- कचहरी के मुख्य गेटों पर तालाबंदी कर किया विरोध प्रदर्शन, अधिकारियों से अभद्रता
- एसपी क्राइम के गनर से की मारपीट, सीओ की गाड़ी दूर तक घसीटी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हापुड़ में अधिवक्ताओं के लाठीचार्ज के विरोध में अधिवक्ता सभी मर्यादाएं लांघ गए। जिसको लेकर पूरा दिन अधिवक्ताओं पर कलक्ट्रेट परिसर में बवाल काटा। मेरठ ही नहीं, बल्कि बागपत, सहारनुपर, मुजफ्फरनगर, शामली, बिजनौर, गाजियाबाद में अधिवक्ताओं ने लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन किया। मेरठ कलक्ट्रेट परिसर व कचहरी में बुधवार को अधिवक्ताओं ने अराजकता का माहौल पैदा कर दिया।
वजह रही हापुड़ में अधिवक्ताओं पर लाठीजार्च का गुस्सा। पुलिस की कार्यप्रणाली के खिलाफ अधिवक्ताओं ने हड़ताल रखी एवं विरोध प्रदर्शन किया। कलक्ट्रेट में अधिवक्ताओं ने तालाबंदी कर दी। बड़ी तादाद में अधिवक्ताओं ने आईजी से मिलकर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्हें एक ज्ञापन भी सौंपा।
दरअसल, जैसे ही सुबह कलक्ट्रेट खुला, तभी आक्रोशित अधिवक्ताओं ने मुख्य गेट पर तालाबंदी कर दी। कचहरी में एंट्री के तमाम गेट बंद कर दिये। तालाबंदी करते हुए अधिवक्ताओं ने जमकर हंगामा काटा। ज्ञापन देने के बाद गेट का ताला खोलने को लेकर अधिवक्ता दो गुटों में बंटे दिखाई दिए। जिन्होंने तालाबंदी की थी, वह बिना ताला खोले ही गुस्से में वहां से चले गए। जिसके बाद पुलिस कर्मियों ने अधिवक्ताओं की मदद से र्इंट, पत्थर व लोहे के सरिये से गेट का ताला तुड़वाया।
तब जाकर कुछ देर तक तो मामला शांत रहा, लेकिन बाद में अधिवक्ताओं का एक गुट फिर से उग्र हो गया और कलक्ट्रेट में बवाल करना शुरू कर दिया, जिसमें एसपी क्राइम व सीओ की गाड़ी में हाथ मार दिया। वहीं, एक गनर से भी हाथापाई कर डाली। बवाल लगभग चार घंटे तक चला। एसएसपी की एंट्री के बाद ही अधिवक्ता चले गए। पूरा कलक्टेÑट परिसर कुछ ही देर में पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
बुधवार को अधिवक्ताओं ने कचहरी व कलक्ट्रेट के सभी मुख्य गेटों की तालाबंदी कर दी। इसके बाद ही बवाल शुरू हो गया। बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं का एक गुट आईजी कार्यालय पहुंचा और आईजी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठ गया। जहांजमकर हंगामा व प्रदर्शन कर नारेबाजी की। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और क्यूआरटी मौके पर तैनात रही। अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज का विरोध, लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग का ज्ञापन वकीलों से लेकर आईजी ने कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद वकील कचहरी लौट गए।
उधर, जो अधिवक्ता तालाबंदी कर धरने पर कलक्ट्रेट में बैठे थे। उन्होंने ज्ञापन देने के बाद शांत बैठ जाने का विरोध किया। साथ ही लगाए गए तालों को खोलने से इंकार कर दिया और वह गुस्से में आग बबूला होकर वहां से चले गए। उसके बाद कुछ अधिवक्ताओं ने पुलिस कर्मियों के सहयोग से ताला तोड़ा। तब जाकर लोगों का दोपहर बाद कलक्ट्रेट के अंदर आना जाना हुआ। कुछ देर बाद वापस लौटे वकीलों ने कचहरी पहुुंचकर फिर से नारेबाजी की। इसके तत्काल बाद वकीलों का एक समूह जिलाधिकारी कार्यालय पर जा पहुंचा, जहां ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के गनर तरुण से मारपीट कर दी।
इस दौरान बार जिला एसोसिएशन के अध्यक्ष ठाकुर राजेंद्र प्रसाद और महासचिव आलोक चौहान के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अधिवक्ताओं की मांग थी कि आरोपी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तारी की जाए। इस दौरान एसपी क्राइम अनित कुमार व सीओ की गाड़ी को दूर तक घसीटा और होमगार्ड के कार्यालय में तोड़फोड़ कर दी गई। जिला मुख्यालय पर बवाल की सूचना एसएसपी रोहित सजवाण मौके पर पहुंचे।
तब अधिवक्ता पीछे हटे। इस दौरान एलआईयू में कार्यरत महिला पुलिस कर्मी से भी की गई भीड़ द्वारा अभद्रता की गई। इस दौरान मीडिया कर्मियों को कवरेज से रोका। कुछ लोग कचहरी में अपने कामकाज के लिए आए थे। उनके मोबाइलों को चेक किया। उनके साथ भी अभद्रता की गई, वहीं कुछ अधिवक्ताओं ने खुद ही वीडियो बनाई। फिलहाल पुलिस व अधिवक्ताओं के बीच हापुड़ की घटना के बाद मामला शांत होने की जगह बढ़ता रहा, जिसके चलते अधिवक्ताओं की हड़ताल बढ़ सकती है।
एसपी क्राइम की गाड़ी के साथ अन्य वाहनों में तोड़फोड़ का प्रयास
कलक्ट्रेट में बुधवार दोपहर जिलाधिकारी कार्यालय पर अधिकारियों की मीटिंग चल रही थी। उधर, कचहरी परिसर में अधिवक्ता हंगामा कर रहे थे। हंगामे की सूचना पर एसपी क्राइम व सीओ जैसे ही कलक्ट्रेट पहुंचे तो अधिवक्ताओं ने उनको बीच में ही रोक लिया।
यहां तक की गाड़ी को पीछे की तरफ काफी दूर तक धकेला और एसपी क्राइम की गाड़ी के साथ अन्य वाहनों में तोड़फोड़ का भी प्रयास किया। इस दौरान पुलिस कर्मियों के साथ जमकर अभद्रता की गई। जिसके बाद पुलिस एक्शन में आई, एसएसपी रोहित सिंह सजवाण मौके पर पहुंचे तो वहां हंगामा कर रहे अधिवक्ता भाग निकले।
पुलिस खंगाल रही सीसीटीवी फुटेज
कचहरी परिसर में जो भी हंगामा हुआ। उसमें हंगामा एवं बवाल करने वालों की तलाश के लिए पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। अधिवक्ताओं द्वारा भले ही मीडिया कर्मियों को कवरेज करने से रोका हो, लेकिन कचहरी परिसर में कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। जिसमें हंगामा करने वाले उन सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए। जिसमें पुलिस अब ऐसे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटी है।
जब रुआंसी हो गई एलआईयू की महिला पुलिस कर्मी
कलक्ट्रेट के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर अधिवक्ता पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। इसी बीच एलआईयू में महिला पुलिस कर्मी है, वह भी उस दौरान वहां से गुजर रही थी। जिसमें गुस्साई भीड़ ने उसके साथ भी अभद्रता की। जिसके बाद वह रूआंसी होकर वापस लौट गई।
पुलिस ने बरती नरमी, हापुड़ लाठीचार्ज जैसी घटना होने से बची
कचहरी में सैकड़ों की तादाद में अधिवक्ताओं ने हापुड़ में हुए लाठीचार्ज की घटना के विरोध में आईजी कार्यालय से लेकर पूरे कचहरी में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने पूरे कचहरी परिसर के गेटों को बंद करवा दिया। इतना ही नहीं कचहरी में दिखाई देने वाले पुलिसकर्मियों को बाहर खदेड़ दिया। वहीं, पुलिस मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए कलक्ट्रेट गेट पर खड़े पुलिसकर्मियों और सीओ सिविल लाइन को कचहरी परिसर से बाहर खदेड़ने पर अड़ गए।
बुधवार को कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं के उग्र प्रदर्शन के चलते एक बार हापुड़ में हुए लाठीचार्ज जैसी स्थिति होने से बच गई, लेकिन पुलिस ने अधिवक्ताओं के उग्र प्रदर्शन के दौरान नरम बनाये रखी। वहीं एक बार स्थिति उस समय बिगड़ने से बची जब अधिवक्ताओं ने एसपी क्राइम की गाड़ी का गेट खींच लिया और एक गनर के साथ हाथापाई कर दी। पुलिस तब भी एक्शन मूड में नहीं आई और माहौल नरम बनाये रखा।
अगर पुलिस अधिवक्ताओं के उग्र तेवर देखकर जरा भी बल प्रयोग करती तो हापुड़ में हुए लाठीचार्ज जैसी स्थिति मेरठ कचहरी में बन जाती, लेकिन पुलिस दोपहर तक अधिवक्ताओं के प्रदर्शन को चुपचाप देखती रही। सीओ सिविल लाइन अरविन्द चौरासिया और एसपी सिटी पीयूष कुमार सिंह अधिवक्ताओं के पूरे उग्र प्रदर्शन के दौरान मौन बने रहे।