- दिल के मरीजों के लिए घातक है सर्दी में घूमना
- डाक्टरों की ठंड में नहाने के मामले में रियायत बरतने की सलाह
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: यदि आप दिल के मरीज हैं तो मार्निंग वॉक को लेकर बेहतर होगा कि सावधानी बरतें। सर्दी के मौसम में मॉर्निंग वॉक से पहले यदि डाक्टर की राय नहीं ली तो नुकसान हो सकता है, यहां तक कि आपकी जान भी जा सकती है, इसलिए बेहतर होगा कि सर्दी के मौसम में मार्निंग वॉक से परहेज ही बरता जाए।
कोहरे में खतरनाक
दिसंबर के आखिरी सप्ताह खासकर बीते तीन दिन में कोल्ड अटैक हुआ है। सर्दी में इजाफा हो रहा है तापमान गिरने के साथ-साथ कोहरा भी छाने लगा है। लगातार बढ़ती जा रही ठंड व कोहरे ने सुबह जल्दी मार्निंग वॉकर्स के लिए खतरा बढ़ा दिया है। यदि मार्निंग वॉक से परहेज नहीं बरता तो नुकसान उठाना पड़ सकता है।
हार्ट अटैक की आशंका
सर्दी के मौसम में सुबह की सैर को लेकर डॉक्टरों नें चिंता जताते हुए बताया कि सुबह के समय नसों में खून का सकुर्लेशन कम रहता है, जिससे रनिंग या हार्ड एक्सरसाइज से हार्ट अटैक या व ब्रेन अटैक होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसके साथ साथ डॉक्टरों ने कुछ विशेष चीजों पर ध्यान रखने की सलाह दी।
फिजिकल एक्टिविटी करें कम
सर्दियों में हार्ट अटैक के ज्यादा मामले बढ़ जाते हैं। क्योंकि सर्दी के कारण फिजीकल एक्टीविटी कम होने व कोलेस्ट्रोल से भरपूर डाइट अधिक लेने से धमनियों में क्लोटिंग हो जाती है। जो हार्ट अटैक या डिसीज की संभावनाओं को अधिक कर देती है। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड में पानी भी कम पिया जाता है, जिससे सर्दियों में नसे सिकुड़ने लगती हैं
जिस कारण हार्ट अटैक की संभावना बढ़ने लगती है। ऐसे में मॉर्निग वॉक वाले जल्दी जाने की बजाए सुबह सात बजे के बाद जाएं, गर्म कपड़े पहन कर रखें, सिर पर कैप, हाथों में दस्ताने व पैरों में जुराब पहनें, गर्म भोजन करें व महिलाएं घरेलू कार्यों में गर्म पानी का उपयोग करें। सर्दियों में सुबह वातावरण में नमी रहती है और ये नमी ज्यादा खतरनाक रहती है।
ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
ब्रेन स्ट्रोक की सबसे ज्यादा मामले नवंबर, दिसंबर और जनवरी में मिलते हैं। सदर अस्पताल के फिजिशियन डा. मासूम आलम बताते हैं सर्दियों में सबसे ज्यादा ब्रेन स्ट्रोक के खतरे ब्लड प्रेशर के मरीज को होते हैं। ऐसे में मरीज को धूप निकलने के बाद मॉर्निंग वॉक पर निकलना चाहिए। ठंड जैसे-जैसे बढ़ती है, शरीर की नस सिकुड़ती है। ब्लड प्रेशर के मरीज में रक्त का प्रवाह तेजी से होता है।
हमारे सिर में काफी पतले नस (न्यूरोन) काफी संख्या में होते हैं। यहां भी रक्त का प्रभाव तेज होता है, जबकि न्यूरोन सिकुड़ती जाती है। और यहीं से न्यूरोन फट जाती है और मरीज को ब्रेन स्ट्रोक हो जाता है। धूप निकलने के बाद ठंड थोड़ी कम होती है, ऐसी स्थिति में मॉर्निंग वॉक सही रहता है।
सुबह नहाने से करें परहेज
ब्लड प्रेशर के मरीज को सुबह में नहाने पर भी परहेज करने को कहा जाता है। ठंड के वजह से ऐसे मरीज का न्यूरोन कई बार नहाते वक्त फट जाते हैं और वह बाथरूम में गिर जाते हैं, ऐसे भी मामले अस्पताल में आते हैं। यदि संभव हो तो सर्दी के मौसम में एक दिन छोड़कर या फिर ठीक टेंप्रेचर वाले पानी से नहाएं। नहाकर एक दम बाहर निकले में पूरी सावधानी बरती जानी चाहिए।
- खतरनाक है सर्दी का मौसम
दिल के मरीजों के लिए सर्दी का मौसम खतरनाक होता है। ऐसे मरीजों की अतिरिक्त देखभाल की जानी चाहिए। दरअसल जो दिल के मरीज हैं, इस मौसम में उनकी नसें सिकुड़ने लगती हैं।
दिल तक खून का प्रवाह नहीं पहुंच पाता है, यह खतरनाक स्थिति है और मरीज की मौत भी हो जाती है। -डा. वीरोत्तम तोमर सीनियर फिजिशियन
- परहेज ही है बचाव
दिल के मरीजों के लिए सर्दी के मौसम में घूमने से परहेज से बेहतर कोई दूसरी दवा नहीं हो सकती। दिल के रोगियों का खासतौर से जिनका कोलेस्ट्रोल अधिक बढ़ा हुआ है कम से कम दो माह सुबह के वक्त घूमने से बचना चाहिए।
ऐसे रोगियों के लिए सुबह शाम घूमने से परहेज बरता ही हार्ट अटैक व ब्रेन अटैक से परहेज रखें। -डा. संदीप जैन, अध्यक्ष आईएमए