जनवाणी संवाददाता |
कंकरखेड़ा/मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) ने बुधवार को कंकरखेड़ा पुलिस के साथ मिलकर खिर्वा रोड स्थित उस भूमि को कब्जा मुक्त करा लिया है, जिस पर कुछ लोगों ने कोरोना काल में टेंट की पर्देदारी कर दुकानों का निर्माण कर लिया था।
इस भूमि को मेरठ विकास प्राधिकरण ने चार वर्ष पूर्व कब्जा मुक्त कराया था, लेकिन विभाग की अनदेखी के चलते लोगों ने जमीन पर फिर से कब्जा कर लिया था। इस खबर को दैनिक जनवाणी समाचार पत्र ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। एमडीए की टीम ने जमीन को कब्जा मुक्त कराने के बाद चेतावनी का बोर्ड भी लगा दिया, जिस पर साफ लिखा गया है कि यह जमीन मेरठ विकास प्राधिकरण की है।
इस पर कब्जा करना दंडनीय अपराध है।खिर्वा रोड पर एक मंडप के सामने मेरठ विकास प्राधिकरण ने श्रद्धापुरी आवासीय योजना फेस वन के अंतर्गत एमडीए द्वारा अर्जित भूमि को बुधवार के दिन दोबारा से कब्जा मुक्त कराना पड़ा। इसी भूमि को चार वर्ष पूर्व मेरठ विकास प्राधिकरण ने पांच थानों की फोर्स के साथ कब्जा मुक्त कराया था, लेकिन कोरोना काल में टेंट की आड़ में कुछ लोगों ने इस भूमि को पर दोबारा से कब्जा कर लिया और यह खेल कुछ अधिकारियों की सांठगांठ जगजाहिर हो रही थी। इसके बाद मेरठ विकास प्राधिकरण अधिकारियों ने ऐक्शन लिया।
मौके पर आकर जांच की गई। इसके बाद कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई। बुधवार को जोनल अधिकारी धीरज सिंह, तहसीलदार विपिन मोरल, अधिशासी अभियंता अरुण शर्मा, सहायक अभियंता एमएल मित्रा, जेई संजय वशिष्ट, गौरव व सर्वेश गुप्ता सहित पूरा स्टाफ कंकरखेड़ा थाने पहुंचा और यहां से पुलिस बल साथ लेकर मौके पर ध्वस्तीकरण अभियान चलाया गया। यहां पर जेसीबी मशीन से सात दुकानें ध्वस्त कर दी गई।
जेई संजय वशिष्ट ने बताया कि यह भूमि एमडीए द्वारा अर्जित की हुई हैं, जिस पर गलत तरीके से कब्जा कर दुकानों का निर्माण किया गया था। जमीन को अब कब्जामुक्त करा लिया गया है और सर्किल रेट के अनुसार इसकी कीमत सात करोड़ रुपये हैं। यहां पर चेतावनी वाला बोर्ड भी लगा दिया गया है।
इस बोर्ड पर लिखा है कि यह जमीन एमडीए की है, इस पर कब्जा करना दंडनीय अपराध है। जिस व्यक्ति ने अवैध तरीके से दुकानों का निर्माण कर जमीन पर कब्जा किया था, उसके खिलाफ थाने में भी एमडीए की तरफ से तहरीर दी गई है।