Sunday, September 8, 2024
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रामराज में सड़क पर उड़ रहे धूल के गुब्बार

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  • सिर्फ कागजों में सिमटा गड्ढामुक्त अभियान
  • 43 वर्ष पहले हुआ था निर्माण, लोग हो रहे दमा और सांस के रोगी

जनवाणी संवाददाता |

बहसूमा: शहर और देहात क्षेत्र को गड्ढा मुक्त अभियान कागज में ही सिमट कर रह गया। सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभियान केवल दिखावा बनकर रह गया। अब भी शहर में सड़कों में खतरनाक गड्ढे हैं, जिसमें गिरकर वाहन सवार हादसे का शिकार हो रहे हैं। सड़कों को गड्ढामुक्त करने के लिए किया गया पैचवर्क भी बेतरतीब ढंग से करने से वाहन चालक का गिरना तय है। अब तक कई लोग गिरकर घायल हो चुके हैं।

राहगीरों को बेहतर सफर के लिए अच्छी सड़क मिले और हादसों पर लगाम लगे, इस मकसद से मुख्यमंत्री ने सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश दिया था, लेकिन जिले में मुख्यमंत्री का आदेश अधिकारियों के सामने बौने दिखाई दे रहे हैं। जिले में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का अभी तक कोई अभियान नहीं चलाया गया है। हालात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें खस्ताहाल हैं।

लोग हिचकोले खाकर सफर करने को मजबूर हैं। सड़कों पर गहरे गड्ढों की चपेट में आकर आए दिन राहगीर घायल हो रहे हैं। दुर्घटनाओं का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है। यहां पर गड्ढामुक्त अभियान हवा में गोतेमार रहा है। अधिकारियों की अनदेखी के कारण रामराज के लोग धूल भरे माहौल में जीने को मजबूर है।

टूटी सड़क के कारण कस्बे में कई जगह ऐसे हालात बने हैं हुए हैं। जहां टूटी सड़क पर जमा मिट्टी से धूल उड़ने लगी है। इससे राहगीरों को परेशानी हो रही है। धूल के गुब्बार की वजह से लोगों का सड़क पर चलना तक दुश्वार हो चुका है। कस्बे में रामराज से खादर को जाने वाली सड़क में धूल मिट्टी उड़ने से हालात इस कदर खराब हो गए हैं कि लोगों ने सड़क पर निकलने तक कम कर दिया है। कस्बे की सड़क दिनभर धूल के आगोश में रहती है।

दुकानदारों को हो रही ज्यादा परेशानी

धूल से सबसे ज्यादा परेशानी इस सड़क पर स्थित दुकानदारों को हो रही है दुकानदारों का कहना है कि पूरा दिन वाहनों की वजह से धूल के गुब्बार उड़ते रहते हैं। इस कारण उनकी दुकानों में रखा सामान भी खराब हो जाता है दुकानदारों का कहना है कि पूरा दिन आसमान में धूल के गुब्बार छाए रहने से यहां से गुजरने वालों के साथ ही यहां आने वालों को भी परेशानी होती है उनका सारा सामान भी खराब हो जाता है। इस कारण उनको दिन में दो से तीन बार दुकानों की सफाई करनी पड़ती है। परचून और कन्फेक्शनरी के दुकानदारों का कहना है कि यह सबसे ज्यादा नुकसान उन्हें हो रहा है।

बन रहे दमा और सांस रोगी

पूरा दिन धूल भरे माहौल में रहने के कारण कई दुकानदार दमा और सांस के रोगी बनते जा रहे हैं। दुकानदार प्रवीण उपाध्याय ने बताया कि धूल और डस्ट की वजह से दुकानदार सांस के रोगी बन रहे हैं। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है धूल और प्रदूषण के कारण दमा और सांस के रोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। रामराज वासियों का कहना है कि इस सड़क का निर्माण 43 वर्ष पहले हुआ था तब से अब तक कोई निर्माण नहीं हुआ है और अधिकारी भी इसे दो जिलों की सीमा में बताकर पल्ला झाड़ रहे हैं।

रामराज से खादर को जाने वाली सड़क का सबसे ज्यादा बुरा हाल है। जहां पर धूल उड़ने का सिलसिला जारी है। लोगों का कहना है कि इस पर प्रशासन को ध्यान देकर इसका सुधार करना चाहिए। दुकानदारों का कहना है कि टूटी सड़क के कारण ही समस्या हो रही है यदि समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया तो लोगों को दमा और सांस की अन्य बीमारियां हो जाएगी कई दुकानदार तो इसे पीड़ित भी होने लगे हैं।

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