नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज के समय में थायराइड की बीमारी तेजी से फैल रही है। इस बीमारी में वजन तो घटता ही है साथ ही हॉर्मोन भी गड़बड़ हो जाते हैं। यह समस्या सभी आयु के लोगों में बढ़ती जा रही है। बता दें कि, थाइराइड होने का कारण वात, पित्त और कफ से संबंधित है। हमारे गर्दन में मौजूद थायरॉइड ग्रंथि जब बहुत अधिक या बहुत कम हार्मोन का उत्पादन करने लगती है, तो इसके कारण कई तरह की दिक्कतें होनी शुरू हो जाती हैं।
थायरॉइड विकार मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं- हाइपरथायरॉयडिज्म और हाइपोथायरॉयडिज्म।
हाइपरथायरॉयडिज्म को अतिसक्रिय थायरॉइड के रूप में भी जाना जाता है, इस स्थिति में थायरॉइड हार्मोन का उत्पादन बहुत अधिक होने लगता है वहीं हाइपोथायरॉयडिज्म की स्थिति में हार्मोन का उत्पादन कम हो जाता है।
हमारी दिनचर्या और खान-पान की गड़बड़ी इन विकारों को बढ़ाने वाली हो सकती है जिसके बारे में सभी लोगों को जानना और बचाव के लिए निरंतर उपाय करते रहना चाहिए। सही आहार, नियमित व्यायाम जैसे उपायों की मदद से आप इन समस्याओं से बचे रह सकते हैं।
थायरॉइड विकारों के बारे में जानिए
- थायरॉइड एक तितली के आकार की ग्रंथि (ग्लैंड) होती है, जो गले के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा उत्पादन और हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती है। जिन लोगों को हाइपोथायरॉयडिज्म की समस्या होती है उन्हें थकान और कमजोरी, वजन बढ़ने, बाल झड़ने, कब्ज, डिप्रेशन और मासिक धर्म की अनियमितता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- वहीं हाइपरथायरॉयडिज्म के कारण आपको वजन घटने, अक्सर घबराहट, धड़कन तेज होने, नींद न आने और चिड़चिड़ापन जैसी समस्या होती है।
थायरॉइड के मरीजों को करने चाहिए ये काम
- स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, 30 की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह पर सभी लोगों को नियमित रूप से थायरॉइड टेस्ट कराते रहना चाहिए। इसके अलावा दिनचर्या में कुछ बदलाव जरूरी हैं।
- आयोडीन युक्त भोजन (नमक, दही, केला, मछली), साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां और नट्स का सेवन करें।
- नियमित व्यायाम की आदत बनाएं। सर्वांगासन, हलासन, भुजंगासन जैसे योग को इस रोग में काफी फायदेमंद बताया गया है।
- थायरॉइड हार्मोन असंतुलन के कारण नींद की समस्या हो सकती है। कम से कम 7-8 घंटे की नींद जरूरी है।
थायरॉइड के मरीज न करें ये काम
जिन लोगों को थायरॉइड की समस्या है उन्हें फास्ट फूड्स, ज्यादा तला-भुना खाना या मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम से कम करना चाहिए। इसके अलावा सोया प्रोडक्ट्स थायरॉइड हार्मोन के अवशोषण को प्रभावित कर सकते हैं, इससे भी बचें। तनाव की स्थिति थायरॉइड की समस्या को और बढ़ सकती है, इसलिए स्ट्रेस कंट्रोल करें। धूम्रपान और शराब का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है।
थायरॉइड की समस्या वाले ध्यान दें
डॉक्टर कहते हैं, थायरॉइड की समस्या कुछ मामलों में गंभीर भी हो सकती है। हालांकि पौष्टिक आहार, नियमित व्यायाम, तनाव प्रबंधन और दवाओं के नियमित सेवन से थायरॉइड को नियंत्रित किया जा सकता है। थायरॉइड के मरीजों को जीवनशैली में सुधार की सलाह दी जाती है जिससे इस रोग के कारण होने वाली समस्याओं से बचा जा सके। हर 6 महीने में थायरॉइड का टेस्ट जरूर करवाएं और डॉक्टर की सलाह के बिना दवाएं बंद न करें।