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खतौली से उमेश कुमार, शाहपुर, बुढ़ाना, जानसठ में पुराने चेयरमैनों पर जताया भरोसा
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भाजपा के टिकट को लेकर मचा था जबरदस्त घमासान, हाईकमान के लिए निर्णय लेना हो रहा था मुश्किल
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: नगर निकाय चुनाव में भाजपा ने सबसे आखिर में अपने पत्ते खोले हैं। मुजफ्फरनगर नगरपालिका सीट पर चितरंजन स्वरूप परिवार की बहु मीनाक्षी स्वरूप को टिकट दिया गया है, जबकि खतौली नगरपालिका सीट पर उमेश कुमार को प्रत्याशी बनाया गया है।
नगर पंचायत में शाहपुर, बुढ़ाना व जानसठ सीट पर पुराने चेयरमैनों को एक बार फिर प्रत्याशी बनाया गया है, जबकि पुरकाजी में भारत भूषण खुल्लर, सिसौली में ममता बालियान, भोकरहेड़ी में संतोष देवी, चरथावल में अजय वर्मा व मीरापुर में नवीन सैनी को प्रत्याशी बनाया गया है।
बता दें कि नगर निकाय चुनाव को लेकर विपक्षी खेमे ने अपने पत्ते खोलते हुए जनपद की दो नगरपालिकाओं व आठ नगर पंचायतों में से अधिकतर पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं, जबकि सत्ताधारी भाजपा अपने प्रत्याशी की घोषणा करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी।
आज भाजपा ने अपने पत्ते खोल दिये हैं और टिकटों को लेकर चर्चाओं के बाजार पर विराम लगा दिया है। अब लगभग गठबंधन व भाजपा ने लगभग सभी सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये हैं और चुनाव की तस्वीर काफी हद तक साफ हो गयी है।
हालांकि इस चुनाव में बसपा के टिकट भी मायने रखेंगे, क्योंकि गठबंधन द्वारा जिस वोटबैंक को अपना माना जा रहा है, यदि वहां पर बसपा द्वारा किसी मजबूत प्रत्याशी को उतार दिया जाता है, गठबंधन को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
अभी सीटों पर जो समीकरण बने हुए हैं, वह गड़बड़ा जायेंगे। मुजफ्फरनगर नगरपालिका सीट की यदि बात करें, तो इस बार भाजपा को यहां पर ब्राह्मण प्रत्याशी न उतारने का नुकसान उठाना पड़ सकता है और इस बार ब्राहमण वोट भाजपा के खेमे से खिसक सकता है, क्योंकि गठबध्ंान ने इस बार ब्राह्मण को टिकट देकर भाजपा को शह दे दी है, अब देखना है कि गठबंधन की शह को भाजपा किस तरह से अपनी मात देगी।
दूसरी ओर भाजपा के जिलाध्यक्ष एक ब्राह्मण हैं और उन पर बड़ी जिम्मेदारी होगी, कि किसी भी तरह ब्राह्मण वोट भाजपा के खेमे से न खिसक पाये। यदि भाजपा जिलाध्यक्ष इस बार ब्राह्मण वोट भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में दिलाने में कामयाब नहीं हुए, तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ सकता है।
सूत्रों की मानें, तो ब्राह्मण समाज इस बात से खफा है कि प्रत्येक चुनाव में उनकी अनदेखी की जाती है और हर बार वैश्यों पर ही भरोसा जताया जाता है। बता दें कि शनिवार को मुजफ्फरनगर नगरपालिका के लिए ब्राह्मण समाज व पंजाबी समाज के भी एक-एक पर्चा खरीदे जाने के बाद इस चुनाव को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था।
माना जा रहा है कि जिस तरह से जातिगत आधार पर टिकट मांगा जा रहा है, यदि टिकट देने के लिए किसी भी तरह की चूक हुई, तो भाजपा को भीतरघात का सामना करना पड़ सकता है और विद्रोह की भी स्थिति पैदा हो सकती है।
भारतीय जनता पार्टी में टिकट की घोषणा से पहले ही पार्टी में बगावत के स्वर नजर आने लगे थे। शनिवार को सरवट के ग्राम प्रधान रहे और जिला पंचायत सदस्य श्री भगवान शर्मा ने आज अपनी पत्नी उषा शर्मा के नाम से नामांकन पत्र खरीदा था।
सूत्रों की मानें तो भाजपा से टिकट न मिलने से खफा श्रीभगवान ने बसपा के भी संपर्क में चले गये हैं और श्री भगवान बसपा के पूर्व में नेता भी रहे हैं, ऐसी स्थिति में श्री भगवान बसपा से चुनाव लड़ सकते हैं।
दूसरी ओर सरवट के ही पूर्व प्रधान रहे इंतेजार त्यागी भी बसपा से ही टिकट मांग रहे हैं। इंतेजार त्यागी का मानना है कि परिसीमन के बाद मुस्लिम व दलित समीकरण बन गया है और यदि उन्हें टिकट मिलता है, तो वह दलित व मुस्लिम समीकरण के सहारे अपनी नैय्या को पार लगा सकते हैं।
निकाय चुनाव की बिसात बिछ चुकी हैं और दलों द्वारा अपनी चाले चल दी गयी हैं, अब देखना यह होगा कि किसी शह को मात मिलेगी और कौन सरताज बनेगा।
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