Wednesday, December 11, 2024
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बेड कोलेस्ट्रॉल क्या लें, क्या न लें?

Sehat


एक दिन में तीन चमच तेल लेना चाहिए। एक ही तेल का सेवन लगातार नहीं करना चाहिए। बदल-बदल कर तेल का प्रयोग करें। कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने हेतु आॅलिव आॅयल और सरसों का तेल अच्छा होता है। एक बात का ध्यान रखना पड़ता है कि इन्हें अधिक तेज गर्म न किया जाए।

रेशेदार खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें। फाइबर कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम करने में मदद करता है। अनाज में गेहूं, ज्वार, बाजरा, जई आदि का सेवन करें। चाहें तो गेहूं और बाजरे के आटे को मिलाकर उससे बनी चपाती खा सकते हैं। दलिया, स्प्राउट्स, ओट्स, और दालों में भी फाइबर की मात्रा काफी होती है। इसका सेवन नाश्ते में कर सकते हैं। आटे में चोकर मिलाकर उसकी चपाती लें।

मेथी, लहसुन, प्याज, हल्दी, सोयाबीन का सेवन करें। इनसे कोलेस्ट्रॉल की मात्र कम होती है। एच डी एल गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने हेतु 5-6 बादाम, 1-2 अखरोट का नियमित सेवन करें। बींस, फिश लिवर आॅयल, लैक्स सीड्स खाने चाहिए। इनमें ओमेगा थ्री की मात्रा काफी होती है, जो हृदय हेतु लाभप्रद है।

हरी सब्जियों, शलगम, मटर, ओट्स, सनलावर सीडस में काफी मात्रा में फॉलिक एसिड होता है। कोलेस्ट्रॉल लेवल घटाने में मदद करते हैं। अंडे की जर्दी का सेवन न करें। बस सफेद हिस्सा खाएं। स्किड दूध या सोया मिल्क लें। इनमें फैट्स की मात्रा नहीं होती।

कोलेस्ट्रॉल लिवर के डिस्आॅर्डर से बढ़ता है। लिवर की सफाई पर ध्यान दें। आंवला जूस और वेजीटेबल जूस लाभप्रद हैं। इनका नियमित सेवन करें।

क्या न लें

मलाई युक्त दूध, रेड मीट, अंडे के पीले भाग में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है इनसे बचें। बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एल डील एल बढ़ा हुआ है तो चीनी, चावल, मैदा न खाएं। मियोनिज, नारियल तेल, वनस्पति, देसी घी, मक्खन में सैचुरेडिट फैट होते हैं। इनके सेवन से बचें। बिस्किट, नमकीन, बेकरी प्रॉडक्टस न लें क्योंकि इनमें ट्रांसफैट होता है जो सीधा लिवर को नुकसान पहुंचाता है।

इन्हें न खाएं। प्रोसेस्ड और जंक फूड से बचें पेस्ट्री, केक, आइसक्रीम, मिठाई आदि से परहेज करें। फुल क्रीम दूध और उससे बना पनीर, खोया खाने में परहेज करें। उड़द दाल, नमक, चावल, कॉफी का सेवन कम से कम करें। नारियल और नारियल का दूध न पिएं।

कोलेस्ट्रॉल का टेस्ट कब करवाएं

अगर फैमिली हिस्ट्री है तो 30 वर्ष की आयु से कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना प्रारंभ कर दें। अगर रिपोर्ट ठीक है तो 30 से 40 साल तक की आयु में दो साल में एक बार अवश्य कराएं।

अगर रिपोर्ट में गड़बड़ है तो डॉक्टर के परामर्शनुसार टेस्ट करवाएं। कोलेस्ट्रॉल के लिए लिपिड प्रोफाइल टेस्ट करवाएं। इसमें एल डी एल, एच डी एल और ट्राइग्लिसराइड्स की रिडिंग्स पता चलेगी। अगर बाकी टेस्ट की आवश्यकता पड़े तो डॉक्टर के अनुसार चलें।

सुनीता गाबा


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