Tuesday, May 6, 2025
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Big Breaking: फाइटर मिग-21 की उड़ान पर एयरफोर्स का प्रतिबंध

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। इंडियन एयरफोर्स ने मिग-21 की पूरी फ्लीट की उड़ान भरने पर रोक लगा दी है। एयरफोर्स के अफसरों ने बताया है कि मिग-21 के हादसे बढ़ते जा रहे थे, इस वजह से रोक लगाई गई है।

अफसरों का कहना है कि मिग-21 के कई फाइटर जेट क्रैश हुए हैं इनकी जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद हादसों की वजहों का पता चलेगा। कहा कि जब तक हादसे की कारणों का पता नहीं चलेगा तब तक फिलहाल रोक जारी रहेगी। आइए जानते हैं पूरी पड़ताल रिपोर्ट…

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मिग-21 सिंगल इंजन और सिंगल सीट वाला मल्टी रोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसे 1963 में इंटरसेप्टर एयरक्राफ्ट के तौर पर इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था। अगले कुछ सालों में इसे अटैक फीचर्स के साथ अपग्रेड किया गया था।

फिलहाल, एयरफोर्स में मिग-21 की 3 स्क्वाड्रन हैं। हर स्क्वाड्रन में 16 से 18 एयरक्राफ्ट होते हैं। इस हिसाब से लगभग 50 मिग-21 सर्विस में हैं। इन्हें भी 2025 की शुरुआत तक धीरे-धीरे रिटायर किया जाना है। एयरफोर्स के पास कुल 31 कॉम्बेट एयरक्राफ्ट स्क्वाड्रन हैं।

16 महीने में 7 बार क्रैश हुआ मिग-21 फाइटर जेट

  • 5 जनवरी 2021: राजस्थान के सूरतगढ़ में मिग क्रैश हुआ था। इस हादसे में पायलट सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहा था।

  • 17 मार्च 2021: मध्य प्रदेश के ग्वालियर के पास एक मिग-21 बाइसन प्लेन क्रैश हुआ था। IAF ग्रुप कैप्टन की इस दुर्घटना में मौत हो गई थी।

  • 20 मई 2021: पंजाब के मोगा में मिग-21 की दूसरी दुर्घटना हुई। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।

  • 25 अगस्त 2021: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 एक बार फिर हादसे का शिकार हुआ। इस प्लेन क्रैश में पायलट खुद को बचाने में सफल रहा था।

  • 25 दिसंबर 2021: राजस्थान में ही मिग-21 बाइसन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस हादसे में पायलट की जान चली गई थी।

  • 28 जुलाई 2022: राजस्थान के बाड़मेर में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। इस घटना में दो पायलट्स की जान चली गई थी।

  • 8 मई 2023: राजस्थान के हनुमानगढ़ में मिग-21 विमान क्रैश हो गया। पायलट सुरक्षित।

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सबसे खराब है मिग-21 का सेफ्टी रिकॉर्ड

मिग-21 का सेफ्टी रिकॉर्ड बेहद खराब है, इसलिए भारतीय वायु सेना इसे अन्य सक्षम विमानों जैसे SU-30 और स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (LCA) से बदल रही है। इसमें देरी के कारण ही वायुसेना में MiG अब तक अपनी जगह बनाए है। 1963 के बाद से इंडियन एयर फोर्स को विभिन्न श्रेणी के 872 मिग फाइटर प्लेन मिल चुके हैं।

इनमें से करीब 500 फाइटर जेट क्रैश हो चुके हैं। इन हादसों में 200 से ज्यादा पायलट्स व 56 आम लोगों को जान गंवानी पड़ी। इतनी तादाद में हादसों का शिकार होने के कारण Mig-21 उड़ता ताबूत और विडो मेकर के नाम से भी बदनाम है।

रूस चीन के बाद मिग-21 का भारत सबसे बड़ा ऑपरेटर

रूस और चीन के बाद भारत मिग-21 का तीसरा सबसे बड़ा ऑपरेटर है। 1964 में इस विमान को पहले सुपरसोनिक फाइटर जेट के तौर पर एयरफोर्स में शामिल किया गया था। शुरुआती जेट रूस में बने थे और फिर भारत ने इस विमान को असेंबल करने के राइट्स और टेक्नीक भी हासिल कर ली थी।

तब से अब तक मिग-21 ने 1971 के भारत-पाक युद्ध, 1999 के कारगिल युद्ध समेत कई मौकों पर अहम भूमिका निभाई है। रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा।

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