- वित्तीय वर्ष-2023-24 के लिए विभिन्न मदों पर खर्च के लिए कितना बजट रखा गया
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम के अधिकारियों को अपने ही बजट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। निगम के द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभिन्न विभागों के लिए अलग-अलग कितना बजट रखा गया है। उसके लिए जानकारी की गई तो अधिकारी एक-दूसरे पर टालते नजर आए। जब मीडिया को ही बजट जैसे अहम बिंदू पर जानकारी नहीं होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। यदि कोई साधारण व्यक्ति किसी महत्वपूर्ण बिंदू पर जानकारी मांगे तो उसे कैसे उपलब्ध कराई जाती होगी इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
निगम क्षेत्र में विकास कार्यो पर निगम द्वारा करोड़ों रुपया खर्च किया जाता है, बावजूद उसके धरातल पर विकास नजर नहीं आता। निगम द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कितने बजट की व्यवस्था की गई है। उसके लिये जानकारी को मंगलवार को अधिकारियों से संपर्क किया गया,ताकि पता चल सके कि गत वर्षों की अपेक्षा वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में कमी तो नहीं की गई। जिसके चलते शहर के विकास को गति न मिल पा रही हो। निगम का भारी भरकम बजट होने के बाद भी धरातल पर विकास की गति रफ्तार नहीं पकड़ पा रही है।
जिसमें निर्माण विभाग, जलकल एवं सफाई व्यवस्था, पथ प्रकाश व्यवस्था पर कितना बजट खर्च किया जा रहा है। उसके लिए सबसे पहले अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार से संपर्क किया गया। जिसमें अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार ने कहा कि बजट संबंधी कोई जानकारी मेरे पास उपलब्ध नहीं होती। निर्माण संबंधी बजट की जानकारी निर्माण विभाग वाले दे सकते हैं और पथ प्रकाश संबंधी जानकारी सहायक अपर नगरायुक्त अमरेश दे सकते हैं। जिसके बाद सहायक अपर नगरायुक्त अमरेश से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि उनके पास कोई बजट संबंधी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
उधर, निर्माण विभाग में सहायक अभियंता राजवीर सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने निर्माण में कितना बजट वित्तीय वर्ष के लिए रखा गया है। उसकी जानकारी मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी जितेंद्र यादव के पास होना बताया। जिसके बाद अपर नगरायुक्त ममता मालवीय से संपर्क कर जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि बजट के संबंध में उनके कार्यालय में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। यह जानकारी अकाउंट विभाग में मिलेगी।
जिसके बाद अकाउंट विभाग में मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी डा. जितेंद्र यादव से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि बजट संबंधी जानकारी संबधित विभागों के पास ही उपलब्ध होती है। जब वित्तीय वर्ष का बजट तैयार किया जाता है तो संबधित विभाग अपनी गत वर्ष की वित्तीय आए एवं आगामी वित्तीय वर्ष में खर्च के लिए अनुमानित बजट तैयार करता है।
जिसमें निर्माण विभाग में मुख्य निर्माण लिपिक एवं जलकल में जलकल विभाग के अधिकारी, सफाई व्यवस्था के लिए प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी के पास बजट संबंधी जानकारी उपलब्ध होती है। उसके बाद फिर से एक-एक अधिकारी से मिलकर बजट संबंधी जानकारी की गई और एक-दूसरे ने क्या जवाब दिया।
नौचंदी मेले के बजट की भी नहीं है जानकारी
नौचंदी मेला प्रारंभ होने से पूर्व निगम सभागार में आयोजित बैठक में मीडिया कर्मियों ने मेले पर गत वर्ष में कितना बजट खर्च किया गया,और आगामी बजट कितना रखा गया। मीडिया कर्मियों के सवाल पर अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार एवं अपर नगरायुक्त ममता मालवीय दोनों ही कन्नी काट गए,आगामी बैठक में जानकारी देने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया था।
साथी की नहीं हो रही जमानत, रिटायरमेंट नजदीक
जिस समय बजट के संबंध में निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजवीर से उनके कार्यालय में संपर्क किया। उस दौरान निगम के प्रधान लिपिक प्रदीप जोशी जोकि कई वर्षों से एक ही पटल पर जमें हुए हैं, वह भी उनके कक्ष में बैठे हुए थे। जिस समय निर्माण पर कितना बजट इस बार रखा गया है।
इसी बीच राजबीर सिंह कुछ बोल पाते तो प्रधान लिपिक प्रदीप जोशी झल्लाकर बोल उठे, हमारे एक साथी की जेल से जमानत नहीं हो रही और तुम्हें खबर की पड़ी है। जबकि उसका रिटायरमेंट नजदीक है। जब प्रदीप जोशी से उनके उस साथी का नाम पूछा गया जोकि जेल में बंद है और किस मामले में है तो वह वहां से चलते बने। बाद में जानकारी की गई तो प्रदीप जोशी अपने उन साथी की बात कर रहे हैं, जोकि रिश्वत लेने के मामले में फिलहाल जेल में बंद बताए गए हैं।
हाल ही में प्रदीप जोशी के पटल परिवर्तन को लेकर एक आॅडियो वायरल हुई, नगर स्वास्थ्य विभाग में उनके द्वारा पूर्व जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों के सत्यापण में सहयोग नहीं करने का आरोप भी प्रदीप जोशी पर लग रहा है। ऐसे में प्रदीप जोशी मीडिया से काफी खफा दिखाई दे रहे हैं।