- ’मेरा खाता-मेरी बचत’’ थीम पर सीएफएल मना रहा साक्षरता सप्ताह
- शेखपुरा गांव में ग्रामीणों को किया गया वित्तीय साक्षर, महिलाओं को बताया बजट बनाना
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगरः वित्तीय साक्षरता केन्द्र खतौली की प्रबन्धक शीज़ा खानम ने कहा कि एटीएम के साथ-साथ उपभोक्ता को दो लाख रूपये का सुरक्षा बीमा भी मुहैया कराया जाता है, परन्तु इस सुरक्षा बीमा का लाभ तभी कार्ड धारक को मिल सकता है, जब उसने दुर्घटना के 45 दिन के अंदर इस कार्ड का उपयोग किया हो।
शीज़ा खानम खतौली ब्लाॅक के ग्राम शेखपुरा में वित्तीय साक्षरता कैम्प में ग्रामीणों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि कुछ लोग इसलिए एटीएम का प्रयोग नहीं करते, क्योंकि उन्हें ड़र होता है कि एटीएम का प्रयोग करने से उनके खाते से रकम चोरी हो सकती है।
उन्होंने कहा कि जब दुर्घटना के डर से हम सड़क पर जाना नहीं छोड़ सकते, तो किसी चोरी के डर से एटीएम चलाना क्यों छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सड़क पर निकलते समय सुरक्षा बरतते हैं, उसी तरह एटीएम चलाने में भी सुरक्षा बरतेंगे, तो किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हो सकता है।
उन्होंने कैम्प में मौजूद महिलाओं से आह्वान किया कि वह बचत जरूर करें, क्योंकि उनकी छोटी-छोटी बचत से परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
उन्होंने कहा कि घर का बजट बनाना महिलाओं के हाथ में होता है, अतः महिलाएं घर का ऐसा बजट बनाये, जिससे वह प्रतिमाह कुछ न कुछ बचत कर सकें और इस बचत को बैंक में खाता खोलकर सुरक्षित रखें। इस दौरान उन्होंने सभी ग्रामीणों का आह्वान किया की वह दस वर्ष से कम उम्र की बच्ची को सरकार द्वारा चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना का लाभ अवश्य दिलायें, क्योंकि इस योजना से वह अपनी बेटियों का भविष्य उज्जवल कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में विस्तार से ग्रामीणों को बताया।
उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना व प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, अटल पेन्शन योजना, एनपीवाई, श्रमजीवी कार्ड आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस दौरान महिलाओं ने सभी योजनाओं के बारे में सवाल पूछे, जिनका विस्तार से उत्तर दिया गया। बैंक में आने वाली कुछ परेशानियों का भी इस कैम्प में निस्तारण किया गया।
ग्राम प्रधान रविदत्त ने कैम्प को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दौर में वित्तीय साक्षर होना बहुत जरूरी है। वित्तीय साक्षर होकर एक व्यक्ति अपने परिवारक की स्थिति तो सुधार ही सकता है,साथ ही अपने गांव व देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में भी योगदान दे सकता है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं को भी आगे आकर आर्थिक स्थिति सुदृढ करने में परिवार का योगदान देना चाहिए, क्योंकि जब पति व पत्नी मिलकर घर को चलायेंगे, तो उस घर की आर्थिक स्थिति निश्चित रूप से मजबूत होगी।
इस दौरान समाजसेवी वसीम अहमद, समीरन अलवी, बैंक कोर्डिनेटर, आशा, आंगनवाडी, बैंक सखी व स्वयं सहायता समूह के सदस्यों के अलावा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।