- तैयार की गई नई नीति का प्रारूप प्रदेशभर के विकास प्राधिकरण आॅफिसों में भेजा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अवैध निर्माण को लेकर प्रदेश सरकार नई नीति लेकर आ रही है। अवैध निर्माण रोकने के लिए नई नीति कितनी कारगर होगी? यह तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में है। शासन से अवैध निर्माण रोकने को लेकर तैयार की गई नई नीति का प्रारूप तैयार कर प्रदेशभर के विकास प्राधिकरण आॅफिसों में भेजा गया है। यह प्रारूप मेरठ विकास प्राधिकरण में भी आया है, जिसमें सुझाव और आपत्ती मांगी गई है।
नई नीति में जिन बिंदुओं को लेकर चर्चा की गई है, उनमें कहा गया है कि किसी भी कॉलोनी में प्लाट की रजिस्ट्री तभी होगी जब विकास प्राधिकरण के वीसी एनओसी देंगे। इसके बाद ही प्लाट की रजिस्ट्री हो सकेगी। इसी तरह से बिजली के कनेक्शन को लेकर भी एनओसी लेना अनिवार्य किया जाएगा। कहा गया है कि यदि प्राधिकरण वीसी की एनओसी नहीं है तो संबंधित प्लाट में बिजली का कनेक्शन भी नहीं लगेगा।
इस तरह से इस नीति पर काम किया जा रहा है। हालांकि मेरठ विकास प्राधिकरण के वीसी पहले ही ऊर्जा निगम और रजिस्ट्री आॅफिस को पत्र लिख चुके हैं कि अवैध कॉलोनी जो काटी जा रही है, उनकी रजिस्ट्री बंद की जाए तथा बिजली के कनेक्शन अवैध कालोनियों में नहीं दिए जाएं। फिर भी बिजली के कनेक्शन और प्लाटों की रजिस्ट्री खूब हो रही है। अब इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा हैं।
वर्तमान में भी एमडीए वीसी ने ऊर्जा निगम और रजिस्ट्री आॅफिस में पत्र भेजकर कनेक्शन और रजिस्ट्री पर पाबंदी लगाने की मांग की हैं। इसके बावजूद रजिस्ट्री भी अवैध कॉलोनियों में खूब हो रही हैं और बिजली के कनेक्शन भी दिये जा रहे हैं। इन पर अंकुश नहीं लग रहा हैं। अब नई नीति लागू होने के बाद क्या होगा? इसको लेकर सभी की निगाहें लगी हुई है।