Tuesday, June 24, 2025
- Advertisement -

लेखक का जवाब

Amritvani


अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन अपने देश में काफी लोकप्रिय थे। लोग उनसे मिलने, उनसे संवाद करने के लिए बेहद उत्सुक रहते थे। उनके अजीब-अजीब प्रशंसक थे। कोई उनसे सवाल पूछता तो कोई उनसे अपने निजी जीवन के बारे में सलाह लेता। मार्क ट्वेन चर्च की रविवारीय प्रार्थना में नियमित रूप से शामिल होते थे और पादरी का उपदेश ध्यान से सुनते थे। एक दिन वह पादरी से मिले और बोले, डॉक्टर जॉन, आपका उपदेश बड़ा ज्ञानवर्धक होता है। आपको सुनते हुए लगता है जैसे अपने किसी पुराने मित्र से मिल रहा हूं। मैंने एक किताब तैयार की है, जिसमें आपके उपदेशों के एक-एक शब्द को रखा है। पादरी को इस पर यकीन नहीं हुआ। उसने कहा, मैं नहीं मानता कि आप ऐसा करेंगे। मार्क ट्वेन ने वादा किया कि अगले रविवार को वह उस किताब की पांडुलिपि लेकर आएंगे। जब अगले रविवार को मार्क ट्वेन पांडुलिपि लेकर पहुंचे तो पादरी ने कहा, आपको भी मैं एक ऐसी चीज दूंगा जिसे देखकर आप भी चौंक जाएंगे। पादरी ने उन्हें उनके नाम आया एक पत्र सौंपा। मार्क ट्वेन पत्र देखकर आश्चर्यचकित रह गए। दरअसल, उनके एक प्रशंसक ने उनके जन्मदिन पर उन्हें यह पत्र लिखा था। पर उसे उनका पता मालूम न था, इसलिए उसने पत्र को लिफाफे में डाला, टिकट चिपका दिया और पते के स्थान पर लिखा, श्रीयुत मार्क ट्वेन, पता नहीं मालूम। ईश्वर करे, यह पत्र उन्हें मिल जाए। पता नहीं कैसे यह पत्र चर्च के पास आ गया। पादरी का अनुमान था कि जरूर डाकिया यह जानता होगा कि मार्क ट्वेन इस चर्च में आते रहते हैं। जवाब में मार्क ट्वेन ने लिखा, ईश्वर ने कृपा की। नीचे उनके हस्ताक्षर थे।


janwani address 8

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Saharanpur News: वाणिज्य के लिए लिए भी शुरू हो वार्षिक फास्टटैग योजना: पोपली

जनवाणी संवाददाता |सहारनपुर: सहारनपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के महासचिव...

Sitaare Zameen Par: सितारे ज़मीन पर’ ने जीता महेश बाबू का दिल, बोले– हंसाएगी भी और रुलाएगी भी

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत...

UP News: समाजवादी पार्टी ने तीन विधायकों को पार्टी से निकाला, जनविरोधी विचारधारा का दिया हवाला

जनवाणी ब्यूरो |लखनऊ:उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी...
spot_imgspot_img