Wednesday, July 9, 2025
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Sawan Month 2024: श्रावण मास में भोलेनाथ को खुश करने के लिए अपनाएं ये वास्तु टिप्स, खुल जाएगी आपकी किस्मत

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। बस कुछ ही दिनों में यानि 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू होने जा रहा है। इसको लेकर शिव भक्त तैयारियों में जुट गए हैं। वहीं, सावन माह का समापन 19 अगस्त 2024 को होगा। श्रावण के महीने को बहुत पवित्र महीना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह समय भगवान शिव को समर्पित है।

ऐसे में भगवान शिव की पूजा, व्रत आदि करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। सावन के महीने में अगर आपको भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करनी है तो आपको वास्तु निमित्त कई चीजों का ध्यान रखने की जरूरत है। तो आइए जानते हैं ऐसे कौन से वास्तु उपाय हैं जिन्हें अपनाने से भोलेनाथ अपनी कृपा भक्तों पर बनाए रखते हैं।

जैसा कि सब जानते हैं कि श्रावण मास बेहद ही पवित्र महीना माना जाता है। ऐसे में आपको कुछ खास वास्तु सुझावों का पालन करना चाहिए साथ ही कुछ स्थान पर सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है।

  • भगवान शिव को बेलपत्र और बेल के पौधे प्रिय हैं। शिव पुराण के अनुसार जिस स्थान पर बेल लगाई जाती है वह स्थान काशी के समान पवित्र मानी जाती है। बेल के वृक्ष पर जल चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। वास्तु के अनुसार बेल के वृक्ष को उत्तर-पूर्व दिशा में लगाना चाहिए।
  • पूजा स्थल पर भगवान शिव या भगवान शिव के परिवार की तस्वीर लगानी चाहिए। वास्तु के अनुसार भगवान शिव के परिवार की तस्वीरें उत्तर दिशा में लगानी चाहिए।
    शिव पूर्णता के प्रतीक हैं। अपने घर में शिव तांडव की मूर्तियां या भगवान शिव की क्रोधित तस्वीरें न रखें।
  • अगर आप अपने घर में शिवलिंग स्थापित करने के बारे में सोच रहे हैं तो सावन का महीना आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। हालांकि, शिवलिंग की दिशा का भी ध्यान रखना जरूरी है। घर के ईशान कोण यानि उत्तर और पूर्व की दिशा के बीच में शिवलिंग रखें। उत्तर और पूर्व के मध्य की या दिशा सदैव शुभ रहती है।
  • वास्तु शास्त्र में इस दिशा को बहुत शुभ माना जाता है। इस दिशा को देवी-देवताओं की दिशा कहा जाता है। साथ ही सावन के दौरान “ॐ नमः शिवाय” का जाप भी अवश्य करें।
  • सावन माह की त्रयोदशी और शिवरात्रि के दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद शमी का पौधा लगाना चाहिए। शमी का वृक्ष लगाने से पहले उसके नीचे पान के बीज और कुछ सिक्के गाड़ दें।
  • शनिवार के दिन इस पौधे में एक छोटा सा शिव लिंग स्थापित करें। सावन के दौरान प्रतिदिन इस शिव लिंग पर जल या दूध चढ़ाएं। इस उपाय से शनि के बुरे प्रभाव दूर होंगे और भगवान शिव प्रसन्न होंगे।
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