- निगम के वाहन हो गये कंडम, सड़क पर हो रहे खराब
- अधिकारी हो रहे लापरवाह, जनता को हो रही परेशानी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: दूसरों की समस्या का तो तब निदान कराया जायेगा, जब अपनी कोई समस्या न होगी, लेकिन यहां तो मामला ही उलटा है। सड़कों पर सफाई के लिए उतारी गई नई गाड़ियां अब तो खुद ही हांफने लगी हैं। हालात यह हो रहे हैं कि यह गाड़ियां खुद ही चलने लायक नहीं हैं और इनको खुद सहारे की जरूरत पड़ती है। शहर में नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां अब इस काबिल भी नहीं बची हैं कि वह शहर की सफाई व्यवस्था मेें योगदान दे सकें। मजबूरी में इन गाड़ियों को खुद एक-दूसरे का सहारा बनना पड़ता है।
अपना शहर इन दिनों बद से बदतर स्थिति में पहुंच रहा है तो इसके लिए नगर निगम विभाग के अधिकारी और इसमें कार्यरत अधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। वजह साफ है कि यहां कार्यरत अधिकारियों ने ठान लिया है कि चाहे कुछ भी हो जाये, लेकिन उन्हें जनता की समस्याओं का निदान नहीं करना है तो उसपर अडिग भी रहना है। अब नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली कई गाड़ियां खराब हो रही हैं। कूड़ा ढोने वाली गाड़ियों के खराब होने से दिक्कत बढ़ गई है। कूड़े के डंपर भी नहीं उठ पा रहे हैं।
डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन करने वाले कर्मचारी घरों से तो कूड़ा उठा रहे हैं लेकिन गाड़ियां न आने से इसे फटे पुराने बोरों में जगह-जगह इकट्ठा कर रहे हैं। पार्षद शब्बीर कस्सार ने बताया कि उनके वार्ड में कूड़ा बाजार में रखे डंपर में जमा किया जा रहा है। यह डंपर हफ्ते से नहीं उठा है। डंपर भर गया है। अब सड़क किनारे कूड़ा फेंका जा रहा है। कहा कि निगम से इसकी शिकायत की तो पता चला कि गाड़ियां खराब हैं। अगर गाड़ियां खराब हैं तो इनकी मरम्मत की जानी चाहिए। आखिर हमारी जनता के प्रति जवाबदेही है।
स्वच्छ भारत स्वस्थ मेरठ मिशन में खरीदी थी गाड़ियां
नगर निगम ने स्वच्छ भारत स्वस्थ्य मेरठ मिशन के तहत शहर के सभी 90 वार्डों के लिए 2-2 गाड़ियां खरीदी थीं। इन मिनी ट्रक का यह काम था कि यह हर वार्ड में नियमित रूप से जायेंगी। इनमें नगर निगम की ओर से लाउडस्पीकर भी लगाये गये हैं। यह गाड़ियां सभी वार्डों में जाती हैं तथा नागरिकों को सफाई के लिए प्रेरित करते हुए इनमें गीत भी बजाये जाते हैं ताकि नागरिक सफाई के प्रति जागरूक हो।
तीन डिपो से संचालित हो रही हैं निगम की गाड़ियां
शहर के सभी 90 वार्डों की सफाई के लिए निगम के पास तीन वाहन डिपो हैं। यह दिल्ली रोड वाहन डिपो, सूरजकुंड वाहन डिपो तथा कंकरखेड़ा वाहन डिपो हैं। इन तीनों डिपो में गाड़ियां पूरे शहर में अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर कूड़ा उठाकर उनको डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाती हैं। अब हालात यह हो रहे हैं कि यह गाड़ियां जब कूड़ा भरकर उनको लेकर डंपिंग ग्राउंड की तरफ बढ़ती हैं तो यह खुद ही खराब होकर सड़क पर बंद हो जाती हैं। मजबूरी में यह गाड़ियां अब शहर की सफाई में तो योगदान दे नहीं पा रही हैं और खुद इनको योगदान की जरूरत पड़ती है।
टोल फ्री नंबर का वाहन भी खुद हो गया खराब
नगर निगम के टोल फ्री नंबर पर शिकायत करते ही सफाई करने पहुंचने वाला निगम का स्वच्छता वाहन भी पिछले सप्ताह भर से अधिक समया से खराब पड़ा है। जिसकी वजह से गाड़ी मौके पर नहीं पहुंच पा रही है। बाकी गाड़ियां भी जगह-जगह रिपेयर के लिए खड़ी की गई है। नगर निगम का स्वच्छता वाहन भी खराब होने के कारण वर्कशॉप में खड़े हंै।
कूड़े वाले आए तो झाड़ू वाले गायब
शहर के कई वार्डों में नगर निगम के सफाई कर्मचारी नियमित सफाई करने नहीं पहुंच रहे हैं। सड़कों, रास्तों पर झाड़ू रोज नहीं लग पा रहा है। शहर में सभी पार्षदों को शिकायत रहती है कि उनके वार्डों में सफाई करने वाले आते है तो कभी झाडू लगाने वाले गायब हो जाते हैं। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कभी-कभी दोनों ही गायब हो जाते हैं। फिर कई-कई दिनों तक सड़कों व गलियों से कूड़ा नहीं उठाया जाता है। पार्षद फजल करीम ने बताया कि उनके वार्ड इस्लामाबाद, गोला कुंआ आदि इलाकों में रोज सफाई नहीं हो पा रही। कूड़े वाले काम पर आते हैं तो अब झाड़ू लगाने वाले गायब हो गए हैं।
नगर निगम के वाहन डिपो में गाड़ियों के कुछ इलाकों में दिक्कत आई है, लेकिन निगम की ज्यादातर गाड़ियां ठीक हैं और रोज कूड़ा भी उठा रही हैं। जो गाड़ियां पासिंग या रिपेयर के लिए गई हैं, वे भी जल्द वापस आ जाएंगी। शहर में जल्द सफाई व्यवस्था ठीक हो जाएगी। -डा. हरपाल सिंह, प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम