जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, केंद्र सरकार का राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने से इनकार करना देश के लोगों के साथ विश्वासघात करने जैसा है।
संसद द्वारा पारित कानून के मुताबिक, राज्यों को समय पर जीएसटी मुआवजे का भुगतान करना महत्वपूर्ण है, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। हमें एकजुट होकर काम करना है और केंद्र के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी।
गैर एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बुधवार को हुई बैठक में सोनिया ने कहा, राज्यों का बकाया बढ़ता जा रहा है और सभी राज्यों की वित्तीय स्थिति बुरी तरह प्रभावित है।
केंद्र सरकार मुनाफाखोरों से एकतरफा उपकर वसूल रही है, लेकिन इसे राज्यों के साथ साझा नहीं किया जा रहा है और इस राजस्व पर कब्जा किया हुआ है। राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने से इनकार करना जनता के साथ विश्वासघात की तरह ही है।
सोनिया ने कहा कि यह बैठक बुलाने का मकसद समान विचारधारा वाली पार्टियों के बीच कुछ अहम व केंद्र-राज्य संबंधों पर असर डालने वाले मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण बनाना था।
सोनिया ने कहा कि जीएसटी को ‘सहकारी संघवाद’ के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया था और राष्ट्रहित में राज्यों ने कराधान की अपनी सांविधानिक शक्तियों को त्यागने पर सहमति व्यक्त करने के बाद जीएसटी अस्तित्व में आया था। इसके तहत पांच साल तक राज्यों को जीएसटी मुआवजा देने का वादा किया गया था। लेकिन केंद्र राज्यों को उनका हक नहीं दे रहा है।
सोनिया ने कहा, दशकों से जमा की गई सार्वजनिक क्षेत्रों की संपत्ति को बेचा जा रहा है। कई राज्य सरकारों ने इसको लेकर कड़ा विरोध जताया है। मोदी सरकार ने छह एयरपोर्ट को निजी हाथों में दे दिया, देश की लाइफ लाइन रेलवे का निजीकरण करने की तैयारी की जा रही है। देशहित में समान विचारधारा वाली पार्टियों को साथ आना चाहिए।