तैद रहे। हालांकि पटरी से मुख्यमंत्री का काफिला नहीं गुजरा। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली। दरअसल रविवार को मेरठ पुलिस अधिकारियों को सूचना मिली कि मुख्यमंत्री का काफिला मेरठ-करनाल हाइवे से गुजर सकता है। काफिला जाम न फंसे और निर्बाध निकले, इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
सूचना से पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। क्योंकि नानू गंगनहर पुल पर सबसे अधिक जाम लगता है। इसलिए पुल पर कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गई। एसपी देहात केशव मिश्रा, सीओ आरपी शाही व अन्य अधिकारी भी दिनभर पुल पर मुस्तैद रहे। हालांकि सीएम का काफिला हाइवे से नहीं गुजरा। जिसके बाद पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली।