Monday, July 1, 2024
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कानपुर हिंसा: मास्टरमाइंड हयात जफर को लेकर बड़ा खुलासा, चौंक जाएंगे पढ़कर

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जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: कानपुर में हुई हिंसा और बवाल का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी अपने करीबी निजाम कुरैशी और इकलाख मिर्जा नाम के शख्स के जरिये पीएफआई के संपर्क में था। पुलिस की तफ्तीश में इसका खुलासा हुआ है। निजाम बवाल व हिंसा के केस में नामजद आरोपी है, जबकि इकलाख का नाम केस में अभी नहीं है। पुलिस और साक्ष्य जुटाने के बाद इसको आरोपी बनाने की तैयारी कर रही है।

इस तरह से बवाल के साजिशकर्ताओं का पीएफआई से कनेक्शन और पुख्ता होता दिख रहा है। बवाल के मामले में दर्ज केस में 36 नामजद आरोपी बनाए गए हैं। जिसमें निजाम कुरैशी का नाम भी शामिल है। निजाम कुछ दिनों तक समाजावादी पार्टी में रहा है। पिछले महीने की 22 तारीख को उसको पार्टी से निष्काषित किया गया था। वह जमीयतुल कुरैश नाम का संगठन भी चलाता है। हयात जफर हाशमी के साथ मिलकर इस तरह की गतिविधियों में हमेशा शामिल होता रहा है।

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इसके अलावा बाबूपुरवा निवासी इकलाख मिर्जा नाम का शख्स कारोबारी है। सूत्रों के मुताबिक यह दोनों पीएफआई के सीधे संपर्क में हैं। इसके जरिये हयात भी संपर्क में था। यह खुलासा जांच में हुआ है। सर्विलांस के जरिये इससे संबंधित कई अहम तथ्य सामने आए हैं।

सूत्रों के मुताबिक लोकल पीएफआई सदस्यों के संपर्क में निजाम व इकलाख हैं। इनके बारे में पुलिस और जानकारी जुटा रही है। पुलिस पीएफआई के पूरे नेटवर्क को तलाशने में जुटी है। संभव है कि इसमें पुलिस के साथ एटीएस भी बड़ी कार्रवाई करे।

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सीएए हिंसा में बाबूपुरवा पुलिस ने पीएफआई के पांच सदस्यों को जेल भेजा था। पुलिस उनके बारे में भी जानकारी जुटा रही है। हालांकि निजाम व इकलाख जिनके संपर्क में हैं वह दूसरे लोग हैं। जल्द इन पर नकेल कसी जाएगी।

जिस दिन शहर में बवाल हुआ था उसी दिन पश्चिम बंगाल और मणिपुर में भी पीएफआई ने बंदी की कॉल की थी। इसी तरह से वहां भी बवाल हुआ था। एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन की तरफ से जो बाजार बंदी का आह्वान किया गया था वह भी उसी तर्ज पर था।

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अब जब पीएफआई से कनेक्शन जुड़ने लगा तो स्पष्ट हो रहा है कि कहीं न कहीं एक तरह साजिश के पीछे पीएफआई का हाथ है। हालांकि बाकी तथ्य जांच पूरी होने तक सामने आएंगे।

पीएफआई कनेक्शन के आने के बाद से ही एटीएस भी सक्रिय हो गई थी। कई संदिग्ध लोगों को चिन्हित किया है। मोबाइल नंबर भी सर्विलांस पर लगाए हैं। पीएफआई संबंधी तमाम जानकारी एटीएस जुटा रही है।

उधर पुलिस पुराने शातिर अपराधियों की तलाश में जुटी है। तमाम अपराधी नाम बदलकर रहने लगते हैं, उनका भी ब्योरा खंगाला जा रहा है।

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