- एसवीएम इंटर कालेज और शिशु मंदिर में आयोजन
जनवाणी संवाददाता |
शामली: सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में अपने मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक माधव राव सदाशिव राव गोलवलकर एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई गई।
शनिवार को कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं दोनों महापुरुषों के चित्र के सम्मुख पुष्पार्चन से हुआ। इस दौरान मुख्य वक्ता उप प्रधानाचार्य मलूक चंद ने बताया कि गुरुजी बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के धनी थे।
उन्होंने अखंड भारत का स्वप्न देखा था इसलिए वे सन् 1948 में तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के आग्रह पर कश्मीर को भारत में विलय कराने के लिए स्वयं राजा हरिसिंह के पास गए और राष्ट्रहित के लिए राजा हरिसिंह को मना लिया था। सन् 1939 में गुरुजी को सरकार्यवाह नियुक्त किया गया। फिर, 1940 में डा. हेडगेवार द्वारा उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का द्वितीय सरसंघचालक नियुक्त किया। उन्होंने जीवन पर्यंत संघ एवं भारतीय समाज को दिशा एवं मार्गदर्शन देने का कार्य पूर्ण निष्ठा एवं मेहनत के साथ किया।
आचार्य सोमदत्त आर्य ने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन चरित्र पर प्रकाश ड़ालते हुए उन्हें भारत का महान शासक एंव कुशल रणनीति कार बताया। उन्होंने हिन्दुओं की राजनैतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित करके एक संगठित हिन्दू साम्राज्य की स्थापना की।
इस अवसर पर आचार्य मोहर सिंह, नीटू कश्यप, पवन कुमार, अरविन्द कुमार, अंकुर कुमार, ब्रजपाल सिंह, मधुबन शर्मा, शुभम भारद्वाज, बिजेन्द्र सिंह, महेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे।
विद्या मंदिर में भी मनाई गई जयंती
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जूनियर स्कूल में छत्रपति शिवाजी एवं आरएसएस के द्वितीय सरसंघचालक माधव राव सदाशिव राव गोलवलकर की जयंती हर्षाेल्लास के साथ मनाई गई। जयंती का प्रारंभ प्रधानाचार्य संजय कुमार सैनी एवं मुख्य वक्ता सुनील कुमार द्वारा दोनों महापुरुषों के चित्र पर पुष्प अर्चन किए गए।
मुख्य वक्ता आचार्य सुनील कुमार ने छात्रपति शिवाजी महाराज तथा प्रधानाचार्य संजय कुमार सैनी ने दोनों महापुरुषों के जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर आचार्य विजेंद्र कुमार, आशीष जैन, सुधीर कुमार, शिवकुमार धीमान, प्रवेश शर्मा, संजीव बालियान, आदेश धीमान, कुमारी नीरज, स्वाति जैन, संगीता गोयल, रामा शर्मा, संगीता शर्मा, मीनाक्षी शर्मा, नूपुर वशिष्ठ आदि उपस्थित रहे।