- बाढ़ से निपटने के लिए अधिकारियों को दिए आदेश
- संचारी रोगों की रोकथाम और दवाइयां उपलब्ध होंगी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सैनी ने दावा किया कि तीस जून तक महानगर के सभी नालों की सफाई पूरी हो जाएगी और जलभराव नहीं होगा। बाढ़ से निपटने के लिए भी सभी इंतजाम कर लिए गए हैं। इस दौरान होने वाले संचारी रोगों की रोकथाम के लिए भी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। मनुष्य के सभी सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ पशु चिकित्सालयों में दवाइयां उपलब्ध रहेंगी। इस संबंध में सभी अधिकारियों को आदेश दिए गए।
सर्किट हाउस में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पशु चिकित्सा विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत मंत्री धर्मपाल सैनी ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक करके बाढ़ और महानगर में जलभराव से निपटने और संचारी रोगों तथा पशुओं में होने वाली बीमारियों की रोकथाम को लेकर चर्चा की। उन्होंने स्वयं नालों की सफाई कार्य का निरीक्षण किया। जहां कमियां थी, उन्हें दूर करने और तीस जून तक नगर के सभी नालों की सफाई पूरा कराने के आदेश दिए गए। उन्होंने दावा किया कि इस बार महानगर में जलभराव नहीं होगा।
मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर बेहद कम मार्जिन से भाजपा प्रत्याशी की जीत होने के सवाल पर धर्मपाल ने कहा कि इस सीट पर कम मार्जिन से जीत हुई, लेकिन जनता ने जनादेश दिया है, हम उसका सम्मान करते हैं और इसकी समीक्षा की जा रही है कि आखिर ऐसा कैसे हुआ। जो कमियां रही हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। भाजपा अगले विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी। संगठन में फेरबदल के सवाल पर धर्मपाल सैनी चुप्पी साध गए। इस मौके पर कैंट विधायक अमित अग्रवाल, पूर्व एमएलसी डा. सरोजनी अग्रवाल, डीएम दीपक मीणा, सीएमओ डा. अखिलेश मोहन, सीवीओ डा. डीवी सिंह आदि अधिकारी मौजूद रहे।
नीट पेपर लीक में बिहार के नेता की भी होगी गिरफ्तारी
जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सैनी ने पत्रकारों के सवाल पर कहा कि नीट का पेपर लीक होना दुर्भाग्यपूर्ण है। बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करना गलत है। पेपर लीक किसने किया इसका पता लगाया गया। अब यह सामने आ रहा है कि पेपर लीक कराने में बिहार के एक नेता का नाम सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र इसे गंभीरता से ले रहे हैं। इस मामले की जांच की जा रही है। यदि इस मामले में बिहार का नेता का हाथ होने के सुबूत मिले तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
पेपर लीक करने में जो भी शामिल होगा, उसे सरकार किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी। यूपी में पुलिस भर्ती परीक्षा के सवाल पर धर्मपाल ने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस भर्ती परीक्षा कराने वाली संस्था को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। वह अब इस परीक्षा कराने को लेकर बेहद गंभीर हैं। परीक्षा कराने में अब पूरी सावधानी बरती जाएगी। इसकी गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
मीट की अवैध दुकानें होंगी बंद
सर्किट हाउस में जिले के प्रभारी मंत्री धर्मपाल सैनी से पत्रकारों ने सवाल किया कि महानगर में 500 मीट की अवैध दुकानें चल रही हैं, क्या इन्हें बंद कराया जाएगा? धर्मपाल ने कहा कि मीट की कोई भी दुकान अवैध होगी, उसे नगर निगम अभियान चलाकर बंद कराएगा और अवैध कमेलों को भी बंद कराया जाएगा।
वाजपेई ने जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में भ्रष्टाचार के खिलाफ खोला मोर्चा
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई ने जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। उन्होंने नगर आयुक्त को पत्र लिख कर उक्त प्रमाण पत्रों में होने वाली देरी को खत्म करने का आग्रह किया। उन्होंने जन्म या मृत्यु के एक वर्ष एसडीएम के बजाए निगम के पीसीएस अफसरों के आदेश के बाद प्रमाण पत्र जारी कराने का आग्रह किया।
दरअसल, नगर निगम द्वारा महानगर में जन्म लेने वालों का जन्म प्रमाण पत्र और मरने वालों का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाता है, इन प्रमाण पत्रों को जारी करने को लेकर अकसर भ्रष्टाचार की शिकायतें की जाती हैं। लोगों ने कई बार राज्यसभा सदस्य डा. लक्ष्मीकांत वाजपेई से भी शिकायत की। उन्होंने लिखा कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने में भ्रष्टाचार बेहद अफसोस जनक है। इसे बंद करने के लिए सेवा में सुधार की आवश्यकता है। उन्होेंने एक बाबू का नाम लिखकर कहा कि यदि वह सहयोग दे तो एक ही दिन में फार्म पास कर दिया जाता है
और वह सहयोग नहीं करे तो तीन माह का समय लग जाता है। उन्होंने लिखा कि एक वर्ष बाद जन्म मृत्यु का प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए लोगों को एसडीएम के यहां प्रार्थना पत्र देना होता है, इस प्रक्रिया में लंबा समय लग जाता है। एसडीएम पीसीएस अधिकारी होते हैं और नगर निगम में भी पीसीएस अधिकारी हैं। उक्त प्रमाण पत्र के प्रार्थना पत्र नगर निगम के पीसीएस अधिकारी के पास भेजे जाएं। इससे विलंब से बचा जा सकता है। यदि यह संभव नहीं तो मुझे बताया जाए, ताकि वह उच्च स्तर पर इस संबंध में बात कर सकूं और लोगों को सुविधा दिला सकूं।